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Yellow Semal: 'होली' पर कुदरत की अनमोल सौगात, जबलपुर अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने खोजा पीला सेमल

प्रकृति भी वक्त-वक्त पर अनूठे खेल खेलती है. इसका जीता जागता उदाहरण संस्कारधानी जबलपुर से सामने आया है. दरअसल जबलपुर में पीले सेमल का पेड़ मिला है. अभी तक आपने सेमल के पेड़ में लाल फूल देखे होंगे, लेकिन इस पेड़ में पीले फूल खिल आए हैं. इसलिए यह पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है. राज्य वन अनुसंधान केंद्र में संरक्षित इलाके में इस पेड़ पर शोध किया जा रहा है.

Yellow semen found in Jabalpur
जबलपुर में मिला पीला सेमल
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Published : Feb 27, 2023, 7:58 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 8:13 PM IST

जबलपुर में मिला पीला सेमल

जबलपुर। पेड़-पौधों की दुनिया भी काफी बड़ी व आश्चर्यजनक है. इसको जितना जाने उतना ही कम है. कुछ पेड़-पौधे हमारे समाज, पर्व और रीतियों से जुड़े होते हैं. हिंदू धर्म का बड़ा त्योहार होली आने ही वाला है. होली के ठीक पहले कई जंगली पेड़ों में सुंदर फूल आ जाते हैं. हो सकता है कि पहले इन्हीं फूलों से रंग बनाए जाते रहे होंगे. होली के पहले सबसे ज्यादा चर्चा टेसू के फूलों की होती है. इसी तरह सुर्ख लाल रंग देने वाला एक दूसरा पेड़ सेमल होता है. लाल कलर का सेमल भी बहुतायत में पाया जाता है, लेकिन जबलपुर की वैज्ञानिकों ने कुछ नया खोजा है (Yellow semen found in Jabalpur).

पीले कलर का सेमल: जबलपुर के राज्य वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने सेमल का एक ऐसा पेड़ खोज निकाला है, जिसमें पीले कलर के सेमल के पुष्प आते हैं. सामान्य तौर पर सेमल लाल कलर का होता है और इसमें एक भीनी सी खुशबू होती है, पीले कलर का सेमल देश में कहीं भी नहीं पाया गया. जबलपुर के एक रेलवे स्टेशन के किनारे एक वृक्ष था. जिसे राज्य वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने देखा और इसके बाद इसे संरक्षित एरिया में लगा दिया. इस अनोखे वृक्ष पर अब शोध चल रहा है कि इसका क्या उपयोग हो सकता है.

सेमल के उपयोग: सेमल औषधीय पौधा होता है. इसका उपयोग रोगों से निजात में किया जाता है. सेमल एक बहुवर्षीय वृक्ष है. इसकी जड़ों में शक्तिवर्धक गुण पाए जाते हैं. सेमल मूसली नाम की एक दवा भी इससे बनाई जाती है. इसके अलावा सेमल में बहुत ही नरम किस्म के रेशे पाए जाते हैं जिससे तकिए बनाए जाते हैं. यही इसके बीज भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, लेकिन अभी तक यह वर्णन केवल लाल सेमल के बारे में दिया गया है. पीले सेमल के बारे में अभी लोगों को जानकारी नहीं है.

Also Read: प्रदेश के अनोखे पेड़ों की इन खबरों को भी पढ़ें

कई पेड़ों पर शोध जारी: अभी भी हमारे जंगलों में जो पेड़ पौधे पाए गए हैं, उनकी पूरी शोध जानकारियां लोगों के पास नहीं है. आयुर्वेद में जिन पेड़-पौधों के बारे में लिखा गया है, उनके सही प्रयोग वैज्ञानिक नहीं कर रहे हैं. प्रकृति ने हमारे आस-पास कई ऐसी औषधियां दी हैं, जो शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकती हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में एक का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

जबलपुर में मिला पीला सेमल

जबलपुर। पेड़-पौधों की दुनिया भी काफी बड़ी व आश्चर्यजनक है. इसको जितना जाने उतना ही कम है. कुछ पेड़-पौधे हमारे समाज, पर्व और रीतियों से जुड़े होते हैं. हिंदू धर्म का बड़ा त्योहार होली आने ही वाला है. होली के ठीक पहले कई जंगली पेड़ों में सुंदर फूल आ जाते हैं. हो सकता है कि पहले इन्हीं फूलों से रंग बनाए जाते रहे होंगे. होली के पहले सबसे ज्यादा चर्चा टेसू के फूलों की होती है. इसी तरह सुर्ख लाल रंग देने वाला एक दूसरा पेड़ सेमल होता है. लाल कलर का सेमल भी बहुतायत में पाया जाता है, लेकिन जबलपुर की वैज्ञानिकों ने कुछ नया खोजा है (Yellow semen found in Jabalpur).

पीले कलर का सेमल: जबलपुर के राज्य वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने सेमल का एक ऐसा पेड़ खोज निकाला है, जिसमें पीले कलर के सेमल के पुष्प आते हैं. सामान्य तौर पर सेमल लाल कलर का होता है और इसमें एक भीनी सी खुशबू होती है, पीले कलर का सेमल देश में कहीं भी नहीं पाया गया. जबलपुर के एक रेलवे स्टेशन के किनारे एक वृक्ष था. जिसे राज्य वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने देखा और इसके बाद इसे संरक्षित एरिया में लगा दिया. इस अनोखे वृक्ष पर अब शोध चल रहा है कि इसका क्या उपयोग हो सकता है.

सेमल के उपयोग: सेमल औषधीय पौधा होता है. इसका उपयोग रोगों से निजात में किया जाता है. सेमल एक बहुवर्षीय वृक्ष है. इसकी जड़ों में शक्तिवर्धक गुण पाए जाते हैं. सेमल मूसली नाम की एक दवा भी इससे बनाई जाती है. इसके अलावा सेमल में बहुत ही नरम किस्म के रेशे पाए जाते हैं जिससे तकिए बनाए जाते हैं. यही इसके बीज भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, लेकिन अभी तक यह वर्णन केवल लाल सेमल के बारे में दिया गया है. पीले सेमल के बारे में अभी लोगों को जानकारी नहीं है.

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कई पेड़ों पर शोध जारी: अभी भी हमारे जंगलों में जो पेड़ पौधे पाए गए हैं, उनकी पूरी शोध जानकारियां लोगों के पास नहीं है. आयुर्वेद में जिन पेड़-पौधों के बारे में लिखा गया है, उनके सही प्रयोग वैज्ञानिक नहीं कर रहे हैं. प्रकृति ने हमारे आस-पास कई ऐसी औषधियां दी हैं, जो शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकती हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में एक का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

Last Updated : Feb 27, 2023, 8:13 PM IST
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