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प्रदेश सरकार के खिलाफ इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं किसान - vivek tankha

रजिस्ट्रेशन की आखरी तारीख निकलने के बाद जिनका धान नहीं तुल पाया है उनके धान बाद में तौले गए थे, लेकिन बाद में तुले गए धान पोर्टल में नहीं दिख रहा है. जिम्मेदारों को मामले की शिकायत करने पर भी कुछ ही समीतियों का धान पोर्टल पर दिख रहा है. जिसे लेकर किसान परेशान है और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी सरकार को दी है.

किसान नेता
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Published : Mar 29, 2019, 11:57 PM IST

जबलपुर। जिले में किसानों की धान खरीदी को लेकर हो रही समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रही है. 5 महिनों से खुले में पड़ी किसानों का धान अब तक पोर्टल पर नहीं दिख रहा है. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर किसानों ने हाई कोर्ट में जाने की धमकी दी है.

ये किसान पहले भी मामले की शिकायत जिम्मेदारों को कर चुके है, लेकिन अबतक समस्या हल नहीं है. मामले में किसान नेता का कहना है कि रजिस्ट्रेशन की आखरी तारीख निकलने के बाद जिनका धान नहीं तुल पाया है उनके धान बाद में तौले गए थे, लेकिन बाद में तुले गए धान पोर्टल में नहीं दिख रहा है. जिम्मेदारों को मामले की शिकायत करने पर भी कुछ ही समीतियों का धान पोर्टल पर दिख रहा है. जिसे लेकर किसान परेशान है और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी सरकार को दी है.

धान की समस्या से परेशान किसान


बता दे, मामले को लेकर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट कर किसानों के मुद्दे को उठाया था, साथ ही अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक स्थिती जस की तस है.

जबलपुर। जिले में किसानों की धान खरीदी को लेकर हो रही समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रही है. 5 महिनों से खुले में पड़ी किसानों का धान अब तक पोर्टल पर नहीं दिख रहा है. जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर किसानों ने हाई कोर्ट में जाने की धमकी दी है.

ये किसान पहले भी मामले की शिकायत जिम्मेदारों को कर चुके है, लेकिन अबतक समस्या हल नहीं है. मामले में किसान नेता का कहना है कि रजिस्ट्रेशन की आखरी तारीख निकलने के बाद जिनका धान नहीं तुल पाया है उनके धान बाद में तौले गए थे, लेकिन बाद में तुले गए धान पोर्टल में नहीं दिख रहा है. जिम्मेदारों को मामले की शिकायत करने पर भी कुछ ही समीतियों का धान पोर्टल पर दिख रहा है. जिसे लेकर किसान परेशान है और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी भी सरकार को दी है.

धान की समस्या से परेशान किसान


बता दे, मामले को लेकर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट कर किसानों के मुद्दे को उठाया था, साथ ही अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक स्थिती जस की तस है.

Intro:किसानों के जख्मों पर नमक विवेक तंखा का ट्वीट कांग्रेस सरकार नहीं खरीद सकी किसानों का धान


Body:जबलपुर से राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट करके जिस मुद्दे को उठाया है उस मुद्दे पर ईटीवी भारत एक खबर दिखा चुका है दरअसल जबलपुर के पोंडा और तलाद सोसायटीओं में हजारों कुंटल से ज्यादा धान रखी हुई है जो सरकारी लापरवाही की वजह से तुल नहीं पाई है और किसानों को इसका पैसा नहीं मिला है

5 महीने से खुले में पड़ी है धान
धान की फसल नवंबर में आ गई थी उसके पहले किसानों ने इसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिया था उन्हीं दिनों प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हो गए इसलिए प्रशासन धान खरीदी पर ध्यान नहीं दे पाया जबलपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर इन सोसायटी ऊपर बारदाना नहीं पहुंच पाया इसकी वजह से धान खरीदी में समस्या खड़ी हो गई और धान खरीदी की तारीख खत्म हो गई नवंबर से लेकर मार्च तक धान ज्यों की त्यों सोसायटी के प्रांगण में पड़ी हुई है इस मामले में जिस पोर्टल के जरिए खरीदी होनी है वह बंद हो गया था बड़ी जद्दोजहद के बाद वह खुला भी तो भी पूरी धान खरीदी जा सके यह स्थिति नहीं बन रही है

मंत्री और अफसरों को है पूरी जानकारी
ऐसा नहीं है कि किसानों ने इस मुद्दे को किसी के सामने नहीं रखा बल्कि राज्यसभा सांसद विवेक तंखा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह वित्त मंत्री तरुण भनोट और सामाजिक कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया मध्यप्रदेश शासन में जिस विभाग के जरिए खरीदी होती है उसकी प्रमुख सचिव नीलम शमी सभी को इस मामले की जानकारी है लेकिन इसके बाद भी किसानों की धान पूरी तरह से नहीं तोड़ पाई विवेक तंखा ने एक बार फिर ट्वीट किया है लेकिन जबलपुर के किसानों को अब कांग्रेस नेता और उनकी सरकार पर भरोसा नहीं रहा है किसानों का कहना है कि यदि 31 तारीख तक इस मुद्दे का पूरा समाधान नहीं निकला तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा एंगे

पूरी समस्या की जड़ कुछ व्यापारी और नेता हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से बीते सालों में बाजार की धान सरकारी सिस्टम मैं बेच दी थी इसकी वजह से यह सोसायटी ब्लैक लिस्टेड हुई और अब किसान समस्या में पड़ा हुआ है


Conclusion:किसानों की फजीहत यहीं खत्म नहीं होती बल्कि अभी भी जिन किसानों ने धान सरकार को दे दी है उनका लगभग 100 करोड़ों रुपया किसानों को वापस नहीं मिला है जिन किसानों की धान अभी पोर्टल में ही नहीं चढ़ी है उनका पैसा कब मिलेगा यह समझ के परे है

बाइट आर के भरद्वाज किसान नेता भारत कृषक समाज जबलपुर
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