जबलपुर। 11 साल की बच्ची के गर्भवती होने पर उसकी मां ने गर्भपात की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा पेश की गई रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट जस्टिस सुबोध अभ्यकंर की एकलपीठ ने गर्भपात की अनुमति दी है.
मामले में हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने मेडिकल रिपोर्ट न्यायालय में पेश की. हाइकोर्ट ने रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए पाया कि बच्ची का गर्भ 19 सप्ताह 6 दिन का है. मेडिकल टर्मिनेशन प्रेंगनेंसी एक्ट 1971 के तहत उसे गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है.
एकलपीठ ने अपने आदेश में सुनिश्चित तरीके से बच्ची के गर्भपात का आग्रह शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन से करते हुए उसके भू्रण को डीएनए जांच के लिए एफएसएल भेजने के निर्देष जारी किए हैं.