जबलपुर। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने आरोप लगाया है कि बीते 5 साल में विपक्ष की वजह से देश का नुकसान हुआ है. विपक्ष सदन को नहीं चलने देना चाहता है. 26 दलों के मोर्चे को इंडिया नाम देने पर भी उन्होंने आपत्ति दर्ज की है. उनका कहना है कि ''इंडिया नाम रख लेने से कोई देश का हितेषी हो जाएगा ऐसा नहीं माना जा सकता.'' प्रहलाद पटेल का कहना है कि ''मणिपुर छत्तीसगढ़ राजस्थान और बिहार में महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए."
विपक्ष सार्थक बहस नहीं करता: प्रहलाद पटेल का कहना है कि "बीते 5 सालों से विपक्ष ने संसद में एक भी सार्थक बहस नहीं की है. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. विपक्ष को देश के मुद्दों पर सार्थक बहस करनी चाहिए.'' उनका कहना है कि ''जब भी सदन में सार्थक बहस होती है विपक्ष कोई ऐसा मुद्दा लाता है जिसमें हंगामा होता है और बहस नहीं हो पाती, इससे न केवल लोकतंत्र का नुकसान है बल्कि आम जनता के पैसे की भी हानि होती है.''
महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए: प्रहलाद पटेल ने कहा कि ''इस बार विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. उम्मीद है कि इस बार सदन में अच्छी बहस होगी. देश हित से जुड़े हुए गंभीर मुद्दों पर सदन में चर्चा होगी. खास तौर पर मणिपुर के हालात पर सदन में चर्चा होने की संभावना है. मणिपुर के अलावा छत्तीसगढ़, बिहार और राजस्थान में भी महिलाओं के उत्पीड़न के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.'' कांग्रेस सहित 26 दलों ने अपने नए गठबंधन को इंडिया नाम दिया है इस पर आपत्ति जताते हुए प्रहलाद पटेल ने कहा कि ''इंडिया नाम का दुरुपयोग सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था और इंडियन नेशनल कांग्रेस भी उसी का शॉक अब्जॉर्बर है और इंडियन के नाम से तो इंडियन हिज्बुल मुजाहिदीन भी है. इसलिए केवल नाम रख लेने से कोई देश का हितेषी हो जाएगा, ऐसा नहीं माना जा सकता.''
अपने कैरियर में इतना दिशाहीन विपक्ष नहीं देखा: मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रहलाद पटेल वर्तमान लोकसभा में सदस्य हैं और अब तक 5 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. वे 1989 से लगातार अलग-अलग लोकसभा में सदस्य रहे हैं. वर्तमान में प्रहलाद पटेल केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण और जल संसाधन राज्य मंत्री हैं. अपने लंबे राजनीतिक कैरियर का हवाला देते हुए प्रहलाद पटेल का कहना है कि ''उनके लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी भी इतना दिशाहीन विपक्ष नहीं देखा.'' उनका आरोप है कि ''वर्तमान में विपक्ष की एकमात्र रणनीति है कि किसी तरह से सत्ता हासिल की जाए. इसके लिए वे सब फर्जी आवरण ओढ़ कर एक साथ इकट्ठे हुए हैं. विपक्ष के पास मोदी सरकार से लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं है.''