जबलपुर। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट के बीच आज से हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू कर दी है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को न सिर्फ कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा, बल्कि परीक्षा के समय ये भी देखना होगा कि, कहीं कोई छात्र बीमारी की हालत में तो स्कूल नहीं आ रहा है.
सरकारी स्कूलों में आज से 9वीं से लेकर 12वीं तक की अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो गई है. स्कूल शिक्षा विभाग ने अर्धवार्षिक परीक्षा में छात्रों को किताब से देखकर उत्तर लिखने की छूट दी है. इसके अलावा अगर छात्र चाहें तो वो प्रश्न पत्र लेकर घर जा सकते हैं और दूसरे दिन स्कूल आकर आंसरशीट जमा कर सकते हैं.
कोविड-19 गाइडलाइन का करना होगा पालन
स्कूल शिक्षा विभाग ने भले ही आज से स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा लेना शुरू कर दिया हो, लेकिन इस परीक्षा के बीच सभी सरकारी स्कूलों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा. यही वजह है कि, पूरी परीक्षा के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा नजर बनाए रखेंगे. शासन की गाइडलाइन के मुताबिक छात्र जब स्कूल आता है, तो उसे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. इसके अलावा सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करना भी सभी छात्रों को अनिवार्य किया गया है.
दो पाली पर होगी अर्धवार्षिक परीक्षा
स्कूल शिक्षा विभाग ने परीक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की है, वो इस तरह से है कि, 9वीं से 10 वीं की परीक्षा सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक होगी. वहीं 11वीं और 12वीं की परीक्षाएं 12:30 से 2:30 बजे तक होंगी. इस बीच अगर छात्र चाहे तो स्कूल में ही रहकर परीक्षा दे सकता है. इसके लिए भी क्लास रूम में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. छात्र को दूरी बनाकर ही परीक्षा देना अनिवार्य किया गया है.
अभिभावकों को भी किया जा रहा मोटिवेट
20 नवंबर से शुरू हुई 9वीं से लेकर 12वीं तक की अर्धवार्षिक परीक्षा में जिले भर से करीब 50 हजार छात्र शामिल हो रहे हैं. कोरोना के बीच परीक्षा को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को भी स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देशित किया है कि, वो बच्चों और परिजनों से संपर्क करें. उन्हें परीक्षा में आने के लिए प्रेरित करें. यही वजह है कि, परीक्षा के 2 दिन पहले ही जबलपुर जिले के तमाम शिक्षकों ने ना सिर्फ छात्रों को मोबाइल से संपर्क किया, बल्कि व्हाट्सएप के जरिए भी परीक्षा के लिए उन्हें सूचना दी.