जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे में ही बीते 6 महीनों में 2816 बार लोगों ने चेन पुलिंग की. यह जानकारी जबलपुर पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने दी है. इनका कहना है कि लोग छोटी-छोटी बातों पर रेलगाड़ी को रोक देते हैं, जबकि लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि रेलगाड़ी में एक साथ हजारों यात्री सफर कर रहे हैं. इनमें से कुछ मरीज भी होते हैं, जिन्हें समय पर डॉक्टर के पास पहुंचना होता है. बहुत से स्टूडेंट होते हैं जिनकी परीक्षाएं निर्धारित समय पर होती हैं. समय पर नहीं पहुंचने पर उन्हें परीक्षा में बैठने को नहीं मिलता.
ट्रेनों का शेड्यूल खराब होता है : इन घटनाओं की वजह से रेलवे का शेड्यूल खराब होता है और आगे पीछे आने वाली रेलगाड़ियों को भी अपना समय परिवर्तित करना पड़ता है. इसलिए यदि किसी को समस्या है तो वह 131 पर बताकर रेलवे की सहायता ले सकता है. हर समस्या के लिए रेल को रोका जाना ठीक बात नहीं है. बिना किसी वाजिब वजह के रेलगाड़ी रोकने पर रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत जुर्माने की कार्रवाई होती है. इसमें 1 साल की सजा का प्रावधान भी है. पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि अब देश की आईआरसीटीसी की साइट पर बड़ी रेलवे स्टेशनों के लिए सर्च करने पर उसी शहर के आसपास की छोटी स्टेशन की जानकारी भी दिखने लगेंगी.
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जबलपुर स्टेशन निजी हाथों में नहीं : इस सुविधा को शुरू करने के पीछे रेलवे का तर्क है कि इससे किसी बड़े शहर की यात्रा करने वाले यात्री को आसपास के छोटे स्टेशनों की जानकारी हो जाती है. जैसे यदि आप जबलपुर के लिए आईआरसीटीसी की साइट पर सर्च करते हैं तो अब आपको जबलपुर, मदन महल, भेड़ाघाट और अधारताल की जानकारी भी मिलेगी. वहीं, भोपाल में रानी कमलापति स्टेशन को निजी हाथों में देने के बाद ऐसी संभावना थी कि जबलपुर को भी निजी हाथों में दिया जा सकता है लेकिन पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जबलपुर रेलवे स्टेशन का निर्माण रेलवे खुद करेगी और यह स्टेशन भी निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा.