जबलपुर। मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं बोर्ड परीक्षा की शुरुआत हो गई है, जिसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. 12वीं बोर्ड की परीक्षा की शुरुआत हिंदी पेपर से हुई. जबलपुर जिले में भी छात्र-छात्राओं में परीक्षा को लेकर उत्साह नजर आ रहा है. जबलपुर जिले में 12वीं की परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने 102 परीक्षा केंद्र बनाए हैं, जहां 22,702 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. छात्र-छात्राओं का कहना है कि 12वीं की परीक्षा को लेकर टेंशन तो जरूर है लेकिन तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं. हिंदी के पेपर को लेकर भी छात्र-छात्राओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई.
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दिशा निर्देशः कुछ छात्रों का कहना था कि पेपर नॉर्मल था तो कुछ छात्राओं ने हिंदी के पेपर को कठिन बताया. उधर शिक्षा विभाग ने भी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत परीक्षा केंद्रों में हंगामा करने वाले छात्रों के खिलाफ सीधे एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं तो नकल रोकने के लिए भी 20 निरीक्षण दलों का गठन किया गया है. ये तमाम परीक्षा केंद्रों में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही संवेदनशील केंद्रों में पुलिस के तेजतर्रार, निर्भीक सिपाहियों को तैनात किया गया है.
गड़बड़ियों को रोकने पुख्ता इंतजामः बोर्ड परीक्षाओं के दौरान केंद्रों में सुरक्षा एक बड़ा मसला होता है. चाहे नकल रोकना हो या फिर प्रश्नपत्रों की हिफाजत या उत्तर पुस्तिकाओं की निगरानी हो. लिहाजा इन केंद्रों में परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियों को रोकने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस वजह से परीक्षा केंद्रों में छात्र-छात्राओं को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और जांच के दायरे से होकर गुजरना पड़ रहा है. पेपर देने के पहले छात्र-छात्राओं से जूते-चप्पल भी उतरवाए गए, ताकि किसी भी तरह से परीक्षा हॉल के अंदर नकल न जा सके.
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संवेदनशील केन्द्रों में लगाए गए सीसीटीवीः माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा के दौरान नकल और गड़बड़ी रोकने केंद्रों की वीडियोग्राफी कराने के साथ संवेदनशील केन्द्रों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं, ताकि बाद में कोई परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा न कर सके.