जबलपुर। नकली रेमडेसीवीर इंजेक्शन को लेकर देश भर में सुर्खियों में आए मध्यप्रदेश के इंदौर और जबलपुर में गुजरात पुलिस ने डेरा डाल रखा है. दस सदस्यीय पुलिस की टीम आज जबलपुर के ओमती थाना पहुंची . ये टीम जबलपुर पुलिस से इस पूरे मामले की जानकारी जुटा रही है.
सिटी अस्पताल संचालक सहित 3 लोग गिरफ्तार
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को गुजरात से लाकर मध्यप्रदेश में खपाने को लेकर अहम भूमिका निभाने वाले सपन जैन को कुछ दिन पहले ही गुजरात पुलिस ने जबलपुर के आधारताल से गिरफ्तार किया था, जबकि मध्यप्रदेश पुलिस ने सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया को गिरफ्तार किया है. इन पर कार्रवाई भी की जा रही है.
आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी
सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया के गिरफ्तार होने के बाद, अब इनसे पूछताछ के लिए मोरवी जिले की पुलिस जबलपुर पहुंच गई है. सूत्रों के मुताबिक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर ले सकती है. अभी गुजरात पुलिस की टीम जबलपुर में रुकी हुई है और मामले में ज्यादा जानकारी जुटा रही है. साथ ही कोर्ट से पुलिस इन आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है.
जबलपुर पहुंची पुलिस की स्पेशल टीम की मदद का एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने भरोसा दिलाया है. एसपी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अभी गुजरात पुलिस जबलपुर आई है, उन्हें जो भी मदद की जरूरत होगी, वह हम करेंगे. इसके अलावा जिस तरह की भी इनपुट के एक्सचेंज की जरुरत होगी की जाएगी.
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सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया को जेल
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया है. जबलपुर में पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद से हड़कंप मचा हुआ है.
दो कार्टून में जबलपुर आए थे इंजेक्शन
अब तक की पुलिस पूछताछ में कुछ अहम खुलासे हुए हैं. इसमें 23 अप्रैल और 28 अप्रैल को बस के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर लाने की बात सामने आई. सरबजीत सिंह मोखा के कहे अनुसार देवेश चौरसिया उन्हें लेने के लिये गया था. कार्टून लेने के बाद देवेश चौरसिया ने सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष में रख दिया था. दवाओं का भुगतान सपन जैन ने किया. इस सबंध में सिटी अस्पताल के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था.
विहिप ने संगठन से किया बाहर
सरबजीत VHP से भी जुड़ा रहा है. लेकिन केस दर्ज होने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत सिंह मोखा को संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया था. प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने उन्हें हर दायित्व से मुक्त करने की घोषणा की थी. जानकारी के मुताबिक सरबजीत सिंह मोखा का नाम जैसे ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेने-देन में आया तो लोगों में भारी आक्रोश उत्पन्न होने लगा.