इंदौर: मध्य प्रदेश में कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर सरकार का विरोध जता रही है. मध्य प्रदेश में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, भूमि अधिग्रहण के उल्लंघन सहित राहुल गांधी के खिलाफ अवैध टिप्पणी के मामले में कांग्रेस किसान न्याय यात्रा निकाल रही है. शुक्रवार को यात्रा के पहले ही दिन इंदौर में पुलिस ने बैरिकेडिंग करके किसानों के ट्रैक्टरों को रुकवा दिया.
मुख्यमंत्री जी,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) September 20, 2024
- किसान न्याय यात्रा में शामिल होने वाले ट्रैक्टर्स को पूरे #मध्यप्रदेश में रोका जा रहा है! आज #इंदौर में भी पुलिस जगह-जगह नाकाबंदी कर ट्रैक्टर रोक रही है!
- कांग्रेस अनुमति लेकर ट्रैक्टर रैली निकल रही है. पुलिस-प्रशासन ने जो रास्ता बताया था, उसी अनुसार… pic.twitter.com/j8qCwxiQvM
पुलिस ने बैरिकेडिंग कर के ट्रैक्टरों को रोका
दरअसल, इंदौर पुलिस ने ट्रैक्टरों के साथ किसानों को विरोध प्रदर्शन के लिए शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी. फलस्वरुप शहर के तेजाजी नगर सांवेर रोड और देपालपुर क्षेत्र से इंदौर की तरफ आने वाले रोड पर बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर लेकर विरोध के लिए पहुंचे हैं. इधर किसानों को न्याय यात्रा में ट्रैक्टरों के साथ प्रवेश रोकने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. इधर इस मामले में अब किसान जहां पुलिस की मनमानी और बैरिकेडिंग के वीडियो बनाकर वायरल कर रहे हैं. वही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उन्हें मौके पर ही विरोध तेज करने की सलाह दी है.
कांग्रेस ने बताया सरकार की मनमानी
कांग्रेस का आरोप है कि 'कांग्रेस पार्टी द्वारा निकाली जा रही किसान न्याय यात्रा में सम्मिलित होने के लिए इंदौर के कार्यक्रम स्थल पर आ रहे किसानों के ट्रैक्टरों को शहर में प्रवेश करने से पुलिस बलपूर्वक रोक रही है. दरअसल, इंदौर पुलिस ने किसान न्याय यात्रा को लेकर सांकेतिक रूप से 5 ट्रैक्टर लाने की पेशकश की थी, लेकिन कांग्रेस नेता पहले 150 ट्रैक्टरों के साथ किसान न्याय यात्रा निकालना चाहते थे. हालांकि बाद में कांग्रेस नेताओं ने 150 ट्रैक्टरों की संख्या 50 करने पर सहमति की मांग की थी, लेकिन पुलिस प्रशासन में 50 ट्रैक्टर लाने की अनुमति नहीं दी. हालांकि इसके बाद कांग्रेस ने इसे प्रशासन की मनमानी बता रही है.
इंदौर में किसानों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है, तेजाजी नगर में पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है!
— MP Congress (@INCMP) September 20, 2024
मुख्यमंत्री जी,
ये वही किसान हैं, जिन्होंने वोट देकर आपको मुख्यमंत्री बनाया है, आप इनकी बात जरूर सुनें। जबरन ट्रैक्टर रोकेंगे, दमन करेंगे, तो यह अलोकतांत्रिक कदम होगा! pic.twitter.com/uUnJFcyMLF
जीतू पटवारी बोले- अलोकतांत्रिक कदम
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'किसान न्याय यात्रा में शामिल होने वाले ट्रैक्टर्स को पूरे मध्य प्रदेश में रोका जा रहा है! आज इंदौर में भी पुलिस जगह-जगह नाकाबंदी कर ट्रैक्टर रोक रही है. कांग्रेस अनुमति लेकर ट्रैक्टर रैली निकल रही है. पुलिस-प्रशासन ने जो रास्ता बताया था, उसी अनुसार ट्रैक्टर्स आ रहे हैं. इसके बाद भी किसानों को रोका जाना हठधर्मिता है. मोहन भैया, ये वही किसान हैं, जिन्होंने वोट देकर आपको मुख्यमंत्री बनाया है. आपसे अनुरोध है, इनकी बात जरूर सुनें. जबरन ट्रैक्टर रोकेंगे, दमन करेंगे, तो यह अलोकतांत्रिक कदम होगा!'
यह है विरोध की वजह
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अप्रैल 2023 में रीवा के पंचायती राज सम्मेलन में अपनी घोषणा में कहा था 'किसानों की आमदनी दोगुना कर दी गई है. जबकि मार्च 2022 में केंद्रीय संसदीय समिति ने यह रिपोर्ट लोकसभा में दी कि मध्य प्रदेश एक ऐसा प्रांत है, जिसमें किसानों की आमदनी 2015-16 की तुलना में 9740 रुपए से घटकर 8339 रुपए प्रतिमाह प्रति परिवार रह गई है. कांग्रेस का आरोप है की भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में भी गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2700 प्रति क्विंटल और धान का समर्थन मूल्य ₹3100 प्रति क्विंटल करने का वादा किया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सरकार यह वादा भूल गई.
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इस सीजन में मध्य प्रदेश में सोयाबीन का भाव 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर चुका है. इससे ज्यादा 4500 क्विंटल का भाव तो प्रदेश के किसानों को 10 साल पहले मिलता था. आज भाजपा सरकार ने उसका समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल यानी 10 साल पहले वाला भाव समर्थन मूल्य के तौर पर निर्धारित किया है, जो कि पहले ही अपर्याप्त है.