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Jabalpur Locked Toilets जबलपुर में क्यों बंद पड़े हैं पब्लिक टॉयलेट! MPHRC ने दिये कलेक्टर और नगर आयुक्त को जांच के आदेश

जबलपुर में बस स्टैंड पर बंद पड़े टॉयलेट्स पर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने एक्शन लिया है. उन्होंने जबलपुर कलेक्टर और नगर आयुक्त को बस स्टैंड पर शौचालयों को बंद करने से यात्रियों की होने वाली असुविधा की जांच करने और इस पर 15 दिन के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

Public toilets are closed in Jabalpur
जबलपुर में बंद पड़े हैं पब्लिक टॉयलेट
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Published : Dec 2, 2022, 8:24 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (MPHRC) ने जबलपुर के जिला कलेक्टर और नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे बस स्टैंड पर शौचालयों को बंद किये जाने की जांच के आदेश (MPHRC Orders Jabalpur Collector and Commissioner) दें और 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें. दरअसल बंद पड़े शौचालयों की वजह से यात्रियों को असुविधा होती है. समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, शौचालयों का निर्माण लाखों की धनराशि से किया गया था, लेकिन जबलपुर नगर निगम (जेएमसी) ने उन्हें जनता के लिए खुला नहीं रखा था.

Public toilets are closed in Jabalpur
जबलपुर में बंद पड़े हैं पब्लिक टॉयलेट

आयोग ने 15 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट: आयोग के जनसंपर्क उप निदेशक घनश्याम सिरसाम ने PTI को बताया कि MPHRC के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने जबलपुर जिले में बंद शौचालयों के मुद्दे पर संज्ञान लिया है. कलेक्टर और नगर आयुक्त को मामले की जांच के आदेश देने और 15 दिनों में कार्रवाई की गई रिपोर्ट के साथ जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

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बंद पड़े हैं लाखों के शौचालय: सिरसाम ने कहा कि आयोग ने एक समाचार पत्र की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि जबलपुर जिले में बस स्टैंडों पर बंद शौचालयों के कारण बसों से चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, शौचालयों का निर्माण लाखों की धनराशि से किया गया था, लेकिन जबलपुर नगर निगम (जेएमसी) ने उन्हें जनता के लिए खुला नहीं रखा था. आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कुछ शौचालय जो चालू थे, इतने गंदे और बदबूदार थे कि उनके आसपास खड़ा होना भी मुश्किल था.

जबलपुर। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (MPHRC) ने जबलपुर के जिला कलेक्टर और नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे बस स्टैंड पर शौचालयों को बंद किये जाने की जांच के आदेश (MPHRC Orders Jabalpur Collector and Commissioner) दें और 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें. दरअसल बंद पड़े शौचालयों की वजह से यात्रियों को असुविधा होती है. समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, शौचालयों का निर्माण लाखों की धनराशि से किया गया था, लेकिन जबलपुर नगर निगम (जेएमसी) ने उन्हें जनता के लिए खुला नहीं रखा था.

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आयोग ने 15 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट: आयोग के जनसंपर्क उप निदेशक घनश्याम सिरसाम ने PTI को बताया कि MPHRC के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने जबलपुर जिले में बंद शौचालयों के मुद्दे पर संज्ञान लिया है. कलेक्टर और नगर आयुक्त को मामले की जांच के आदेश देने और 15 दिनों में कार्रवाई की गई रिपोर्ट के साथ जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

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बंद पड़े हैं लाखों के शौचालय: सिरसाम ने कहा कि आयोग ने एक समाचार पत्र की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि जबलपुर जिले में बस स्टैंडों पर बंद शौचालयों के कारण बसों से चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, शौचालयों का निर्माण लाखों की धनराशि से किया गया था, लेकिन जबलपुर नगर निगम (जेएमसी) ने उन्हें जनता के लिए खुला नहीं रखा था. आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कुछ शौचालय जो चालू थे, इतने गंदे और बदबूदार थे कि उनके आसपास खड़ा होना भी मुश्किल था.

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