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Crime Year Ender 2020: कोरोना काल में बढ़े अपराध, पुलिस ने मुस्तैदी के साथ किया ऐसे सामना

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Published : Dec 29, 2020, 9:05 PM IST

जबलपुर रेंज में 5 जिले हैं जिनमें कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर और जबलपुर शामिल हैं. इन जिलों में अगर अपराधों की बात की जाए तो 2019 में जहां 178 हत्या हुईं थी, तो वहीं 2020 में यह बढ़कर 217 पहुंच गईं थी. हालांकि हत्या के प्रयास डकैती, लूट, चोरी और वाहन चोरी के अपराधों में गिरावट जरूर देखी गई है. लेकिन कोविड-10 के काल में भी दुष्कर्म, बच्चियों और महिलाओं के अपहरण, दहेज और हत्या के मामलों में कोई खास सुधार नहीं हुआ.

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मध्यप्रदेश में अपराध का ग्राफ

जबलपुर। साल 2020 हर व्यक्ति के जीवन में उथल पुथल मचाने वाला रहा. भले ही साल 2020 पूरी तरह से कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने में निकला. लेकिन अपराध के मामले में (Crime Year Ender 2020) इस साल भी गिरावट नहीं दर्ज की गई. मार्च महीने से जून तक लॉकडाउन रहा. इस दौरान जरूर कुछ हद तक अपराध कम हुए पर जैसे ही अनलॉक हुआ तो अपराधों में वृद्धि होने लगी. कोरोना काल में बड़े अपराधों को लेकर जहां पुलिस की दलील पुरानी हैै. वही मनोचिकित्सक बताते हैं कि कोरोना के कारण घर पर बैठाना अपने रोजगार से हाथ धोने जैसी स्थिति के कारण लोगों की मनोदशा में बदलाव आया है. इस कारण लोगों ने अपराध जैसे संगीन कदम उठाए हैं.

कोरोना काल में बढ़े अपराध

जबलपुर रेंज के जिलों में अपराध का ग्राफ

जबलपुर रेंज में कुल 5 जिले आते हैं. कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर और जबलपुर. इन जिलों में अगर अपराधों की बात की जाए तो 2019 में जहां 178 हत्याएं हुईं थी तो वहीं 2020 में यह बढ़कर 217 पहुंच गई. हालांकि हत्या के प्रयास डकैती, लूट, चोरी और वाहन चोरी के अपराधों में गिरावट जरूर देखी गई लेकिन कोरोना काल होने के बावजूद भी बलात्कार, बालिका का अपहरण और महिलाओं के अपहरण, दहेज और हत्या के मामलों में बड़ा बदलाव नहीं दिखा.

Crime graph of Narsinghpur
नरसिंहपुर का क्राइम ग्राफ

जिस तरह से 5 जिलों के अपराध से संबंधित आंकड़े सामने आए हैं उससे कहा जा सकता है कि कोरोना के बावजूद भी हत्या और हत्या के प्रयास के अपराधों में लगातार इजाफा हुआ है. हालांकि इस दौरान लॉक डाउन होने के चलते लोग ज्यादातर समय अपने घरों में थे जिसके चलते चोरी की घटनाओं में काफी कमी देखी गई.

कोरोना संक्रमण के दौरान जबलपुर रेंज के सभी पांचों जिलों में धारा 188 के तहत पुलिस ने कई कार्रवाई की. जबलपुर में जहां 2305 लोगों के खिलाफ 188 के तहत कार्रवाई की गई, तो वही कटनी में 301, छिंदवाड़ा में 516, सिवनी में 1604 और नरसिंहपुर में 623 आरोपियों पर मामले दर्ज किए गए.

Crime graph of Chhindwara
छिंदवाड़ा का क्राइम ग्राफ

पुलिस ने दिलवाई मृत्युदंड की सजा

कोरोना संक्रमण होने के चलते मार्च में लॉक डाउन लगा. कोर्ट बंद थे लेकिन अपराध होना जारी रहा. ऐसे में पुलिस के सामने अपराधियों को सजा दिलवाना बड़ी चुनौती थी. जबलपुर रेंज की पुलिस ने वर्ष 2020 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मृत्युदंड की सजा भी दिलवाई.

छिंदवाड़ा में नाबालिक की हत्या करने वाले को मिला मृत्युदंड

छिंदवाड़ा जिले में 17 जुलाई को थाना अमरवाड़ा ग्राम जमुनिया से 3 साल 6 माह की बच्ची का अपहरण कर आरोपी रितेश पहले रेप करता है, बाद में हत्या. अपने साथी धनपाल के साथ मिलकर आरोपी शव को डैम में फेंक देता है. इस केस में अमरवाड़ा पुलिस ने 26 जुलाई को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद 27 जुलाई को न्यायालय में पेश किया. 4 माह में ही इस केस में सुनवाई पूरी हुई और मुख्य आरोपी रितेश को मृत्युदंड की सजा सुनाई गी. वही उसके साथी धनपाल सिंह को 7 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई.

katni crime graph
कटनी का क्राइम ग्राफ
नरसिंहपुर में नाबालिक के साथ दुष्कर्म के आरोपी को मृत्युदंड

नरसिंहपुर जिले के स्टेशनगंज थाना अंतर्गत 25 जून को छठवीं वाहिनी जबलपुर में पदस्थ संतोष कुमार ने 5 साल की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस केस में भी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रकरण न्यायालय में पेश किया, जहां महज 7 महीने में ही माननीय न्यायालय पंचम अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश ने पाक्सो एक्ट के तहत फैसला सुनाया. आरोपी पुलिसकर्मी संतोष मरकाम को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई. नरसिंहपुर जिले के ही सुआतला थाना क्षेत्र में 23 नवंबर 2019 को 6 साल की नाबालिग बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या के मामले में पुलिस दो आरोपी दिनेश और आनंद कोल को गिरफ्तार किया. पुलिस 26 दिसंबर 2019 को न्यायालय में चालान पेश करती है. प्रकरण में आनंद कोल दोषी पाया जाता है, जबकि दूसरा आरोपी दिनेश का ब्लड नमूनों से डीएनए मैच ना होने के चलते उसे अपराध से दोषमुक्त कर दिया जाता है. 15 जुलाई 2020 को न्यायालय ने आरोपी आनंद कॉल को दोषी पाते हुए धारा 302 भारतीय दंड विधान में मृत्युदंड की सजा सुनाई.

Crime Graph of Jabalpur
जबलुपर का क्राइम ग्राफ

ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी की मौत

कोरोना काल में अपराध तो होते ही रहे, साथ में ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी भी शहीद हुए. जबलपुर रेंज में कुल 343 पुलिसकर्मी अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए, इतना ही नहीं दो पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण के चलते शहीद हो गए. कोरोना के दौरान खितौला थाना प्रभारी गोपाल सिंह और प्रधान आरक्षक अभय नोरिया शहीद हो गए थे.

कोरोना काल होने के बाद भी जारी रही पुलिस की कार्रवाई

एक तरफ पूरी दुनिया में 2020 में कोरोना संक्रमण फैलता रहा. वहीं दूसरी ओर पुलिस की कार्रवाई भी लगातर चलती रही. जबलपुर रेंज के आईजी भगवत सिंह चौहान बताते हैं कि निश्चित रूप से कोरोना काल का समय पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज साबित हुआ, उसके बावजूद भी पुलिस ने हर स्तर पर कार्रवाई की. हालांकि इस दौरान रेंज में जरूर हत्या के मामले बढ़े हैं, पर अगर अन्य अपराध जैसे हत्या के प्रयास, लूट, चोरी पर नजर डालें तो इस साल उनमें कमी आई है.

Crime graph of suture
सिवनी का क्राइम ग्राफ

कोरोना ने छीना रोजगार-व्यक्ति बन गया अपराधी

कोरोना वायरस ने लोगों से उनका रोजगार तो छीना है, साथ ही घर पर बेरोजगार बैठने से व्यक्ति का दिमाग खाली हो गया. जिससे वह असामाजिक गतिविधियों में लिप्त होने लगा. मनोचिकित्सक स्वप्निल अग्रवाल बताते हैं कि निश्चित रूप से जब व्यक्ति के पास काम नहीं रहता है तो वो डिप्रेशन और एंजेटिक का शिकार हो जाता है, लिहाजा ऐसे में वह अपराध करने की तरफ बढ़ने लगता है.

Crime also increased in Corona
कोरोना काल में बढ़ा अपराध

साल 2020 में कोरोना ने जिस तरह से तबाही मचाई है. उसको लेकर कहा जा सकता है कि इससे लोगों को बेरोजगार होना पड़ा है. इसके साथ ही अपराध भी बढ़ा. बावजूद इसके जबलपुर रेंज पुलिस ने काफी हद तक अपराधों पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल की है.

जबलपुर। साल 2020 हर व्यक्ति के जीवन में उथल पुथल मचाने वाला रहा. भले ही साल 2020 पूरी तरह से कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने में निकला. लेकिन अपराध के मामले में (Crime Year Ender 2020) इस साल भी गिरावट नहीं दर्ज की गई. मार्च महीने से जून तक लॉकडाउन रहा. इस दौरान जरूर कुछ हद तक अपराध कम हुए पर जैसे ही अनलॉक हुआ तो अपराधों में वृद्धि होने लगी. कोरोना काल में बड़े अपराधों को लेकर जहां पुलिस की दलील पुरानी हैै. वही मनोचिकित्सक बताते हैं कि कोरोना के कारण घर पर बैठाना अपने रोजगार से हाथ धोने जैसी स्थिति के कारण लोगों की मनोदशा में बदलाव आया है. इस कारण लोगों ने अपराध जैसे संगीन कदम उठाए हैं.

कोरोना काल में बढ़े अपराध

जबलपुर रेंज के जिलों में अपराध का ग्राफ

जबलपुर रेंज में कुल 5 जिले आते हैं. कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर और जबलपुर. इन जिलों में अगर अपराधों की बात की जाए तो 2019 में जहां 178 हत्याएं हुईं थी तो वहीं 2020 में यह बढ़कर 217 पहुंच गई. हालांकि हत्या के प्रयास डकैती, लूट, चोरी और वाहन चोरी के अपराधों में गिरावट जरूर देखी गई लेकिन कोरोना काल होने के बावजूद भी बलात्कार, बालिका का अपहरण और महिलाओं के अपहरण, दहेज और हत्या के मामलों में बड़ा बदलाव नहीं दिखा.

Crime graph of Narsinghpur
नरसिंहपुर का क्राइम ग्राफ

जिस तरह से 5 जिलों के अपराध से संबंधित आंकड़े सामने आए हैं उससे कहा जा सकता है कि कोरोना के बावजूद भी हत्या और हत्या के प्रयास के अपराधों में लगातार इजाफा हुआ है. हालांकि इस दौरान लॉक डाउन होने के चलते लोग ज्यादातर समय अपने घरों में थे जिसके चलते चोरी की घटनाओं में काफी कमी देखी गई.

कोरोना संक्रमण के दौरान जबलपुर रेंज के सभी पांचों जिलों में धारा 188 के तहत पुलिस ने कई कार्रवाई की. जबलपुर में जहां 2305 लोगों के खिलाफ 188 के तहत कार्रवाई की गई, तो वही कटनी में 301, छिंदवाड़ा में 516, सिवनी में 1604 और नरसिंहपुर में 623 आरोपियों पर मामले दर्ज किए गए.

Crime graph of Chhindwara
छिंदवाड़ा का क्राइम ग्राफ

पुलिस ने दिलवाई मृत्युदंड की सजा

कोरोना संक्रमण होने के चलते मार्च में लॉक डाउन लगा. कोर्ट बंद थे लेकिन अपराध होना जारी रहा. ऐसे में पुलिस के सामने अपराधियों को सजा दिलवाना बड़ी चुनौती थी. जबलपुर रेंज की पुलिस ने वर्ष 2020 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मृत्युदंड की सजा भी दिलवाई.

छिंदवाड़ा में नाबालिक की हत्या करने वाले को मिला मृत्युदंड

छिंदवाड़ा जिले में 17 जुलाई को थाना अमरवाड़ा ग्राम जमुनिया से 3 साल 6 माह की बच्ची का अपहरण कर आरोपी रितेश पहले रेप करता है, बाद में हत्या. अपने साथी धनपाल के साथ मिलकर आरोपी शव को डैम में फेंक देता है. इस केस में अमरवाड़ा पुलिस ने 26 जुलाई को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद 27 जुलाई को न्यायालय में पेश किया. 4 माह में ही इस केस में सुनवाई पूरी हुई और मुख्य आरोपी रितेश को मृत्युदंड की सजा सुनाई गी. वही उसके साथी धनपाल सिंह को 7 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई.

katni crime graph
कटनी का क्राइम ग्राफ
नरसिंहपुर में नाबालिक के साथ दुष्कर्म के आरोपी को मृत्युदंड

नरसिंहपुर जिले के स्टेशनगंज थाना अंतर्गत 25 जून को छठवीं वाहिनी जबलपुर में पदस्थ संतोष कुमार ने 5 साल की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस केस में भी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रकरण न्यायालय में पेश किया, जहां महज 7 महीने में ही माननीय न्यायालय पंचम अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश ने पाक्सो एक्ट के तहत फैसला सुनाया. आरोपी पुलिसकर्मी संतोष मरकाम को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई. नरसिंहपुर जिले के ही सुआतला थाना क्षेत्र में 23 नवंबर 2019 को 6 साल की नाबालिग बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या के मामले में पुलिस दो आरोपी दिनेश और आनंद कोल को गिरफ्तार किया. पुलिस 26 दिसंबर 2019 को न्यायालय में चालान पेश करती है. प्रकरण में आनंद कोल दोषी पाया जाता है, जबकि दूसरा आरोपी दिनेश का ब्लड नमूनों से डीएनए मैच ना होने के चलते उसे अपराध से दोषमुक्त कर दिया जाता है. 15 जुलाई 2020 को न्यायालय ने आरोपी आनंद कॉल को दोषी पाते हुए धारा 302 भारतीय दंड विधान में मृत्युदंड की सजा सुनाई.

Crime Graph of Jabalpur
जबलुपर का क्राइम ग्राफ

ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी की मौत

कोरोना काल में अपराध तो होते ही रहे, साथ में ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी भी शहीद हुए. जबलपुर रेंज में कुल 343 पुलिसकर्मी अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए, इतना ही नहीं दो पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण के चलते शहीद हो गए. कोरोना के दौरान खितौला थाना प्रभारी गोपाल सिंह और प्रधान आरक्षक अभय नोरिया शहीद हो गए थे.

कोरोना काल होने के बाद भी जारी रही पुलिस की कार्रवाई

एक तरफ पूरी दुनिया में 2020 में कोरोना संक्रमण फैलता रहा. वहीं दूसरी ओर पुलिस की कार्रवाई भी लगातर चलती रही. जबलपुर रेंज के आईजी भगवत सिंह चौहान बताते हैं कि निश्चित रूप से कोरोना काल का समय पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज साबित हुआ, उसके बावजूद भी पुलिस ने हर स्तर पर कार्रवाई की. हालांकि इस दौरान रेंज में जरूर हत्या के मामले बढ़े हैं, पर अगर अन्य अपराध जैसे हत्या के प्रयास, लूट, चोरी पर नजर डालें तो इस साल उनमें कमी आई है.

Crime graph of suture
सिवनी का क्राइम ग्राफ

कोरोना ने छीना रोजगार-व्यक्ति बन गया अपराधी

कोरोना वायरस ने लोगों से उनका रोजगार तो छीना है, साथ ही घर पर बेरोजगार बैठने से व्यक्ति का दिमाग खाली हो गया. जिससे वह असामाजिक गतिविधियों में लिप्त होने लगा. मनोचिकित्सक स्वप्निल अग्रवाल बताते हैं कि निश्चित रूप से जब व्यक्ति के पास काम नहीं रहता है तो वो डिप्रेशन और एंजेटिक का शिकार हो जाता है, लिहाजा ऐसे में वह अपराध करने की तरफ बढ़ने लगता है.

Crime also increased in Corona
कोरोना काल में बढ़ा अपराध

साल 2020 में कोरोना ने जिस तरह से तबाही मचाई है. उसको लेकर कहा जा सकता है कि इससे लोगों को बेरोजगार होना पड़ा है. इसके साथ ही अपराध भी बढ़ा. बावजूद इसके जबलपुर रेंज पुलिस ने काफी हद तक अपराधों पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल की है.

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