जबलपुर। शहर के कौशल्या एग्जॉटिका टाउनशिप में पटेल परिवार रहता है. इसी परिवार का 13 साल का मासूम रिषित पटेल हादसे का शिकार हुआ है. वह सोमवार शाम 7 बजे टाउनशिप के बीच में बने पक्के गार्डन में खेल रहा था. इसी दौरान उसने अपनी साइकिल गार्डन में ही बने एक मंदिर के बाहर खड़ी की और जूते उतारकर मंदिर की परिक्रमा करने लगा. यहां उसे मंदिर की ग्रिल से इतना जोरदार करंट लगा कि वह तुरंत वहीं गिर गया. मंदिर के ठीक पीछे एक छोटी सी पार्टी चल रही थी. बच्चे को करंट लगता देख एक रसोइए की नजर उस पर पड़ी. तुरंत पार्टी कर रहे लोग भी मौके पर आ गए.
अंडरग्राउंड वायरिंग बाहर आई, जगह-जगह क्रैक : रसोइए ने तत्परता से एक प्लास्टिक बैग को हाथ में फंसा कर बच्चे को खींचा. कॉलोनी के लोगों ने तुरंत बच्चे के परिवार को सूचना दी. इसके बाद बालक रिषित पटेल को शेल्बी अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन करंट इतना जोरदार लगा था कि वह अस्पताल में ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह पाया और उसकी मृत्यु हो गई. कौशल्या एग्जॉटिका टाउनशिप में 183 फ्लैट हैं. 10 साल पहले इस टाउनशिप का निर्माण शुरू हुआ था. 6 महीने पहले किमतानी बिल्डर ने इस टाउनशिप को यहां रहने वाले लोगों की सोसाइटी को सौंप दिया. यहां ज्यादातर मध्यमवर्गीय लोग रहते हैं. जब टाउनशिप इन लोगों को सौंपी गई तो इसका मेंटेनेंस बहुत ही खराब था. जिस गार्डन में यह घटना घटी है, उसके चारों तरफ लैंप लगे हुए हैं और अंडरग्राउंड वायरिंग है. वायरिंग इतनी पतली तार से की गई है कि उसमें क्रैक आ गए. इसकी वजह से लोहे की ग्रिल में करंट आ गया.
लिफ्ट और दीवारों में भी करंट : यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि ए सेक्शन की दो लिफ्ट में चाहे जब करंट आ जाता है. इसलिए इनको बंद कर दिया गया है. बाहर लाठी लगाकर इसकी पावर सप्लाई बंद कर दी गई है ताकि अनजाने में कोई इनका इस्तेमाल ना कर सके. एक फ्लैट के निवासी ने बताया कि उसकी दीवार पर करंट आ रहा है. गार्डन के पोल्स में कई दिनों से करंट आ रहा है. लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हुई और अब इसका खामियाजा एक मासूम को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ा. रहवासियों ने बताया कि बीते दिनों नगर निगम के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट ने कौशल्या एग्जॉटिका का इलेक्ट्रिकल ऑडिट किया था और बिल्डर को एनओसी दी थी. यहां सवाल यह खड़ा होता है कि जब पूरी इमारत में कई जगहों पर करंट आ रहा है तो बिजली विभाग ने एनओसी क्यों दी.
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टाउनशिप में खतरनाक वायरिंग : इमारत में चारों तरफ घटिया किस्म के वायर लगाए गए हैं. यहां तक कि पावर सप्लाई के स्विच जिन्हें सामान्य तौर पर 6 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर होना चाहिए, वह भी काफी नीचे हैं, जिनसे हादसे का डर बना रहता है. कौशल्या एग्जॉटिका में 187 फ्लैट्स से ₹700 महीना सोसाइटी खर्च का लिया जाता है. इस पैसे का इस्तेमाल इमारत की मरम्मत के लिए होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया. बिल्डर ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए इमारत सोसायटी के लोगों को सौंप दी है, जबकि अभी यह जगह नगर निगम में ट्रांसफर नहीं हुई है. अभी भी बिल्डर के कुछ फ्लैट बिकना बाकी हैं. बच्चे की मौत के बाद मौके पर विजय नगर पुलिस पहुंची. विजयनगर के सीएसपी तुषार सिंह का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है. मर्ग कायम कर लिया गया है.