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सोयाबीन का जैकपॉट: उज्जैन, नागदा मंडी दाम 5000 रुपये क्विंटल, रेट जान इंदौर मंडी दौड़े किसान - Soybean Fresh Price 5000 Per Q

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 9 hours ago

किसान सरकार से सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6000 रुपये प्रति क्विंटल मांग रहे हैं. इधर दूसरी ओर इंदौर, उज्जैन और नागदा मंडी में इसकी रेट 5000 रुपये क्विंटल तक पहुंच नई है. सोयाबीन के इस बंपर रेट से किसानों का जैकपॉट लग गया है. व्यापारियों का कहना है कि अभी और रेट बढ़ेंगे.

Soybean Fresh Price 5000 Per Q
मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के रेट बढ़े (ETV Bharat)

इंदौर: सोयाबीन के रेट को लेकर कांग्रेस देशभर में हंगामा कर रही है. मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां भी किसान संगठन मोर्चा बनाकर पिछले एक माह से आंदोलन कर रहे हैं. सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग किसान लगातार कर रहे हैं. मंडियों में नई सोयाबीन की आवक शुरू हो गई है और लगातार उसके दाम में उछाल बना हुआ है. नागदा और उज्जैन मंडी की बात करें तो यहां नई सोयाबीन 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है. वहीं इंदौर में नई सोयाबीन 4700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है.

नागदा और उज्जैन मंडी में सोयाबीन 5000 के पार

प्रदेश में सोयाबीन की कटाई का काम शुरू हो चुका है और नई सोयाबीन की अच्छी आवक मंडियों में शुरू हो गई है. नागदा और उज्जैन मंडी की बात करें तो यहां नई सोयाबीन मंडियों में पहुंचने लगी है और किसानों को पिछले साल की तुलना में अच्छी कीमत मिल रही है. एक दिन पहले यानि बुधवार को उज्जैन मंडी में 30 बोरी नई सोयाबीन की आवक हुई. वहीं नागदा मंडी में भी नए सोयाबीन की आवक अच्छी रही. उज्जैन मंडी में किसानों को नई सोयोबीन के दाम 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिले. नागदा मंडी में भी नई सोयाबीन 5000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा में ही बिकी.

इंदौर मंडी में भी सोयाबीन के बढ़े दाम

प्रदेश के किसान लगातार सोयाबीन के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर कांग्रेस के साथ मिलकर सड़कों पर उतरे हुए हैं. किसान लगातार सोयाबीन की फसल की मूल्य वृद्धि को लेकर हंगामा और प्रदर्शन कर रहे हैं. इंदौर मंडी के वरिष्ठ व्यापारी मनोज काले ने बताया कि "अभी जो सोयाबीन मंडी में आ रही है वह नई है और गली है जिसके कारण उनके दाम तकरीबन 4700 क्विंटल के आसपास आ रहे हैं. इसी के साथ यदि पुरानी सोयाबीन की बात करें तो तकरीबन 4500 क्विंटल के आसपास बिक रही है, जो काफी अच्छे दाम हैं. वहीं आने वाले दिनों में व्यापारियों का यह भी कहना है कि निश्चित तौर पर जिस तरह से आवक में बढ़ोतरी हो गई और जिस तरह से मांग बढ़ेगी तो निश्चित तौर पर सोयाबीन के दाम में भी बढ़ोतरी होगी."

4811 रुपये क्विंटल बेचा सोयाबीन

उज्जैन मंडी पहुंचे किसान ईश्वर सुनवानी ने अपनी 30 बोरी नई सोयाबीन एक निजी फर्म को बेची. इसके लिए उन्हें 4811 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला. नागदा में भी अलग-अलग फर्मों ने अलग-अलग रेट में सोयाबीन की खरीद की. सबसे ज्यादा रेट 5001 रुपये तक पहुंचा. अलग-अलग फर्म के व्यापरियों का कहना है कि फिलहाल आवक कम है मांग जैसे जैसे बढ़ेगी, सोयाबीन के दाम और बढ़ेंगे और किसानों को मुनाफा होगा.

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सोयाबीन की एमएसपी 6000 करने पर किसान अड़े

बता दें कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर करने की मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन को 4892 रुपए के समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने का प्रस्ताव केन्द्र को मंजूरी के लिए भेजा गया था. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन के मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर खरीदी की अनुमति दे दी है. इसके बावजूद प्रदेश के सोयाबनी उत्पादक किसान संतुष्ट नहीं हैं. किसान नेताओं का कहना है कि 6000 रुपए प्रति क्विंटल से कम में सोयाबीन की खरीदी मंजूर नहीं है. प्रदेश के किसान संगठनों ने मोर्चा बनाकर 1 सितंबर से प्रदेश व्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी है और इस आंदोलन में किसानों का साथ कांग्रेस पार्टी दे रही है.

इंदौर: सोयाबीन के रेट को लेकर कांग्रेस देशभर में हंगामा कर रही है. मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां भी किसान संगठन मोर्चा बनाकर पिछले एक माह से आंदोलन कर रहे हैं. सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग किसान लगातार कर रहे हैं. मंडियों में नई सोयाबीन की आवक शुरू हो गई है और लगातार उसके दाम में उछाल बना हुआ है. नागदा और उज्जैन मंडी की बात करें तो यहां नई सोयाबीन 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है. वहीं इंदौर में नई सोयाबीन 4700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है.

नागदा और उज्जैन मंडी में सोयाबीन 5000 के पार

प्रदेश में सोयाबीन की कटाई का काम शुरू हो चुका है और नई सोयाबीन की अच्छी आवक मंडियों में शुरू हो गई है. नागदा और उज्जैन मंडी की बात करें तो यहां नई सोयाबीन मंडियों में पहुंचने लगी है और किसानों को पिछले साल की तुलना में अच्छी कीमत मिल रही है. एक दिन पहले यानि बुधवार को उज्जैन मंडी में 30 बोरी नई सोयाबीन की आवक हुई. वहीं नागदा मंडी में भी नए सोयाबीन की आवक अच्छी रही. उज्जैन मंडी में किसानों को नई सोयोबीन के दाम 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिले. नागदा मंडी में भी नई सोयाबीन 5000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा में ही बिकी.

इंदौर मंडी में भी सोयाबीन के बढ़े दाम

प्रदेश के किसान लगातार सोयाबीन के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर कांग्रेस के साथ मिलकर सड़कों पर उतरे हुए हैं. किसान लगातार सोयाबीन की फसल की मूल्य वृद्धि को लेकर हंगामा और प्रदर्शन कर रहे हैं. इंदौर मंडी के वरिष्ठ व्यापारी मनोज काले ने बताया कि "अभी जो सोयाबीन मंडी में आ रही है वह नई है और गली है जिसके कारण उनके दाम तकरीबन 4700 क्विंटल के आसपास आ रहे हैं. इसी के साथ यदि पुरानी सोयाबीन की बात करें तो तकरीबन 4500 क्विंटल के आसपास बिक रही है, जो काफी अच्छे दाम हैं. वहीं आने वाले दिनों में व्यापारियों का यह भी कहना है कि निश्चित तौर पर जिस तरह से आवक में बढ़ोतरी हो गई और जिस तरह से मांग बढ़ेगी तो निश्चित तौर पर सोयाबीन के दाम में भी बढ़ोतरी होगी."

4811 रुपये क्विंटल बेचा सोयाबीन

उज्जैन मंडी पहुंचे किसान ईश्वर सुनवानी ने अपनी 30 बोरी नई सोयाबीन एक निजी फर्म को बेची. इसके लिए उन्हें 4811 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला. नागदा में भी अलग-अलग फर्मों ने अलग-अलग रेट में सोयाबीन की खरीद की. सबसे ज्यादा रेट 5001 रुपये तक पहुंचा. अलग-अलग फर्म के व्यापरियों का कहना है कि फिलहाल आवक कम है मांग जैसे जैसे बढ़ेगी, सोयाबीन के दाम और बढ़ेंगे और किसानों को मुनाफा होगा.

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सोयाबीन की एमएसपी 6000 करने पर किसान अड़े

बता दें कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर करने की मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन को 4892 रुपए के समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने का प्रस्ताव केन्द्र को मंजूरी के लिए भेजा गया था. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन के मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर खरीदी की अनुमति दे दी है. इसके बावजूद प्रदेश के सोयाबनी उत्पादक किसान संतुष्ट नहीं हैं. किसान नेताओं का कहना है कि 6000 रुपए प्रति क्विंटल से कम में सोयाबीन की खरीदी मंजूर नहीं है. प्रदेश के किसान संगठनों ने मोर्चा बनाकर 1 सितंबर से प्रदेश व्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी है और इस आंदोलन में किसानों का साथ कांग्रेस पार्टी दे रही है.

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