जबलपुर। आयकर दाता के तनाव को अपने कर के प्रति कम करने के लिए भारत सरकार ने अब विवाद से विश्वास योजना की शुरुआत की है. इस योजना को भारत सरकार ने 17 मार्च 2020 को शुरू किया था, हालांकि कोरोना के चलते इस योजना का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो पाया. विवाद से विश्वास योजना का मुख्य उद्देश्य ये है कि सरकार करदाता को बिना किसी परेशानी के कर जमा करने का समय देगी.
"विवाद से विश्वास"योजना का यह है मुख्य उद्देश
प्रधान आयकर आयुक्त अमरेंद्र कुमार ने कहा कि इस योजना को लाने के लिए भारत सरकार का प्रमुख उद्देश्य यह है कि आयकर दाता अपनी विवादित आय के मामले को बिना किसी विवाद के जमा कर सकता है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि हजारों विवाद अभी भी हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसको लेकर सरकार चाहती है कि आयकर दाता मन की शांति देकर अपना व्यवसाय करें और विवाद से दूर रहकर ज्यादा से ज्यादा सही टेक्स भर कर खुशहाल जीवन जिए.
सरकार टैक्स नहीं बढ़ा रही है- विवाद कम करना चाहती है
प्रधान आयकर आयुक्त अमरेंद्र कुमार का कहना है कि टैक्स बढ़ाने का सरकार का बिल्कुल उद्देश्य नहीं है. असल मुद्दा यह है कि जितना कम हो सके उतना कम विवाद आयकरदाता के साथ हो. उन्होंने कहा कि अब आयकर दाता सिर्फ उतना ही कर जमा कर सकता है जितना कि उसे करना है, इसके लिए उसे किसी तरह की पेनॉल्टी देने की आवश्यकता नहीं है और ना ही किसी तरह का जुर्माना और ब्याज उससे लिया जाएगा.
31 दिसंबर के पहले कर जमा कर पा सकते हैं योजना का लाभ
प्रधान आयकर आयुक्त अमरेंद्र कुमार ने कहा कि आयकरदाता अपनी विवादित आय को लेकर 1 दिसंबर तक आवेदन या तो आयकर कार्यालय या फिर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं.