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BMHRC में होगा गैस पीड़ितों का करोना टेस्ट, सरकार ने वापस लिया आदेश - jabalpur news

भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर को कोरोना अस्पताल में तब्दील किए जाने वाले सरकारी आदेश को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी, जिसे अब सरकार ने वापस ले लिया है.

madhya pradesh high court
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
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Published : Apr 21, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 8:53 PM IST

जबलपुर। भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में उपचार के लिए भर्ती गैस पीड़ितों को निकालकर उसे कोरोना अस्पताल में तब्दील किए जाने को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी, जिस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई, जिसमें बताया गया कि उक्त आदेश को सरकार ने वापस ले लिया है.

याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगल पीठ को बताया गया कि इस दौरान सात गैस पीड़ितों की मौत हो गई है, जिस पर सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण करते हुए आदेश में कहा गया है कि गैस पीड़ितों का कोरोना टेस्ट बीएचएमआरसी में करवाया जाए.

भोपाल में गैस पीड़ितों के उपचार के भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई थी जिसको कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार के लिए राज्य सरकार ने कोरोना अस्पताल बनाए जाने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद बीएमएचआरसी में भर्ती लगभग 86 मरीजों को निकाल दिया गया था.

बीएमएचआरसी से निकाले जाने के बाद दो गैस पीड़ितों की मौत हो गई थी. सरकार के उक्त आदेश के खिलाफ मुन्नी बी तथा एक अन्य संगठन की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

जबलपुर। भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में उपचार के लिए भर्ती गैस पीड़ितों को निकालकर उसे कोरोना अस्पताल में तब्दील किए जाने को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी, जिस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई, जिसमें बताया गया कि उक्त आदेश को सरकार ने वापस ले लिया है.

याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगल पीठ को बताया गया कि इस दौरान सात गैस पीड़ितों की मौत हो गई है, जिस पर सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण करते हुए आदेश में कहा गया है कि गैस पीड़ितों का कोरोना टेस्ट बीएचएमआरसी में करवाया जाए.

भोपाल में गैस पीड़ितों के उपचार के भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई थी जिसको कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार के लिए राज्य सरकार ने कोरोना अस्पताल बनाए जाने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद बीएमएचआरसी में भर्ती लगभग 86 मरीजों को निकाल दिया गया था.

बीएमएचआरसी से निकाले जाने के बाद दो गैस पीड़ितों की मौत हो गई थी. सरकार के उक्त आदेश के खिलाफ मुन्नी बी तथा एक अन्य संगठन की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

Last Updated : Apr 21, 2020, 8:53 PM IST
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