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अब मां के गर्भ में ही शुरू हो जाएगी बच्चे की शिक्षा, गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट की शुरुआत

अर्जुन के बेटे अभिमन्यु ने अपनी मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह को भेदना सीख लिया था. महाभारत की इसी कथा के आधार पर जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट की शुरुआत की है.

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Published : May 7, 2019, 1:48 PM IST

गर्भ में ही दिए जाएंगे बच्चों को संस्कार

जबलपुर। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट शुरू किया गया. इसके जरिए योग, मंत्र और संगीत के जरिए गर्भस्थ शिशुओं को संस्कार दिए जाएंगे. वैज्ञानिक पद्धति से इसकी स्टडी की जाएगी और रिपोर्ट को पब्लिश किया जाएगा.

गर्भ में ही दिए जाएंगे बच्चों को संस्कार

पौराणिक कहानियों में हमने सुना है कि जब अर्जुन अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह को भेदने का रहस्य समझा रहे थे, तब अभिमन्यु ने गर्भ में रहते हुए ही चक्रव्यूह में जाने का रहस्य तो सीख लिया था, लेकिन बीच में ही सुभद्रा को नींद आ गई थी, इस वजह से अभिमन्यु चक्रव्यूह से बाहर निकलने का भेद नहीं जान पाए थे. यह पौराणिक कहानी इस बात की ओर इशारा करती है कि गर्भ में रहने वाला बच्चा भी बाहर की दुनिया से ज्ञान लेता है और अगर गर्भवती माता को अच्छे संस्कार दिए जाएं, तो गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सही तरीके से होगा.

इसी सोच के साथ जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत प्रसूताओं को गीत और योग मंत्र की शिक्षा दी जाएगी. वहीं 50 ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जो कि गर्भ संस्कार में शामिल नहीं हैं. इसके बाद दोनों ग्रुप के परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा.

जबलपुर। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट शुरू किया गया. इसके जरिए योग, मंत्र और संगीत के जरिए गर्भस्थ शिशुओं को संस्कार दिए जाएंगे. वैज्ञानिक पद्धति से इसकी स्टडी की जाएगी और रिपोर्ट को पब्लिश किया जाएगा.

गर्भ में ही दिए जाएंगे बच्चों को संस्कार

पौराणिक कहानियों में हमने सुना है कि जब अर्जुन अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह को भेदने का रहस्य समझा रहे थे, तब अभिमन्यु ने गर्भ में रहते हुए ही चक्रव्यूह में जाने का रहस्य तो सीख लिया था, लेकिन बीच में ही सुभद्रा को नींद आ गई थी, इस वजह से अभिमन्यु चक्रव्यूह से बाहर निकलने का भेद नहीं जान पाए थे. यह पौराणिक कहानी इस बात की ओर इशारा करती है कि गर्भ में रहने वाला बच्चा भी बाहर की दुनिया से ज्ञान लेता है और अगर गर्भवती माता को अच्छे संस्कार दिए जाएं, तो गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सही तरीके से होगा.

इसी सोच के साथ जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने गर्भ संस्कार प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत प्रसूताओं को गीत और योग मंत्र की शिक्षा दी जाएगी. वहीं 50 ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जो कि गर्भ संस्कार में शामिल नहीं हैं. इसके बाद दोनों ग्रुप के परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा.

Intro:जबलपुर मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ गर्भ संस्कार कार्यक्रम योग मंत्र और संगीत के जरिए गर्भस्थ शिशुओं को दिए जाएंगे संस्कार गर्भवती महिलाओं को तनाव मुक्त रखने के लिए विशेष कार्यक्रम


Body:जबलपुर पौराणिक कहानियों में हमने सुना है कि जब अर्जुन द्रोपदी को चक्रव्यू को भेदने का रहस्य समझा रहे थे तब अभिमन्यु ने गर्भ में रहते हुए ही चक्रव्यूह मैं जाने का रहस्य तो सीख लिया था लेकिन द्रोपती की नींद आ गई थी इस वजह से अभिमन्यु चक्रव्यूह से बाहर निकलने का भेद नहीं जान पाए थे यह पौराणिक कहानी इस बात की ओर इशारा करती है की गर्भ में रहने वाला बच्चा भी बाहर की दुनिया से ज्ञान लेता है और यदि गर्भवती माता को अच्छे संस्कार दिए जाएं तो गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सही तरीके से होगा और यदि ऐसा नहीं होता है तो जच्चा और बच्चा दोनों ही तकलीफ के दौर से गुजरते हैं कुछ ऐसा ही सोच कर मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने गर्भ संस्कार नाम का एक प्रोजेक्ट शुरू किया है

मेडिकल यूनिवर्सिटी की देखरेख में पायलट प्रोजेक्ट
गर्भ संस्कार का यह पायलट प्रोजेक्ट आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर एस शर्मा की देखरेख में सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग में चलाया जाएगा इसके लिए विभाग में अलग से एक वार्ड बनाया जा रहा है इसके लिए गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है अभी तक लगभग 13 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हो गया है और जब यह संख्या 50 के लगभग हो जाएगी तब बकायदा 1 क्लास रूम बनाया जाएगा जिसमें ऑडियो विजुअल रंगमंच और काउंसलिंग गर्भवती महिलाओं को तनाव मुक्त और खुशमिजाज रहने की ट्रेनिंग दी जाएगी डॉ आर एस शर्मा का कहना है की जो व्यक्ति जिस धर्म मैं भरोसा करता है उससे जुड़ी हुई प्रार्थनाएं उस पर असर करती हैं जब धर्म विशेष से जुड़ी मंत्रों का उच्चारण किया जाता है तो मस्तिष्क कुछ ऐसे हार्मोन शरीर में छोड़ता है जो शरीर के विकास के लिए जरूरी होते हैं यही मंत्र का वैज्ञानिक पहलू है

गर्भवती माताओं को मंत्र और योग सिखाया जाएगा
गर्भवती महिलाओं के लिए मंत्र सुनाए जाएंगे योग सिखाया जाएगा भजन सुनाए जाएंगे अच्छी कहानियां सुनाई जाएगी इसके अलावा परिवार के लोगों की काउंसलिंग भी की जाएगी जिसमें पति सास और परिवार के दूसरे लोगों को भी इस कार्यक्रम में बुलाया जाएगा ताकि यह सब लोग मिलकर एक स्वस्थ शिशु के जन्म में भागीदार बन सके और गर्भवती माता को किसी की सिम का तनाव ना दें

दूरगामी परिणाम
जबलपुर मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विभाग की है जोड़ी डॉ कविता सिंह कहती हैं अभी भी हमारे समाज में गर्भधारण और बच्चे के जन्म को लेकर कई मिथक हैं कई बुरी परंपराएं हैं और कुछ आधुनिकता के दौर की वजह से महिलाएं बच्चे के जन्म के दौरान परेशान हो जाती हैं सिजेरियन के जरिए शहरी इलाकों में ज्यादातर बच्चों का जन्म हो रहा है जानकार डॉक्टर कहते हैं कि यह गलत तरीका है और जहां तक हो सके बच्चे का जन्म सामान्य ही होना चाहिए वहीं यदि गर्भधारण के समय माता को अच्छी बातें सिखाई जाएंगी तो इस से स्वस्थ और गुणवान बच्चे का जन्म होगा जो भविष्य में स्वास्थ्य और सफल होगा








Conclusion:इस प्रोजेक्ट में ऐसी 50 महिलाएं भी जुड़ी जाएंगी जो इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं है और फिर दोनों ही समूहों के अलग-अलग अध्ययन किए जाएंगे फिर दोनों में जो अंतर नजर आएंगे उसके आधार पर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा हालांकि इस प्रोजेक्ट के परिणाम तुरंत नहीं आएंगे लेकिन यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो इसे दूसरे इलाकों में भी दोहराया जाएगा ताकि गर्भवती महिलाओं को एक अच्छे वातावरण में बच्चे को जन्म देने का मौका मिले बाइट
डॉ आर एस शर्मा कुलपति मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय
बाइट डॉ कविता एन सिंह एच ओ डी स्त्री रोग विभाग सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर
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