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बेकार गई पूर्व मंत्री की कोशिश, खाली करना ही पड़ेगा सरकारी बंगला - कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी

कांग्रेस सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री रहे लखन घनघोरिया को वन विभाग की तरफ से मिला सरकारी बंगला अब खाली करना पड़ेगा, बंगला खाली नहीं करने को लेकर पूर्व मंत्री ने कमिश्नर को आवेदन दिया था, जिस पर कमिश्नर ने भी साफ कर दिया कि उन्हें रियायत नहीं मिल सकती है.

Government bungalow will have to be vacated
खाली करना होगा सरकारी बंगला
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Published : Jun 1, 2020, 10:42 PM IST

जबलपुर। जबलपुर पूर्व से विधायक व कमलनाथ सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री रहे लखन घनघोरिया को सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश मिला था, लेकिन अभी तक उन्होंने बंगला खाली नहीं किया है. जब घनघोरिया मंत्री थे, तब उन्हें बंगला सरकार की तरफ से मिला था. जिसे मंत्री पद जाने के बाद उन्हें खाली करना था, लेकिन अब उन्हें वन विभाग से मिला बंगला छोड़ना ही पड़ेगा.

खाली करना होगा सरकारी बंगला

पूर्व मंत्री ने वन विभाग से मिले नोटिस को लेकर कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी से मुलाकात की थी. घनघोरिया ने एक आवेदन देकर मांग की थी कि अभी उनसे बंगला खाली न कराया जाए, अब कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें रियायत नहीं दी जा सकती है. कमिश्नर ने बताया कि पूर्व मंत्री का बंगला खाली कराने को लेकर राज्य सरकार को आवेदन भेज दिया गया है क्योंकि आवास आवंटन को लेकर जिला और संभाग को इसका अधिकार नहीं होता है.

कब तक रहती है सरकारी बंगले की पात्रता

कमिश्नर ने बताया कि पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया को मंत्री रहने तक के लिए ही सरकारी बंगला दिया गया था, वर्तमान में लखन घनघोरिया मंत्री नहीं हैं, इस लिहाज से उन्हें बंगला नहीं दिया जा सकता है. जिस समय बंगला दिया जा रहा था, उस आदेश में इस बात का जिक्र किया गया था. फिलहाल कमिश्रनर ने पूर्व मंत्री के आवेदन को राज्य सरकार को भेज दिया है.

जबलपुर। जबलपुर पूर्व से विधायक व कमलनाथ सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री रहे लखन घनघोरिया को सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश मिला था, लेकिन अभी तक उन्होंने बंगला खाली नहीं किया है. जब घनघोरिया मंत्री थे, तब उन्हें बंगला सरकार की तरफ से मिला था. जिसे मंत्री पद जाने के बाद उन्हें खाली करना था, लेकिन अब उन्हें वन विभाग से मिला बंगला छोड़ना ही पड़ेगा.

खाली करना होगा सरकारी बंगला

पूर्व मंत्री ने वन विभाग से मिले नोटिस को लेकर कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी से मुलाकात की थी. घनघोरिया ने एक आवेदन देकर मांग की थी कि अभी उनसे बंगला खाली न कराया जाए, अब कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें रियायत नहीं दी जा सकती है. कमिश्नर ने बताया कि पूर्व मंत्री का बंगला खाली कराने को लेकर राज्य सरकार को आवेदन भेज दिया गया है क्योंकि आवास आवंटन को लेकर जिला और संभाग को इसका अधिकार नहीं होता है.

कब तक रहती है सरकारी बंगले की पात्रता

कमिश्नर ने बताया कि पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया को मंत्री रहने तक के लिए ही सरकारी बंगला दिया गया था, वर्तमान में लखन घनघोरिया मंत्री नहीं हैं, इस लिहाज से उन्हें बंगला नहीं दिया जा सकता है. जिस समय बंगला दिया जा रहा था, उस आदेश में इस बात का जिक्र किया गया था. फिलहाल कमिश्रनर ने पूर्व मंत्री के आवेदन को राज्य सरकार को भेज दिया है.

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