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अग्निवीर मामले में हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जबलपुर के भर्ती अधिकारी और रक्षा मंत्रालय से मांगा जवाब - हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा

हाईकोर्ट ने अग्रिवीर मामले में नोटिस जारी कर जबलपुर के भर्ती अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा है. याचिकाकर्ताओं ने अग्निवीरों के चयन और नियुक्ति में गंभीर अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाई कोर्ट
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Published : Apr 10, 2023, 10:44 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अग्निवीर के पद पर चयन और नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जज विशाल धगत ने आदेश जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

अनियमितताओं का लगाया आरोप: रिट याचिका में याचिकाकर्ताओं ने अग्निवीरों के चयन और नियुक्ति में गंभीर अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि परीक्षा का कोई कट ऑफ अंक नहीं बताया गया. वहीं चयनित उम्मीदवारों को मिले अंकों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई. जो परिणाम की विश्वसनीयता और अग्निवीरों के चयन और नियुक्ति के बारे में गंभीर संदेह पैदा करते हैं.

मामले से जुड़ी कुछ और खबरें यहां पढ़ें

केंद्र और रक्षा मंत्रालय से मांगा जवाब: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस रिट याचिका को नरिंदरपाल सिंह रूपरा एडवोकेट याचिकाकर्ताओं के लिए पेश किया. सामान्य तौर पर सेना से जुड़े हुए मामले नेशनल आर्मी ट्रिब्यूनल में सुनवाई के लिए लगाए जाते हैं, लेकिन सेना में भर्ती के मामलों को हाई कोर्ट में लगाया जा सकता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्क को सुनने के बाद मामले की सुनवाई शुरू की. इस मामले में जबलपुर के भर्ती अधिकारी और रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा गया है. गौरतलब है कि अग्निवीर योजना पर पहले भी काफी विवाद खड़े हो चुके हैं. देश भर में इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे. एक बार फिर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता ना होने की वजह से नया विवाद खड़ा कर दिया है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अग्निवीर के पद पर चयन और नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जज विशाल धगत ने आदेश जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

अनियमितताओं का लगाया आरोप: रिट याचिका में याचिकाकर्ताओं ने अग्निवीरों के चयन और नियुक्ति में गंभीर अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि परीक्षा का कोई कट ऑफ अंक नहीं बताया गया. वहीं चयनित उम्मीदवारों को मिले अंकों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई. जो परिणाम की विश्वसनीयता और अग्निवीरों के चयन और नियुक्ति के बारे में गंभीर संदेह पैदा करते हैं.

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केंद्र और रक्षा मंत्रालय से मांगा जवाब: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस रिट याचिका को नरिंदरपाल सिंह रूपरा एडवोकेट याचिकाकर्ताओं के लिए पेश किया. सामान्य तौर पर सेना से जुड़े हुए मामले नेशनल आर्मी ट्रिब्यूनल में सुनवाई के लिए लगाए जाते हैं, लेकिन सेना में भर्ती के मामलों को हाई कोर्ट में लगाया जा सकता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्क को सुनने के बाद मामले की सुनवाई शुरू की. इस मामले में जबलपुर के भर्ती अधिकारी और रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा गया है. गौरतलब है कि अग्निवीर योजना पर पहले भी काफी विवाद खड़े हो चुके हैं. देश भर में इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे. एक बार फिर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता ना होने की वजह से नया विवाद खड़ा कर दिया है.

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