जबलपुर। जबलपुर आईटी पार्क में अपनी इकाइयां स्थापित कर व्यवसाय करने वाले उद्योगपति नगर निगम की कार्यशैली से भड़क उठे. इसे आईटी पार्क एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों का तानाशाही रवैया बताया है. दरअसल, रविवार की छुट्टी के बावजूद नगर निगम का राजस्व अमला आईटी पार्क पहुंचा और एक के बाद एक कई इकाइयों पर तालाबंदी करने में जुटा रहा. नगर निगम के इस कदम से भड़के व्यापारियों की निगम के अमले के साथ जमकर तू-तू मैं-मैं हुई.
नगर निगम पर मनमानी का आरोप : उद्योगपितयों ने नगर निगम पर मनमानी का आरोप लगाया है. आईटी पार्क के उद्योगपतियों का साफतौर पर आरोप है कि वे शासन के मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को भी लीज की रकम चुकाते हैं. ऐसे में उनके ऊपर भारी भरकम टैक्स की राशि निकाली गई है, जिसे चुका पाना मुमकिन नहीं है. इस दौरान उद्योगपतियों और नगर निगम के राजस्व अमले के बीच काफी देर तक चर्चा होती रही. जिसके बाद नगर निगम कमिश्नर से चर्चा हुई और उन्होंने टैक्स जमा करने के लिए 2 दिन की मोहलत दी है.
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67 लाख टैक्स बकाया है : आईटी पार्क एसोसिएशन के सचिव राजेश गुप्ता का कहना है कि नगर निगम की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. वहीं, नगर निगम के राजस्व निरीक्षक सौरभ बिरहा का कहना है कि आईटी पार्क में सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित इकाइयां स्थापित करने वाले उद्योगपति पिछले कई सालों से नगर निगम का टैक्स नहीं चुका रहे हैं. ऐसे 66 लोगों की सूची बनाई गई है, जिन पर करीब 67 लाख का टैक्स बकाया है. इसी बकाया राशि की वसूली के लिए नगर निगम की विशेष टीम गठित की गई है. जिसके द्वारा वसूली के लिए रविवार को आईटी पार्क में दस्तक दी गई.