जबलपुर। IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी ने शासन प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मेडिकल कॉलेज में लापरवाही की वजह से हो रही कोरोना संक्रमितों की मौत को लेकर डॉ. सुधीर तिवारी ने ये आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट भोपाल और इंदौर की तर्ज पर जबलपुर में भी निजी हाथों में दिया जाना चाहिए, जिससे कोरोना संक्रमितों को बेहतर और जल्द इलाज मुहैया हो सकें.
जबलपुर में कोरोना वायरस की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं. जबलपुर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी ने जबलपुर की सरकारी मेडिकल सुविधाओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. डॉक्टर सुधीर तिवारी का कहना है कि कोरोना वायरस के सैंपल की जांच चंद घंटों में हो जाती है, लेकिन इसकी रिपोर्ट मिलने में 5 से 6 दिन लग जाते हैं. ऐसे हालात में निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को नए सिरे से जांच करवानी पड़ती है, जिस वजह से निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को दोबारा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. यही वजह है कि इलाज महंगा हो रहा है.
वहीं मेडिकल कॉलेज में रिपोर्ट नहीं मिलने और लापरवाही की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं. डॉक्टर सुधीर तिवारी का कहना है कि जिस तरीके से भोपाल और इंदौर में अरविंदो मेडिकल कॉलेज और चिरायु अस्पताल को इलाज के लिए सरकार करोड़ों रुपया दे रही है, उसी तरीके से अगर जबलपुर में भी सरकार निजी अस्पतालों को पैसा देने लगे तो शायद जबलपुर में भी इतनी ज्यादा लोगों की मौत नहीं होगी.
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IMA पूर्व अध्यक्ष सुधीर तिवारी ने जबलपुर के नेताओं पर भी आरोप लगाया है कि नेता सही ढंग से जबलपुर की समस्या को उठा नहीं रहे हैं. वो खुद कोरोना संक्रमित होकर घरों में बैठे हुए हैं, जबकि इन नेताओं को सरकार के सामने जबलपुर की परिस्थिति रखनी चाहिए और जबलपुर की जनता का संकट की घड़ी में मदद करनी चाहिए.
जिले में कोरोना के आंकड़े-
- जिले में अब तक 6951 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं.
- इनमें से 5680 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर को लौट चुके हैं.
- वहीं 1153 कोरोना एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज जारी है.
- जबकि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की वजह से अब तक 118 लोगों की मौत हो चुकी है.