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जबलपुर में प्रशासन की अनोखी पहल, थर्ड जेंडर को बांटे अलग पहचान पत्र, असली-नकली किन्नरों का विवाद होगा खत्म

जबलपुर में जिला प्रशासन की अनोखी पहल देखने को मिली. थर्ड जेंडर्स को अलग पहचान पत्र बांटे गए. कलेक्टर ने सभी किन्नरों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया है.

separate identity cards for third gender
थर्ड जेंडर को बांटे अलग पहचान पत्र
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Published : Aug 14, 2021, 4:12 PM IST

जबलपुर। आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले जबलपुर जिला प्रशासन ने थर्ड जेंडर्स को बड़ी सौगात दी. प्रशासन की तरफ से थर्ड जेंडर्स के प्रहचान पत्र बनाए गए हैं. इन पहचान पत्रों में किन्नरों से जुड़ी पूरी जानकारी होगी, कि वह कहां रहता है और उनका नाम क्या है. दरअसल जबलपुर में थर्ड जेंडर हमेशा ही इस बात से परेशान रहे हैं कि उनका कोई पुख्ता पहचान पत्र नहीं होता है. जिले में असली और नकली किन्नरों की लड़ाई भी जानलेवा स्तर तक देखने मिली है, कई बार लड़ाई में किन्नरों की हत्या तक हो जाती है. जिसके बाद जिला प्रशासन ने असली और नकली की समस्या को हल करने के लिए ये फैसला लिया है.

थर्ड जेंडर को बांटे अलग पहचान पत्र

थर्ड जेंडर को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश

जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा, 'सरकार समाज के सभी वर्गों के बराबर उत्थान के लिए काम करती है, लेकिन किन्नर समाज विकास की इस दौड़ में पीछे रह गया और उनके लिए सही तरीके से काम नहीं हो पाए, इसलिए किन्नर समाज को बुलाकर प्रशासन ने उनसे बातचीत की और उनकी समस्याएं समझी, इस बात का भी आश्वासन दिया गया है कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी, ताकि किन्नर समाज को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके'.

नियुक्ति का पैसा नहीं पहुंचा इसलिए बिना कमिश्नर चल रहा नगर निगम, ग्वालियर हादसे पर दिग्विजय का तंज

किन्नार समाज को मिल सकेगा रोजगार

किन्नरों का कोई व्यवसाय नहीं है, वे दान के पैसे पर ही जिंदा रहते हैं. कई बार इनका पैसे मांगने का तरीका जबरदस्ती भी हो जाता है, जिससे लोग भी काफी परेशान हो जाते हैं. वहीं नकली किन्नरों की वजह से असली किन्नरों का नाम भी खराब होता है. ऐसे में अलग पहचान पत्र मिलने पर किन्नर समाज ने खुशी जताई है. जबलपुर किन्नर समाज के प्रतिनिधि हीराबाई का कहना है कि कम से कम पहली बार किन्नरों को एक पहचान मिली है, उम्मीद करते हैं सरकार उनके बारे में कुछ सोच-विचार कर रणनीति बनाएगी ताकि किन्नर भी रोजगार से लग सकें.

जबलपुर। आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले जबलपुर जिला प्रशासन ने थर्ड जेंडर्स को बड़ी सौगात दी. प्रशासन की तरफ से थर्ड जेंडर्स के प्रहचान पत्र बनाए गए हैं. इन पहचान पत्रों में किन्नरों से जुड़ी पूरी जानकारी होगी, कि वह कहां रहता है और उनका नाम क्या है. दरअसल जबलपुर में थर्ड जेंडर हमेशा ही इस बात से परेशान रहे हैं कि उनका कोई पुख्ता पहचान पत्र नहीं होता है. जिले में असली और नकली किन्नरों की लड़ाई भी जानलेवा स्तर तक देखने मिली है, कई बार लड़ाई में किन्नरों की हत्या तक हो जाती है. जिसके बाद जिला प्रशासन ने असली और नकली की समस्या को हल करने के लिए ये फैसला लिया है.

थर्ड जेंडर को बांटे अलग पहचान पत्र

थर्ड जेंडर को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश

जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा, 'सरकार समाज के सभी वर्गों के बराबर उत्थान के लिए काम करती है, लेकिन किन्नर समाज विकास की इस दौड़ में पीछे रह गया और उनके लिए सही तरीके से काम नहीं हो पाए, इसलिए किन्नर समाज को बुलाकर प्रशासन ने उनसे बातचीत की और उनकी समस्याएं समझी, इस बात का भी आश्वासन दिया गया है कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी, ताकि किन्नर समाज को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके'.

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किन्नार समाज को मिल सकेगा रोजगार

किन्नरों का कोई व्यवसाय नहीं है, वे दान के पैसे पर ही जिंदा रहते हैं. कई बार इनका पैसे मांगने का तरीका जबरदस्ती भी हो जाता है, जिससे लोग भी काफी परेशान हो जाते हैं. वहीं नकली किन्नरों की वजह से असली किन्नरों का नाम भी खराब होता है. ऐसे में अलग पहचान पत्र मिलने पर किन्नर समाज ने खुशी जताई है. जबलपुर किन्नर समाज के प्रतिनिधि हीराबाई का कहना है कि कम से कम पहली बार किन्नरों को एक पहचान मिली है, उम्मीद करते हैं सरकार उनके बारे में कुछ सोच-विचार कर रणनीति बनाएगी ताकि किन्नर भी रोजगार से लग सकें.

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