जबलपुर| बीजेपी ने 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेताओं का लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से कई बड़े चेहरे भी चुनाव नहीं लड़ सके. जिसके बाद से ही बीजेपी के नेता अपनी उम्र कम करने की कोशिश में जुटे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की उम्र 5 वर्ष में सिर्फ तीन साल ही बढ़ी है, पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी उम्र जहां 53 साल दर्शाई थी तो वहीं 5 साल बाद जब इस बार अपना नामांकन किया तो उन्होंने अपनी उम्र 56 वर्ष दर्शाई है, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की उम्र अब चुनावी मुद्दा बनी है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनावी शपथ पत्र में गलत जानकारियां देने की वजह से पहले भी कंट्रोवर्सी में फंस चुके हैं. पहले नरेंद्र मोदी की शादी का मामला, फिर स्मृति ईरानी की पढ़ाई का मामला और अब प्रदेश में राकेश सिंह की उम्र का है मुद्दा उठ रहा है. राकेश सिंह ने नामांकन फार्म में दाखिल हलफनामे में अपनी उम्र 56 वर्ष लिखी गई है. वहीं 2014 में राकेश सिंह में अपनी उम्र 53 वर्ष लिखी थी. कांग्रेस सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लगातार ट्रोल कर रही है.
कमल नाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के लोग झूठ बोलते हैं. यह इसका एक छोटा सा उदाहरण है और अभी तो ऐसे कई झूठ सामने आने हैं. इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं इसलिए बेमतलब की बातों को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. राकेश सिंह का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी को अभी फिल्ड पर चुनाव लड़ना चाहिए और ये मुद्दा फील्ड का नहीं कोर्ट का है, जब मुद्दा कोर्ट में जाएगा तब देखेंगे. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि 2014 के चुनाव में राकेश सिंह ने गलत उम्र लिख दी थी. इस चुनाव में जो उम्र लिखी गई है वह दस्तावेजों के अनुसार सही है.
राकेश सिंह की उम्र से कांग्रेसियों को एक नया मुद्दा मिल गया है. लेकिन बीजेपी के नेता इस बात को गंभीर नहीं मान रहे हैं. सवाल ये है कि राकेश सिंह बीते तीन चुनावों से गलत जानकारियां क्यों देते आ रहे थे.