जबलपुर। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन इतनी सख्ती के बावजूद भी अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं. आए दिन लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई में रिश्तखोरों के पकड़े जाने का भी रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है और रिश्वतखोरी का खेल लगातार जारी है. ऐसा ही कुछ नाजारा आज जबलपुर में देखने मिला, जब लोकायुक्त ने कमिश्नर कार्यालय में रेड डाली.
रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार: दरअसल ताजा मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से सामने आया है. जहां कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ एक बाबू को 65 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार करते हुए रिश्वतखोर बाबू को सर्किट हाउस लेकर आई. जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि सिवनी जिले के छपारा तहसील अंतर्गत पाली खुर्द निवासी टीकाराम चंद्रवंशी का जमीन को लेकर जबलपुर कमिश्नर कोर्ट में विगत 1 साल से केस चल रहा था. एसडीएम कोर्ट से आदेश होने के बावजूद भी बाबू चंद्रकुमार दीक्षित लगातार रिश्वत के लिए परेशान कर रहा था.
लोकायुक्त ने की कार्रवाई: देय राशियों के भुगतान के लिए बाबू द्वारा पीड़ित टीकाराम चंद्रवंशी से जल्द से जल्द रकम की व्यवस्था करने कहा, पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की. जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाकर बाबू चंद्रकुमार दीक्षित को 65 हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया. फरियादी टीका राम चंद्रवंशी ने बताया कि उसके पिता की पाली खुर्द छपारा गांव में 18 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें से 7 हेक्टेयर जमीन बंदोबस्त रिकॉर्ड में किसी अन्य के नाम दर्ज हो गई है. जिसकी अपील अतिरिक्त कमिश्नर कार्यालय जबलपुर में चल रही है. अपील प्रकरण को आवेदक के पक्ष में कराने के एवज में बाबू चंद्र कुमार दीक्षित सहायक ग्रेड 3 अतिरिक्त कमिश्नर कार्यालय जबलपुर द्वारा 65 हजार की रिश्वत की मांग की गई थी. जिसकी शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त पुलिस से की थी. शिकायत सत्यापन के बाद आज दोपहर को आरोपी चंद्र कुमार दीक्षित को 65 हजार रिश्वत राशि अपने कार्यालय टेबल की दराज में रखवाया. उसी दौरान लोकायुक्त पुलिस ने बाबू को गिरफ्तार कर लिया. जहां अब रिश्वतखोर बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.