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अवैध ईंट निर्माणों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कलेक्टर को दिए कार्रवाई के निर्देश

हाईकोर्ट ने नर्मदा तट के किनारे हो रहे अवैध ईंटों के निर्माण के मामले में सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने मामले में जबलपुर कलेक्टर को न्यायालय के पूर्व आदेश के अनुसार, कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देशित किया है कि, वह नए सिरे से मामले की जांच करे.

jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jun 19, 2021, 7:26 AM IST

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मंडला रोड स्थित परसवाड़ा में नर्मदा तट के किनारे हो रहे अवैध ईंटों के निर्माण को लेकर बड़ा फैसला दिया है. अवैध निर्माण को चुनौती देने वाले मामले में जबलपुर कलेक्टर को न्यायालय के पूर्व आदेश के अनुसार, कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देशित किया है कि, वह नए सिरे से मामले की निरीक्षण कर जांच करे कि कहीं प्रदूषण तो नहीं फैल रहा.

हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिए निर्देश
दरअसल, यह याचिका परसवाड़ा निवासी एडवोकेट आरएस वर्मा की ओर से दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि परसवाड़ा में लल्लू प्रजापति और अन्य की ओर से अवैध तरीकें से ईंटों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण फैल रहा है, इतना ही नहीं नर्मदा तट किनारे मिट्टी खोदकर उक्त ईंटों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे नर्मदा के अस्तित्व को भी खतरा है.

नर्मदा तट को हो रहा नुकसान
याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्व में जांच कर जलधारा प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए तत्काल ईंट निर्माण रोकने के आदेश दिए थे. इतना ही नहीं बिजली और पानी की सप्लाई रोकने की भी कार्रवाई सुनिश्चित की थी. इसके बावजूद अवैध ईंटों का निर्माण लगातार जारी है, जिससे नर्मदा तट को नुकसान हो रहा है.


कटघरे में जबलपुर जिला पंचायत की आरक्षण प्रक्रिया, कोर्ट ने दिए पक्ष रखने के निर्देश

कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अवैध उत्खनन पर रोक लगाई है, इसके बावजूद भी अवैध उत्खनन कर ईंटों का निर्माण किया जा रहा है. सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने आवेदक को कलेक्टर के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर को न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मंडला रोड स्थित परसवाड़ा में नर्मदा तट के किनारे हो रहे अवैध ईंटों के निर्माण को लेकर बड़ा फैसला दिया है. अवैध निर्माण को चुनौती देने वाले मामले में जबलपुर कलेक्टर को न्यायालय के पूर्व आदेश के अनुसार, कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देशित किया है कि, वह नए सिरे से मामले की निरीक्षण कर जांच करे कि कहीं प्रदूषण तो नहीं फैल रहा.

हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिए निर्देश
दरअसल, यह याचिका परसवाड़ा निवासी एडवोकेट आरएस वर्मा की ओर से दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि परसवाड़ा में लल्लू प्रजापति और अन्य की ओर से अवैध तरीकें से ईंटों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण फैल रहा है, इतना ही नहीं नर्मदा तट किनारे मिट्टी खोदकर उक्त ईंटों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे नर्मदा के अस्तित्व को भी खतरा है.

नर्मदा तट को हो रहा नुकसान
याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्व में जांच कर जलधारा प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए तत्काल ईंट निर्माण रोकने के आदेश दिए थे. इतना ही नहीं बिजली और पानी की सप्लाई रोकने की भी कार्रवाई सुनिश्चित की थी. इसके बावजूद अवैध ईंटों का निर्माण लगातार जारी है, जिससे नर्मदा तट को नुकसान हो रहा है.


कटघरे में जबलपुर जिला पंचायत की आरक्षण प्रक्रिया, कोर्ट ने दिए पक्ष रखने के निर्देश

कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अवैध उत्खनन पर रोक लगाई है, इसके बावजूद भी अवैध उत्खनन कर ईंटों का निर्माण किया जा रहा है. सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने आवेदक को कलेक्टर के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर को न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

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