जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई थी. युवक टोनी वर्मा ने अपने दोस्त अनुपम शर्मा की हत्या कर उसके शरीर के 10 टुकड़े कर दिए थे. पुलिस ने आरोपी के साथी को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है. पैसों के लेनदेन के चलते टोनी ने वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी टोनी वर्मा ने कुछ समय पहले आत्महत्या कर ली थी. जांच में सामने आया है कि मृतक आरोपी ने अनुपम शर्मा की हत्या के बाद परिजनों और पुलिस को गुमराह करने के लिए अनुपम शर्मा की गुमशुदगी को लेकर पोस्टर लगवाए थे, ताकि उस पर किसी को शक न हो.
अनुपम को ढूंढ़ने का नाटक करता रहा टोनी: मृतक अनुपम शर्मा के परिजन जब टोनी वर्मा से अपने बेटे के बारे में पतासाज़ी करते रहे तो टोनी वर्मा लगातार अनुपम की किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इंकार करता रहा. यहां तक कि उसने परिजनों के साथ अनुपम को तलाशने का नाटक भी किया. अपनी ओर से ही उसने अनुपम शर्मा की गुमशुदगी के पर्चे छपवा कर कई जगह चस्पा भी करवा दिए. हैरान करने वाली बात तो यह है कि लाश को कई टुकड़ों में बांटने वाले टोनी वर्मा ने सबसे ज्यादा पर्चे अपनी ही टाल के आस-पास ही चस्पा करवाए. ताकि आसपास के लोगों और मृतक के परिजनों को इस बात का एहसास हो कि टोनी वर्मा भी अनुपम को ढूंढने में मदद कर रहा है.
पुलिस को किया गुमराह: जबलपुर के गंगासागर के जिस इलाके में आरोपी टोनी वर्मा का टाल है, उसके आसपास कई पर्चे चस्पा किए हुए मिले हैं. जिसमें मृतक अनुपम शर्मा की फोटो और परिजनों के मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं. आमतौर पर गुमशुदगी के प्रकरणों में गुमशुदा व्यक्ति की तलाश के लिए पर्चे पुलिस द्वारा छपवाये जाते हैं. लेकिन इस मामले में पुलिस और मृतक के परिजनों को गुमराह करने के लिए टोनी वर्मा ने अपनी ओर से ही पर्चे छपवाये और उन्हें अपनी टाल और उसके आसपास के इलाकों में चस्पा करवा दिए. हालांकि इस मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है.
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अनुपम के कपड़े और गाड़ी से घूमता रहा आरोपी: जबलपुर के एसपी तुषारकांत विद्यार्थी का साफ तौर पर कहना है कि ''अब ना तो मृतक इस दुनिया में है और ना ही आरोपी जिंदा है. ऐसी स्थिति में इस तरह के सवालों के जवाब देना भी अब मुश्किल है.'' पुलिस की जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है पुलिस की नजर से बचने के लिए आरोपी टाल संचालक टोनी वर्मा अपने साथी राम प्रकाश पूनिया के जरिए पुलिस और परिजनों को लगातार गुमराह करता रहा. इस बीच हिरासत में लिए गए राम प्रकाश पूनिया मृतक अनुपम शर्मा के कपड़े पहनकर और उसकी गाड़ी लेकर शहर के कई इलाकों में कई दिनों तक घूमता रहा था. ताकि जांच के बाद पुलिस को यह लगे कि अनुपम शर्मा जिंदा है और वह शहर की सड़कों पर तफरीह भी कर रहा है. लेकिन पुलिस की जांच में यह भेद भी खुल गया.