जबलपुर। जिले के डॉक्टर एमपी डाबर को आज राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री के सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. उन्हें यह सम्मान भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों मिलेगा. पद्मश्री सम्मान के लिए चुने गए यह एक ऐसे डॉक्टर की कहानी है, जो वाकई में धरती के भगवान कहलाने के लायक हैं. पद्मश्री अवार्ड के लिए चुने गए सेना से रिटायर जबलपुर के डॉक्टर कैप्टन एमसी डावर ने 2 रु फीस लेकर लोगों का इलाज शुरू किया था, जो आज महंगाई के इस दौर में भी सिर्फ 20 रुपए फीस लेते हैं. जबकि जबलपुर जैसे शहर में ही एक सामान्य एमबीबीएस डॉक्टर की फीस 300 से ₹500 है.
लोगों ने खुद बड़ा कर दी फीस: डॉक्टर डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत हैं. जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर को खींच दिया है. जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के बस में नहीं होगा. डॉ एमसी डावर महंगाई के इस दौर में भी महज 20 रु लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर एमसी डावर सेना से रिटायर्ड डॉक्टर हैं. जिन्होंने जबलपुर से ही एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. डॉक्टर बताते हैं कि उन्होंने 1986 में 2 रुपए की फीस लेना शुरू की थी. जिसे बाद में 3 रुपए और फिर 1997 में 5 रुपए उसके 15 साल बाद 2012 में 10 रुपए और अब महज 20रुपए फीस ले रहे हैं.
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सालों से जारी सेवा का यह क्रम: डॉक्टर एमसी डाबर की उम्र 77 साल हो गई है. उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर साहब लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं. कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं. यही जनसेवा के भाव ने आज डॉ डावर को पूरे देश में ख्याति प्राप्त करवाई है. इस पद्मश्री सम्मान के बारे में डॉक्टर डावर का कहना है कि इस तरह सम्मान मिलने से प्रोत्साहन मिलता है और जीवन में इस तरह के प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं. 77 साल के धरती के भगवान डॉक्टर डावर का यही जज्बा सबको उनका कायल बना देता है. जिसे अब भारत सरकार ने भी पहचान कर उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है.