जबलपुर। शहर के भंवर ताल गार्डन में युवाओं के अनोखे प्रदर्शन ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. इन युवाओं का कहना है कि वह वीगन सोसाइटी के सदस्य हैं. वैगन कुछ ऐसे लोग हैं, जिनका मानना है कि वह पशुओं से उत्पादित होने वाली ना तो किसी चीज का इस्तेमाल करेंगे और ना ही उसे खाएंगे. इन लोगों का कहना है कि वह दूध तक का इस्तेमाल करना सही नहीं समझते. क्योंकि दूध के लिए भी पशुओं पर अत्याचार किया जाता है. वीगन मानते हैं कि मांसाहार के लिए पाले जाने वाले पशु भी जीव हैं और उन्हें वस्तु की तरह इस्तेमाल करना गलत है.
पशु-पक्षियों को बंधक बनाना गलत : प्रदर्शन के तहत एक युवा एक पिंजरे के अंदर बंद हो गया और उसने अपने हाथ-पैर बांध रखे थे. इनका कहना है कि 1 घंटे तक पिंजरे के अंदर बंद रहने पर आदमी को कैसा लगता है. इसका एहसास करके वे देख रहे हैं कि हम किस तरह जानवरों को पिंजरे के भीतर कैद करके रखते हैं. वहीं जानवरों को बांधकर रखना भी इन लोगों के हिसाब से गलत तरीका है. इनका कहना है कि 15 अगस्त के दिन वे यह प्रदर्शन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि देश आज के दिन आजाद हुआ था और हम लोगों ने आजादी का एहसास किया.
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जानवरों को भी मिले आजादी : वीगन सोसायटी के सदस्यों का कहना है कि हम इंसानों की वजह से प्रकृति के कई जानवर अभी भी आजाद नहीं हो पाए हैं. हम उनका इस्तेमाल अपने भोजन के लिए कर रहे हैं, यह गलत है और यह बंद होना चाहिए. इन लोगों का कहना है कि वह सरकार पर कोई दबाव नहीं डाल रहे हैं, बल्कि जनता को समझने की कोशिश कर रहे हैं . जनता यदि अपना खान-पान थोड़ा सा सुधार ले और अपनी आदतें बदल ले तो मासूम और जानवरों को भी प्राकृतिक जीवन जीने की आजादी मिल सकेगी.