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पिता की याचिका पर हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति

जबलुपर हाई कोर्ट में दुष्कर्म पीड़िता बेटी के पिता ने गर्भवती होने पर बेटी के गर्भपात की अनुमति मांगी थी, वहीं कोर्ट की एकलपीठ ने नबालिग की मेडिकल रिपोर्ट की जांच के बाद गर्भपात की अनुमति दे दी.

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पिता की याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति
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Published : May 17, 2021, 5:00 PM IST

जबलपुर। हाई कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दी है. हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे ने पीड़िता के पिता की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए. याचिका में कहा गया था कि दुष्कर्म किया जाने के कारण नाबालिग बेटी गर्भवती हो गई है. बेटी मानसिक और शरीरिक रूप से इतनी सक्षम नहीं है, कि वह बच्चें को जन्म दे सके.

याचिका में नाबालिग के गर्भपात की अनुमति देने की राहत मांगी गई थी. सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गर्भवती नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. मेडिकल कॉलेज जबलपुर की 3 सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि गर्भ 24 सप्ताह का है और पीड़िता बच्चे को जन्म देने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं है. बच्चे को जन्म देने में भी नाबालिग को जान का खतरा है.

बीएमएचआरसी में महिला मरीज के साथ दुष्कर्म मामले में मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

एकलपीठ ने याचिकाकर्ता पिता के निर्देश स्वंय के जोखिम में गर्भपात करवाने का हलफनामा देने के निर्देश दिए. एकलपीठ ने निर्देश जारी किए है कि सभी सावधानी बरतते हुए एक्सपर्ट द्वारा गर्भपात किया जाए और भ्रूण का डीएनए सरंक्षित रखा जाए, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता समदर्शी तिवारी और प्रणय चौबे ने पैरवी की.

जबलपुर। हाई कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दी है. हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे ने पीड़िता के पिता की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए. याचिका में कहा गया था कि दुष्कर्म किया जाने के कारण नाबालिग बेटी गर्भवती हो गई है. बेटी मानसिक और शरीरिक रूप से इतनी सक्षम नहीं है, कि वह बच्चें को जन्म दे सके.

याचिका में नाबालिग के गर्भपात की अनुमति देने की राहत मांगी गई थी. सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गर्भवती नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. मेडिकल कॉलेज जबलपुर की 3 सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि गर्भ 24 सप्ताह का है और पीड़िता बच्चे को जन्म देने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं है. बच्चे को जन्म देने में भी नाबालिग को जान का खतरा है.

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