जबलपुर। नर्मदा नदी में जबलपुर के लम्हेटा घाट और सरस्वती घाट में पुल निर्माण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्ही के षुक्ला की युगलपीठ ने सरकार के पाॅलिसी मैटर में दखल से इंकार कर दिया. जिसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.
पुल निर्माण को लेकर लगाई गई थी याचिका
रसल चैक निवासी गोपाल हुंका की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सरकार ने लम्हेटा घाट और सरस्वती घाट में नर्मदा नदी पर पुल निर्माण का निर्णय लिया है. दो पुल के निर्माण में लगभग 16 करोड रूपये व्यय होगे. वर्तमान समय में जबलपुर में नर्मदा नदी पर तीन पुल बने हुए है, जो आवाजाही के लिए पर्याप्त है. दो नये पुल निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं है और इसके नदी का बहाव प्रभावित होगा.
हाईकोर्ट का दखल से किया इंकार
याचिका में पुल निर्माण पर रोक लगाये जाने की मांग की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने पाया कि पुल निर्माण से किसी के संवैधानिक अधिकारियों का हनन नहीं हो रहा है. युगलपीठ ने इसे सरकार का पाॅलिसी मैटर बताते हुए याचिका में हस्ताक्षेप करने से इंकार कर दिया है.