जबलपुर। नाबालिग बच्चियों से दुराचार कर उनका गर्भपात करवाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भोपाल निवासी प्यारे मियां को हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इंदौर में लंबित अपराधिक प्रकरण भोपाल स्थानातंरित किये जाने की मांग संबंधित अपील खारिज कर दी है. प्यारे मिया इस समय जबलपुर की जेल में हैं.
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आजीवन कारावास की सजा काट रहा प्यारे मियाःं गौरतलब है कि नाबालिग बच्ची से बलात्कार तथा उसका गर्भपात करवाने के अपराध में भोपाल जिला न्यायालय ने मार्च 2022 को प्यारे मियां सहित चार आरोपियों को दोषी करार दिया था. न्यायालय ने प्यारे मियां को आजीवन कारावास की सजा से सुनाई थी. वर्तमान में अभियुक्त केंद्रीय जेल जबलपुर में बंद है. उनकी तरफ से इंदौर में लंबित अपराधिक प्रकरण को भोपाल स्थानातंरित किये जाने की मांग संबंधित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि भोपाल में उनके खिलाफ अन्य प्रकरण भी लंबित है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उक्त याचिका को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट की एकलपीठ अपने आदेश में कहा था कि सिर्फ आरोपी की सुविधा के लिए ऐसा नहीं किया जा सकता है. शिकायतकर्ता महिला इंदौर निवासी है महिला पक्ष की सुविधा को प्राथमिकता दी जाती है.
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एकलपीठ के पूर्व आदेश को युगलपीठ ने सही ठहरायाः एकलपीठ के आदेश के खिलाफ उक्त अपील उच्च पीठ में दायर की गयी थी. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान एकलपीठ के आदेश को उचित करार दिया. जिसके बाद याचिका वापस लेने का आग्रह युगलपीठ से किया गया.युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए उसे खारित कर दिया. प्यारे मियां की काली करतूत से भोपाल ही नहीं पूरा मध्यप्रदेश हिल गया था. उनकी खौफनाक कारगुजारी की कहानी के दौरान प्यारे मिया की ऐशगाह से 5 नाबालिग लड़कियां बरामद हुई थीं. जिसमें एक बच्ची की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी. इसके बाद प्यारे मिया की दरिंदगी की दास्तान पर्त दर पर्त खुलती चली गई और वह कानून के शिकंजे में फंसता चला गया.