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RPF में कांस्टेबल भर्ती का फर्जी विज्ञापन जारी करने वाले दो युवक बिहार से गिरफ्तार

रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) में कॉन्स्टेबल की 19800 पदों की भर्ती फेक न्यूज़ प्रसारित करने वालों को आरपीएफ एवं सीबीआई की टीम ने बिहार के गया से गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों ने फेक न्यूज इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया साइटस् में विज्ञापन जारी कर पढे़ लिखे बेरोजगार युवाओं को भ्रमित करके वसूली करने के लिए ये साजिश रची. आरपीएफ जबलपुर, गया एवं सीबीआई की टीम की मदद से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

fake recruitment advertisement in RPF
फर्जी विज्ञापन जारी करने वाले दो युवक बिहार से गिरफ्तार
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Published : Jan 17, 2023, 4:12 PM IST

जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि आरपीएफ में आरक्षक पद पर 19800 पदों पर भर्ती निकलने की फेक न्यूज प्रसारित करने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बेरोजगार युवाओं को भ्रमित करके वसूली करने की शिकायत अलग-अलग माध्यमों से रेल प्रशासन को मिल रही थीं. इस पर संज्ञान लेते हुए रेल प्रशासन ने इस तरह की कोई वैकेंसी नहीं निकालने का खंडन जारी किया था. वहीं इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की गई तो पूरे मामले में आईटी सेल जबलपुर को बड़ी कामयाबी हासिल हुई.

जबलपुर की टीम ने की गहराई से जांच : गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए आरपीएफ जबलपुर के आईटी सेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी हासिल की. पूरे मामले में वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त, रेल सुरक्षा बल जबलपुर अरूण त्रिपाठी के निर्देशन में आईटी सेल जबलपुर प्रभारी दीपेश मिश्रा एवं अभिषेक कुशवाहा द्वारा इस पूरे मामले जांच शुरू की गई तो सोशल मीडिया में चले रहे विज्ञापन से मिली लिंक में एक वाट्सएप ग्रुप (Govt.Job center) एवं टेलीग्राम ग्रुप (Education ki duniya) का संचालक एडमिन का पता चला. इसी ग्रुप से आरपीएफ कान्सटेबल की कुल 19,800 भर्ती का फर्जी विज्ञापन प्रकाशित कर दो संदिग्ध मोबाइल नम्बरों से अपराधियों द्वारा लोगों में भ्रम फैलाकर गुमराह किया जा रहा था.

वाट्सअप व टेलीग्राम ग्रुप मिले : आरोपियों द्वारा फर्जी विज्ञापन लिंक, वाट्सअप ग्रुप एवं टेलीग्राम ग्रुप को इस तरह डिजाइन किया था कि जब भी कोई जिज्ञासु छात्र इनको खोल कर देखता था तो इनके क्यूआर देखते और उसके बदले में उनको वेबसाइटों से आर्थिक लाभ मिलता था. उक्त सूचना की सत्यता की जांच हेतु आईटी सेल जबलपुर द्वारा समस्त डिटेल आरपीएफ पोस्ट गया (बिहार) भेजी गई. मोबाइल नंबर को जिला पुलिस प्रशासन साइबर सेल से टॉवर लोकेशन प्राप्त किया गया. टॉवर लोकेशन को आधार बनाकर आरपीएफ गया एवं सीआईबी गया की संयुक्त टीम ने थाना वजीरगंज को सूचित करते हुए गया जिले के वजीरगंज थाना अंतर्गत तिलोरा ग्राम में छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान घर के एक कमरे में दो नवयुवक मोबाइल व लैपटॉप पर काम करते मिले.

RPF कांस्टेबल के 19800 पदों पर भर्ती की अधिसूचना पूरी तरह फर्जी, रेलवे ने युवाओं को सतर्क किया

ऐसे करते थे काली कमाई : पूछताछ करने पर दोनों व्यक्तियों का नाम कुन्दन कुमार, उम्र करीब 21 वर्ष, पिता रविन्द्र प्रसाद वहीं दूसरे का नाम सोनू कुमार, उम्र करीब 22 वर्ष, पिता उपेन्द्र प्रसाद, दोनों ग्राम-तिलोरा, पोस्ट-तुंगी, थाना-वजीरगजं, जिला गया बताया. उक्त दोनों व्यक्तियों के कब्जे से बरामद मोबाइल और लैपटॉप को चेक करने पर उक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप, टेलीग्राम और वेबसाइट के माध्यम से (RPF Constable New Bharti 2023) का फर्जी विज्ञापन पोस्ट किया हुआ पाया गया तथा टेलीग्राम एप को चेक करने पर चैनल (Education ki duniya) का प्रोमोटर तथा एडमिन पाया गया. इसके संबंध में पूछने पर उन दोनों ने बताया कि इस वेबसाइट के माध्यम से अपने क्यूआर को पढ़ाकर अमेरिकन डॉलर में पैसे कमाते हैं और इस तरह के फर्जी विज्ञापन से क्यूआर ज्यादा देर तक वेबसाइट पर रुकते हैं, जिससे हमें अधिक डॉलर में पैसे मिलता हैं. यह काम दोनो लोग वर्ष 2019 से कर रहे हैं.

जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि आरपीएफ में आरक्षक पद पर 19800 पदों पर भर्ती निकलने की फेक न्यूज प्रसारित करने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बेरोजगार युवाओं को भ्रमित करके वसूली करने की शिकायत अलग-अलग माध्यमों से रेल प्रशासन को मिल रही थीं. इस पर संज्ञान लेते हुए रेल प्रशासन ने इस तरह की कोई वैकेंसी नहीं निकालने का खंडन जारी किया था. वहीं इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की गई तो पूरे मामले में आईटी सेल जबलपुर को बड़ी कामयाबी हासिल हुई.

जबलपुर की टीम ने की गहराई से जांच : गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए आरपीएफ जबलपुर के आईटी सेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी हासिल की. पूरे मामले में वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त, रेल सुरक्षा बल जबलपुर अरूण त्रिपाठी के निर्देशन में आईटी सेल जबलपुर प्रभारी दीपेश मिश्रा एवं अभिषेक कुशवाहा द्वारा इस पूरे मामले जांच शुरू की गई तो सोशल मीडिया में चले रहे विज्ञापन से मिली लिंक में एक वाट्सएप ग्रुप (Govt.Job center) एवं टेलीग्राम ग्रुप (Education ki duniya) का संचालक एडमिन का पता चला. इसी ग्रुप से आरपीएफ कान्सटेबल की कुल 19,800 भर्ती का फर्जी विज्ञापन प्रकाशित कर दो संदिग्ध मोबाइल नम्बरों से अपराधियों द्वारा लोगों में भ्रम फैलाकर गुमराह किया जा रहा था.

वाट्सअप व टेलीग्राम ग्रुप मिले : आरोपियों द्वारा फर्जी विज्ञापन लिंक, वाट्सअप ग्रुप एवं टेलीग्राम ग्रुप को इस तरह डिजाइन किया था कि जब भी कोई जिज्ञासु छात्र इनको खोल कर देखता था तो इनके क्यूआर देखते और उसके बदले में उनको वेबसाइटों से आर्थिक लाभ मिलता था. उक्त सूचना की सत्यता की जांच हेतु आईटी सेल जबलपुर द्वारा समस्त डिटेल आरपीएफ पोस्ट गया (बिहार) भेजी गई. मोबाइल नंबर को जिला पुलिस प्रशासन साइबर सेल से टॉवर लोकेशन प्राप्त किया गया. टॉवर लोकेशन को आधार बनाकर आरपीएफ गया एवं सीआईबी गया की संयुक्त टीम ने थाना वजीरगंज को सूचित करते हुए गया जिले के वजीरगंज थाना अंतर्गत तिलोरा ग्राम में छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान घर के एक कमरे में दो नवयुवक मोबाइल व लैपटॉप पर काम करते मिले.

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ऐसे करते थे काली कमाई : पूछताछ करने पर दोनों व्यक्तियों का नाम कुन्दन कुमार, उम्र करीब 21 वर्ष, पिता रविन्द्र प्रसाद वहीं दूसरे का नाम सोनू कुमार, उम्र करीब 22 वर्ष, पिता उपेन्द्र प्रसाद, दोनों ग्राम-तिलोरा, पोस्ट-तुंगी, थाना-वजीरगजं, जिला गया बताया. उक्त दोनों व्यक्तियों के कब्जे से बरामद मोबाइल और लैपटॉप को चेक करने पर उक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप, टेलीग्राम और वेबसाइट के माध्यम से (RPF Constable New Bharti 2023) का फर्जी विज्ञापन पोस्ट किया हुआ पाया गया तथा टेलीग्राम एप को चेक करने पर चैनल (Education ki duniya) का प्रोमोटर तथा एडमिन पाया गया. इसके संबंध में पूछने पर उन दोनों ने बताया कि इस वेबसाइट के माध्यम से अपने क्यूआर को पढ़ाकर अमेरिकन डॉलर में पैसे कमाते हैं और इस तरह के फर्जी विज्ञापन से क्यूआर ज्यादा देर तक वेबसाइट पर रुकते हैं, जिससे हमें अधिक डॉलर में पैसे मिलता हैं. यह काम दोनो लोग वर्ष 2019 से कर रहे हैं.

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