जबलपुर। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर पांच प्रतिशत से अधिक टैक्स लगाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल में पांच प्रतिशत टैक्स वसुलने का प्रावधान रखा है, लेकिन वर्ततान में सरकार 51 प्रतिशत टैक्स ले रही है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते पेट्रोलियम मंत्रालय और तेल कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.
- सरकार वसूल रही 51 प्रतिशत टैक्स
दरअसल नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने पांच प्रतिशत ही टैक्स लेने का नियम बनाया था. वर्तमान में एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर 51 प्रतिशत टैक्स वसूला जा रहा है. एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार 18 प्रतिशत तथा राज्य सरकार 33 प्रतिशत टैक्स वसुल रही है. ऑयल कंपनियां पेट्रोल-डीजल में 7 से 10 प्रतिशत एथेनॉल मिला रही हैं.
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- 30 प्रतिशत एथेनॉल मिलाएगी कंपनियां
याचिका में कहा गया था कि एथेनाॅल और बायोडीजल की वास्तविक कीमत पैटोल और डीजल की तुलना में लगभग आधी है. इसके वावजूद भी पेट्रोल-डीजल के दाम के अनुसार नागरिक से अतिरिक्त वसूली की जा रही है. ऑयल कंपनियां अभी पेट्रोल और डीजल में सात से 10 प्रतिशत एथेनॉल मिला रही है. 2030 तक ऑयल कंपनियां 30 प्रतिशत एथेनॉल पेट्रोल और डीजल में मिलाने का टारगेट रखा है.
- 4 से 6 रुपए सस्ता हो सकता है पेट्रोल, डीजल
नियम के अनुसार सरकार एथेनॉल पर महज पांच प्रतिशत टैक्स लिया जाना चाहिए. लेकिन सरकार वर्तमान समय में 51 प्रतिशत तक टैक्स वसूल रही है. यदि सरकार नियमानुसार टैक्स वसूले तो आम लोगों को 4 से 6 रुपए सस्ते में डीजल-पेट्रोल मिल सकता है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय सहित सभी ऑइल कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.