जबलपुर। प्रदेश में बस ऑपरेटर्स और सरकार के बीच का विवाद सुलझा भी नहीं था और अब बस ऑपरेटर्स ने बसों पर लगाए जा रहे टैक्स के सरकार के तरीके को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है. बस ऑपरेटर्स का मानना है कि राज्य सरकार का बसों से टैक्स लेने का नियम असंवैधानिक है, जिसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका में बताया गया है कि राज्य सरकार संविधान के नियम के मुताबिक टैक्स वसूली नहीं कर रही है. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
जबलपुर हाईकोर्ट में बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने एक याचिका में मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि मोटर यान कराधान के तहत सरकार बसों में मौजूद सीट के हिसाब से टैक्स लेती है, लेकिन संविधान में यह प्रावधान है कि बसों में सीट के हिसाब से नहीं बल्कि यात्रियों की संख्या के हिसाब से टैक्स लिया जाता है.
इस याचिका में कहा गया है कि पिछले कई दशकों से मध्यप्रदेश में सरकार संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन कर रही है. इसी को लेकर प्रदेश में संविधान के मुताबिक बसों से टैक्स वसूली की मांग की गई है. याचिका में उठाए गए तमाम तर्कों को सुनने के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
इस पूरे मसले पर राज्य सरकार की ओर से जवाब आने का इंतजार है. प्रदेश में अनलॉक के बाद भी बसें नहीं चल रही हैं, जिससे तमाम यात्रियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बस ऑपरेटर्स की यह भी मांग है कि लॉकडाउन के दौरान का टैक्स सरकार द्वारा माफ किया जाए, लेकिन अभी तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है.