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तालाबों के अतिक्रमण पर दायर याचिका पर सुनवााई, हाईकोर्ट ने रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

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Published : Dec 5, 2020, 12:05 PM IST

तालाब पर अतिक्रमण के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर याचिका में पर सुनावाई हुई. जिसमें नगर निगम को शहर के सभी तालबों में हुए अतिक्रमण के संबंध में स्टेटस पेश करने के निर्देश जारी किये है. याचिका पर अगली सुनवाई जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गयी है.

High Court
हाईकोर्ट

जबलपुर। पंडा की मढ़िया के समीप स्थित इमरती तालाब में किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने के संबंध में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की गयी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वी के शुक्ला की युगलपीठ ने नगर निगम को शहर के सभी तालबों में हुए अतिक्रमण के संबंध में स्टेटस पेश करने के निर्देश जारी किये है. याचिका पर अगली सुनवाई जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गयी है.

गढ़ा निवासी विजित साहू की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर की पहचान 52 तालाब वाले शहर के तौर पर होती थी. अतिक्रमण के कारण अधिकांश तलाबों का अस्तित्व समाप्त हो गया था. बचे हुए तलाब में अतिक्रमण और कचरा डपिंग के कारण उनका अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है. याचिका में कहा गया था कि पंडा की मढ़िया स्थित इमरती तालाब की शासकीय जमीन में अनावेदकों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है.
याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से न्यायालय को बताया गया था कि इमरती तालाब के अतिक्रमणों को हटा दिया गया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक ने पैरवी की.

जबलपुर। पंडा की मढ़िया के समीप स्थित इमरती तालाब में किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने के संबंध में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की गयी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वी के शुक्ला की युगलपीठ ने नगर निगम को शहर के सभी तालबों में हुए अतिक्रमण के संबंध में स्टेटस पेश करने के निर्देश जारी किये है. याचिका पर अगली सुनवाई जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गयी है.

गढ़ा निवासी विजित साहू की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर की पहचान 52 तालाब वाले शहर के तौर पर होती थी. अतिक्रमण के कारण अधिकांश तलाबों का अस्तित्व समाप्त हो गया था. बचे हुए तलाब में अतिक्रमण और कचरा डपिंग के कारण उनका अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है. याचिका में कहा गया था कि पंडा की मढ़िया स्थित इमरती तालाब की शासकीय जमीन में अनावेदकों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है.
याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से न्यायालय को बताया गया था कि इमरती तालाब के अतिक्रमणों को हटा दिया गया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक ने पैरवी की.

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