जबलपुर। जनसंघ के सदस्य रहे स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी की एक मूर्ति का अनावरण किया जा रहा है, यह मूर्ति जबलपुर के लोहिया पुल के पास लगाई गई है. इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा शामिल होंगे. स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ससुर हैं और जनसंघ के बहुत पुराने सदस्य थे. बता दें पास में ही जबलपुर की पूर्व सांसद जयश्री बनर्जी का भी घर है. स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी जयश्री बनर्जी के पति हैं और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ससुर थे.
1951 से जनसंघ के सदस्य थे सुभाष चंद्र बनर्जीः जबलपुर के भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू का कहना है कि "स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी जनसंघ की विचारधारा से जुड़े हुए थे और उन्होंने 1951 में ही जनसंघ की सदस्यता ले ली थी. 1967 में वे जनसंघ के टिकट पर चुनाव भी लड़े थे, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी. प्रभात साहू का कहना है कि सुभाष चंद्र बनर्जी की मूर्ति लगने से भारतीय जनता पार्टी के युवा और नए कार्यकर्ताओं में उनके प्रति सम्मान बढ़ेगा और उन्हें जानने की इच्छा होगी. इसलिए उनकी मूर्ति लगाई जा रही है."
शिवराज करेंगे मूर्ति का अनावरणः लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को खुश करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा खुद इस कार्यक्रम में आकर मूर्ति का अनावरण कर रहे हैं. मूर्ति के निर्माण का खर्चा जयश्री बनर्जी के परिवार से जुड़ी एक संस्था ने किया है, लेकिन इसकी बाकी व्यवस्थाएं नगर निगम के माध्यम से हो रही हैं. इस पर जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर सिंह अनु ने कहा कि उनकी जानकारी में यह बात नहीं है कि जनसंघ के नेता की मूर्ति के अनावरण में नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी निर्माण और व्यवस्था में लगे हुए हैं.
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राजनेताओं की मूर्तियां लगाने का चलन पुरानाः जबलपुर में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, मदन मोहन मालवीय, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, डीपी मिश्रा, माधवराव सिंधिया सहित कई कांग्रेसी नेताओं की मूर्तियां लगी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के ईश्वर दास रोहणी, बाबुराव परांजपे व जनसंघ के दीनदयाल उपाध्याय जैसे नेताओं की मूर्तियां पहले भी लगी हैं, अब उनमें एक नया नाम स्वर्गीय सुभाष चंद्र बनर्जी का भी शामिल हो गया है. जबलपुर को दुनिया भर में पहचान दिलवाने वाले महर्षि महेश योगी ओशो और हरिशंकर परसाई जैसे साहित्यकारों की मूर्तियां नहीं लगाई गई, यदि सरकार इनकी मूर्तियां लगाती तो आने वाली पीढ़ी को पता लगता कि जबलपुर से महान शख्सियतों का भी नाता रहा है.