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अंतरराष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन, कई नामचीन हस्तियां होंगी शामिल

जबलपुर एक समय दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु ओशो की पहली पाठशाला रहा है. जबलपुर टूरिज्म काउंसिल और जबलपुर जिला प्रशासन इस बार ओशो के जन्मोत्सव पर 3 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन कर रहा है.

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Published : Dec 8, 2019, 8:19 AM IST

Updated : Dec 8, 2019, 2:44 PM IST

International Osho Festival
अंतर्राष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन

जबलपुर। ओशो महोत्सव जबलपुर में आयोजित किया जा रहा है. इस महोत्सव में ओशो भक्त, कवि, साहित्यकार, फिल्मकार और कलाकार शामिल होंगे. जबलपुर टूरिज्म काउंसिल और जबलपुर जिला प्रशासन की ओर से इस महोत्सव में देश-विदेश के सैकड़ों लोग शिरकत करेंगे. कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के तरंग ऑडिटोरियम में किया जा रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन

महोत्सव के पहले दिन ड्रमर शिवमणि प्रस्तुति देंगे. दूसरे दिन रेखा भारद्वाज का सूफी गायन प्रस्तुत किया जाएगा. इसके साथ ही तीसरे और आखिरी दिन एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. महोत्सव में फिल्म डायरेक्टर सुभाष घई की अध्यक्षता में एक फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है, ऐसा पहली बार हो रहा है कि ओशो के नाम पर होने वाले इस आयोजन से ओशो प्रंशसक खुश हैं.

ओशो की एक पुस्तक 'संभोग से समाधि की ओर' काफी चर्चित हुई थी और विवादित भी. जिन लोगों ने ओशो को पढ़ा और सुना है उन्हें ये पुस्तक उन की सैकड़ों पुस्तकों में से एक नजर आती है, लेकिन उनके सेक्स गुरु के खिताब की वजह से वे भारतीय समाज में बहुत स्वीकार्य नहीं किए गए, लेकिन अब प्रशासन की कोशिश से हो सकता है कि इस दर्शन शास्त्री को लोग समझ सकेंगे और अपना जीवन सुधार सकेंगे.

जबलपुर। ओशो महोत्सव जबलपुर में आयोजित किया जा रहा है. इस महोत्सव में ओशो भक्त, कवि, साहित्यकार, फिल्मकार और कलाकार शामिल होंगे. जबलपुर टूरिज्म काउंसिल और जबलपुर जिला प्रशासन की ओर से इस महोत्सव में देश-विदेश के सैकड़ों लोग शिरकत करेंगे. कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के तरंग ऑडिटोरियम में किया जा रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन

महोत्सव के पहले दिन ड्रमर शिवमणि प्रस्तुति देंगे. दूसरे दिन रेखा भारद्वाज का सूफी गायन प्रस्तुत किया जाएगा. इसके साथ ही तीसरे और आखिरी दिन एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. महोत्सव में फिल्म डायरेक्टर सुभाष घई की अध्यक्षता में एक फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है, ऐसा पहली बार हो रहा है कि ओशो के नाम पर होने वाले इस आयोजन से ओशो प्रंशसक खुश हैं.

ओशो की एक पुस्तक 'संभोग से समाधि की ओर' काफी चर्चित हुई थी और विवादित भी. जिन लोगों ने ओशो को पढ़ा और सुना है उन्हें ये पुस्तक उन की सैकड़ों पुस्तकों में से एक नजर आती है, लेकिन उनके सेक्स गुरु के खिताब की वजह से वे भारतीय समाज में बहुत स्वीकार्य नहीं किए गए, लेकिन अब प्रशासन की कोशिश से हो सकता है कि इस दर्शन शास्त्री को लोग समझ सकेंगे और अपना जीवन सुधार सकेंगे.

Intro:तीन दिनों तक ओशो में रहेगा जबलपुर शहर अंतर्राष्ट्रीय ओशो महोत्सव में शामिल होने के लिए देशभर से आ रहे हैं ओशो भक्त कवि साहित्यकार फिल्मकार और कलाकार


Body:जबलपुर एक समय के दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु ओशो की पहली पाठशाला रहा है जबलपुर टूरिज्म काउंसिल और जबलपुर जिला प्रशासन इस बार ओशो के जन्मोत्सव पर 3 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन कर रहा है इस कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के तरंग ऑडिटोरियम में किया जा रहा है

कभी गाडरवारा से जबलपुर आए ओशो रजनीश एक किराए के घर में रहते थे फिर पूरी दुनिया ने जबलपुर को ओशो रजनीश की कर्म स्थली के तौर पर जाना ओशो का सफर जबलपुर के महाकौशल कॉलेज से शुरू हुआ था जहां वे दर्शनशास्त्र के शिक्षक नियुक्त हुए थे और यहीं से उन्होंने समाज की स्थापित सामाजिक और राजनीतिक संस्थाओं को चुनौती देना शुरू कर दिया था और उनके विचारों के साथ लोग जुड़ना शुरू हो गए थे ओशो का यह सफर भारत से निकल कर दुनिया के कई देशों तक पहुंचा ओशो जब चरम पर थे तब अमेरिका में 36000 एकड़ जमीन पर रजनीश पुरम नाम के एक शहर की स्थापना की गई थी ओशो की खुद की हवाई जहाज सेवा और अमेरिका की हजारों रईस लोग ओशो के भक्त हुआ करते थे ओशो की प्रसिद्धि इतनी बढ़ गई थी कि अमेरिका सरकार को उनसे खतरा पैदा हो गया था और अमेरिका ने साजिश करके उन्हें देश निकाला दे दिया इसके बाद उसे दोबारा भारत लौट आए लेकिन उनकी इस यात्रा की वजह से दुनिया भर में उनके प्रशंसक हैं और समाज धर्म यहां तक कि सेक्स जैसे मसले पर उन्होंने जो तर्क दिए उसे आज भी लाखों लोग मानते हैं

ओशो की इसी प्रसिद्धि का इस्तेमाल जबलपुर प्रशासन करने जा रहा है हालाकी ओशो को इस दुनिया से गुजरे हुए 30 साल बीत गए हैं और इन 30 सालों में जबलपुर के लोगों को कभी ओशो की याद नहीं आई लेकिन अब ऐसा लगता है कि वक्त बदल गया इसलिए जबलपुर में 3 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय ओशो महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है

इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में पहले दिन ड्रमर शिवमणि प्रस्तुति देंगे दूसरे दिन रेखा भारद्वाज का सूफी गायन होगा और तीसरे दिन एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा इसके साथ ही फिल्म डायरेक्टर सुभाष घई की अध्यक्षता में एक फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है पहली बार ओशो के नाम पर होने वाले इस आयोजन की वजह से ओशो भक्त खुश हैं




Conclusion:ओशो की एक पुस्तक संभोग से समाधि की ओर चर्चित भी थी और विवादित भी थी हालांकि जिन लोगों ने ओशो को पढ़ा और सुना है उन्हें यह पुस्तक उन की सैकड़ों पुस्तकों में से एक नजर आती है लेकिन उनके सेक्स गुरु के खिताब की वजह से वे भारतीय समाज में बहुत स्वीकार्य नहीं किए गए लेकिन अब प्रशासन की कोशिश से हो सकता है कि इस दर्शन शास्त्री को लोग समझ सकेंगे और अपना जीवन सुधार सकेंगे
बाइट नितिन वर्मा ओशो प्रशंसक
बाइट भरत यादव कलेक्टर जबलपुर
Last Updated : Dec 8, 2019, 2:44 PM IST
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