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क्या बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को अभी से सताने लगा है 75 वर्ष के फार्मूले का डर, 5 वर्ष में 3 साल ही बढ़ी राकेश सिंह की उम्र

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की उम्र प्रदेश में चुनावी मुद्दा बनी हुई है. पिछले चुनाव में राकेश सिंह ने अपनी उम्र 53 साल बताई थी तो वहीं 5 साल बाद अपने नामांकन में उन्होंने अपनी उम्र 56 वर्ष दर्शाई है.

5 वर्ष में 3 साल ही बढ़ी राकेश सिंह की उम्र
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Published : Apr 13, 2019, 8:49 PM IST

जबलपुर| बीजेपी ने 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेताओं का लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से कई बड़े चेहरे भी चुनाव नहीं लड़ सके. जिसके बाद से ही बीजेपी के नेता अपनी उम्र कम करने की कोशिश में जुटे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की उम्र 5 वर्ष में सिर्फ तीन साल ही बढ़ी है, पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी उम्र जहां 53 साल दर्शाई थी तो वहीं 5 साल बाद जब इस बार अपना नामांकन किया तो उन्होंने अपनी उम्र 56 वर्ष दर्शाई है, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की उम्र अब चुनावी मुद्दा बनी है.

5 वर्ष में 3 साल ही बढ़ी राकेश सिंह की उम्र

भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनावी शपथ पत्र में गलत जानकारियां देने की वजह से पहले भी कंट्रोवर्सी में फंस चुके हैं. पहले नरेंद्र मोदी की शादी का मामला, फिर स्मृति ईरानी की पढ़ाई का मामला और अब प्रदेश में राकेश सिंह की उम्र का है मुद्दा उठ रहा है. राकेश सिंह ने नामांकन फार्म में दाखिल हलफनामे में अपनी उम्र 56 वर्ष लिखी गई है. वहीं 2014 में राकेश सिंह में अपनी उम्र 53 वर्ष लिखी थी. कांग्रेस सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लगातार ट्रोल कर रही है.

कमल नाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के लोग झूठ बोलते हैं. यह इसका एक छोटा सा उदाहरण है और अभी तो ऐसे कई झूठ सामने आने हैं. इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं इसलिए बेमतलब की बातों को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. राकेश सिंह का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी को अभी फिल्ड पर चुनाव लड़ना चाहिए और ये मुद्दा फील्ड का नहीं कोर्ट का है, जब मुद्दा कोर्ट में जाएगा तब देखेंगे. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि 2014 के चुनाव में राकेश सिंह ने गलत उम्र लिख दी थी. इस चुनाव में जो उम्र लिखी गई है वह दस्तावेजों के अनुसार सही है.

राकेश सिंह की उम्र से कांग्रेसियों को एक नया मुद्दा मिल गया है. लेकिन बीजेपी के नेता इस बात को गंभीर नहीं मान रहे हैं. सवाल ये है कि राकेश सिंह बीते तीन चुनावों से गलत जानकारियां क्यों देते आ रहे थे.

जबलपुर| बीजेपी ने 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेताओं का लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से कई बड़े चेहरे भी चुनाव नहीं लड़ सके. जिसके बाद से ही बीजेपी के नेता अपनी उम्र कम करने की कोशिश में जुटे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की उम्र 5 वर्ष में सिर्फ तीन साल ही बढ़ी है, पिछले चुनाव में उन्होंने अपनी उम्र जहां 53 साल दर्शाई थी तो वहीं 5 साल बाद जब इस बार अपना नामांकन किया तो उन्होंने अपनी उम्र 56 वर्ष दर्शाई है, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की उम्र अब चुनावी मुद्दा बनी है.

5 वर्ष में 3 साल ही बढ़ी राकेश सिंह की उम्र

भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनावी शपथ पत्र में गलत जानकारियां देने की वजह से पहले भी कंट्रोवर्सी में फंस चुके हैं. पहले नरेंद्र मोदी की शादी का मामला, फिर स्मृति ईरानी की पढ़ाई का मामला और अब प्रदेश में राकेश सिंह की उम्र का है मुद्दा उठ रहा है. राकेश सिंह ने नामांकन फार्म में दाखिल हलफनामे में अपनी उम्र 56 वर्ष लिखी गई है. वहीं 2014 में राकेश सिंह में अपनी उम्र 53 वर्ष लिखी थी. कांग्रेस सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लगातार ट्रोल कर रही है.

कमल नाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के लोग झूठ बोलते हैं. यह इसका एक छोटा सा उदाहरण है और अभी तो ऐसे कई झूठ सामने आने हैं. इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं इसलिए बेमतलब की बातों को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. राकेश सिंह का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी को अभी फिल्ड पर चुनाव लड़ना चाहिए और ये मुद्दा फील्ड का नहीं कोर्ट का है, जब मुद्दा कोर्ट में जाएगा तब देखेंगे. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि 2014 के चुनाव में राकेश सिंह ने गलत उम्र लिख दी थी. इस चुनाव में जो उम्र लिखी गई है वह दस्तावेजों के अनुसार सही है.

राकेश सिंह की उम्र से कांग्रेसियों को एक नया मुद्दा मिल गया है. लेकिन बीजेपी के नेता इस बात को गंभीर नहीं मान रहे हैं. सवाल ये है कि राकेश सिंह बीते तीन चुनावों से गलत जानकारियां क्यों देते आ रहे थे.

Intro:चुनावी शपथ पत्र मै राकेश सिंह की उम्र 5 सालों में केवल 3 साल ही बड़ी 2014 में 53 साल के राकेश सिंह 2019 तक आते आते केवल 56 साल के हुए राकेश सिंह की उम्र बनी जबलपुर में चुनावी मुद्दा


Body:जबलपुर भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनावी शपथ पत्रों में गलत जानकारियां देने की वजह से पहले भी कंट्रोवर्सी में फंसे हैं चाहे नरेंद्र मोदी की शादी का मामला हो या फिर स्मृति ईरानी की पढ़ाई का लेकिन इस बार मुद्दा मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की उम्र का है

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह
अपने नामांकन फार्म में दाखिल हलफनामे में अपनी उम्र 56 वर्ष लिखी गई है वहीं 2014 में राकेश सिंह में अपनी उम्र 53 वर्ष लिखी थी और राकेश सिंह बीते तीन चुनावों से अपनी उम्र गलत ही बताते आ रहे थे हालांकि 2014 से 2019 मैं 5 सालों का अंतर है फिर राकेश सिंह की उम्र मात्र 3 वर्ष ही क्यों बड़ी कांग्रेस ने इसको मुद्दा बना लिया है कांग्रेस सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को ट्रोल कर रही है कि जिस तरीके से देश में मोदी जी की विकास की दर है उसी तरीके से सांसद राकेश सिंह की उम्र भी नहीं बढ़ रही है

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग झूठ बोलते हैं यह इसका एक छोटा सा उदाहरण है और अभी तो ऐसे कई झूठ सामने आने हैं दरअसल लखन घनघोरिया और राकेश सिंह एक साथ पढ़े हुए हैं लखन घनघोरिया का कहना है अभी तो और भी कई राज है जिन का खुलासा होना बाकी है

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं इसलिए बेमतलब की बातों को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है राकेश सिंह का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी को अभी फिल्ड पर चुनाव लड़ना चाहिए और यह मुद्दा फील्ड का नहीं कोर्ट का जब कोर्ट में ले लेंगे तब देखेंगे वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि दरअसल 2014 के चुनाव में मानवीय भूल के चलते हैं गलत उम्र लिख दी गई थी लेकिन इस चुनाव में जो उम्र लिखी गई है वह दस्तावेजों के अनुसार है प्रवक्ता ने भी यही बात दोहराई है कि कांग्रेस के पास जमीन पर लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं है इसलिए फिजूल की बातों को तूल दिया जा रहा है और कभी उम्र को कभी उनके तकिया कलाम को मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है


Conclusion:राकेश सिंह की उम्र में कांग्रेसियों को एक नया मुद्दा दे दिया है भले ही भाजपा नेता इस बात गंभीर नहीं मान रहे हैं लेकिन जनता नेताओं की हर बात को गंभीरता से लेती है और छोटे से झूठ को भी जनता बारीकी से परखती है सवाल यह खड़ा होता है राकेश सिंह बीते तीन चुनावों से आखिर गलत जानकारियां क्यों देते आ रहे थे
byte लखन घनघोरिया कैबिनेट मंत्री मध्य प्रदेश सरकार
बाइट राकेश सिंह लोकसभा प्रत्याशी जबलपुर भारतीय जनता पार्टी

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