जबलपुर। भीषण हादसे के बाद ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसे देखते हुए 6 पुलिस थाने की पुलिस और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार सहित मौके पर पहुंचे. करीब 5 घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान राजनीतिक दल के लोग मौके पर पहुंच गए. ग्रामीणों की मांग थी कि इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही है. सड़क किनारे खड़े वाहनों को अलग करने वाले पुलिस के आरक्षकों पर कार्रवाई की मांग की गई. ग्रामीणों का धरना 5 घंटे तक चला. अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीण शांत हुए. Jabalpur road accident
सड़क पर लगता है हाट बाजार : जबलपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र चरगवां में हर गुरुवार हाट बाजार हाट लगता है. बाजार में सब्जी, कपड़े, किराना से लेकर कई तरह के व्यापारी शामिल होते हैं. बाजार में शामिल होने के लिए करीब दो दर्जन से ज्यादा गांव के लोग खरीददारी करने के लिए आते हैं. बड़ी बात यह है कि यह मार्केट सड़क पर ही लगता है, जहां पर बड़े हादसे का डर हमेशा बना रहता है. क्योंकि जिस सड़क पर यह बाजार लगता है यह जबलपुर से नरसिंहपुर को सीधे जोड़ती है. जहां पर बड़े वाहनों की आवाजाही हमेशा बनी रहती है. तेज रफ्तार वाहन आए दिन किसी ने किसी को अपने शिकार बनाते हैं. यही वजह है कि चरगवां रोड ब्लैक स्पॉट के नाम से जानी जाती है. हादसे के बाद दोनों महिलाओं का मेडिकल अस्पताल में चल रहा है, जो जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं.
मजदूरी करने आई थीं महिलाएं : बताया जाता है कि चरगवां से लगे बेनिसिंग पिपरिया गांव की 50 महिलाएं मटर तोड़ने की मजदूरी करने के लिए सुनवारा गांव गई हुई थीं. सुनवारा गांव से लौटते वक्त गोटेगांव की ओर से आ रहे ट्रक के ब्रेक फेल हो गए. इससे पहले कि ड्राइवर ट्रक को कंट्रोल कर पाता सामने खरीदारी कर रही महिलाओं को रौंदते हुए आगे बढ़ गया. जिसमे बेनिसिंग पिपरिया गांव की रहने बाली 50 वर्षीय गुड्डी बाई गौंड, एवं 40 वर्षीय वंदना गौंड ट्रक के नीचे आ गईं. दोनों महिलाओं के पैर बुरी तरह से सड़क पर बिखर गए. ड्राइवर ट्रक को संभालते हुए आगे ले गया, नहीं तो ट्रक की चपेट में आने से दर्जनो लोगों की जान जा सकती थी.
पुलिस आरक्षक बने देवदूत : बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त चरगवां पुलिस थाने में पदस्थ आरक्षक सोनू कुमार डायल 100 में डयूटी कर रहे थे. वहीं आरक्षक कैलाश पटेल सब्जी खरीदने के लिए मार्केट आए हुए थे. जैसे ही दोनों ने देखा कि हादसा हुआ है दोनों ने देर ना करते हुए दोनों महिलाओं को अपने हाथों से उठाया और उन्हें एंबुलेंस से लेकर जबलपुर मेडिकल अस्पताल पहुंच गए. मेडिकल में स्ट्रक्चर में रखने के लिए वार्ड बॉय नहीं होने पर आरक्षक ने खुद ही महिला के लटकते हुए पैरों को उठाकर रखा और इलाज के लिए अंदर तक ले गए.
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ग्रामीणों में भारी आक्रोश : हादसा होने के बाद ग्रामीण धरने पर बैठ गए. देर शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक गोटेगांव जबलपुर मार्ग पूरी तरह से बंद रहा. सड़क के दोनों और लंबा जाम लग गया. ग्रामीणों की मांग थी कि इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही है. हंगामा देखकर बरगी, बरगी नगर शहपुरा तिलवारा, भेड़ाघाट, धनवंतरी नगर पुलिस एवं पुलिस कई बड़े अधिकारी सहित एसडीएम, तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे. जहां समझाइश के बाद मामला शांत हुआ. नगर पुलिस अधीक्षक बरगी सुनील नेमा ने बताया कि घटना के बाद लोगों ने सड़क जाम कर दिया था. लोगों की मांग थी कि ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मियों को हटाया जाए, जिसकी जांच की जा रही है. अगर कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल दोनों आरक्षकों को नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय अटैच कर दिया गया है.