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नजूल की जमीन पर बसे परिवारों की बढ़ीं मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें

हाईकोर्ट के आदेश पर नजूल की जमीनों का सर्वे को लेकर अब जबलपुर के 60 हजार परिवार को इस जमीन का मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. ऐसा होने पर इन परिवारों को सुविधाएं मिलने लगेगी जिनसे वो अब तक दूर थे.

Homes built on Nazul's land
नजूल की जमीन पर बने घर
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Published : Feb 8, 2020, 1:04 AM IST

Updated : Feb 8, 2020, 3:27 AM IST

जबलपुर। शहर में नजूल की जमीन पर रह रहे हजारों परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उच्च न्यायालय के नौ जनवरी 2013 को दिए आदेश पर की जा रही कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों को कई लाभ होंगे और शासन को भी राजस्व मिल सकेगा. फिलहाल शहर की बड़ी आबादी नजूल की जमीन पर काबिज है. इस श्रेणी की भूमि पर बने मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसी प्रकार भूमि के बदले बैंकों से लोन तक नहीं मिलता. लेकिन भूमि स्वामी अधिकार मिलने के बाद यह सारी सुविधाएं उन्हें मिलने लगेंगी.

परिवारों की बढ़ीं मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें


यदि आंकड़ों की बात की जाए तो शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब 60 हेक्टेयर नजूल की जमीन पर लगभग 60 हजार परिवार रह रहे हैं, लेकिन उनके पास मालिकाना हक नहीं है. कलेक्टर द्वारा इसके सर्वे के लिए टीमें बना दी हैं, जिसमें प्रथम चरण में गढ़ा क्षेत्र में सर्वे का काम शुरू किया गया है.


गांवों नजूल की जमीन का सर्वेक्षण और पूर्वेक्षण टीएसएम मशीन से होगा. डिजिटल नक्शा बनाने के साथ अलग-अलग गांवों की नजूल की जमीनों का नंबरवार सर्वे कर नक्शा बनाया जाएगा. पूर्व में भी एक एजेंसी ने गढ़ा और पुरवा क्षेत्र में आबादी का सर्वे किया था. लेकिन, सर्वे रिपोर्ट गोरखपुर तहसील तक अटक कर रह गई. उसे शासन को नहीं भेजा गया.

जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई योजना के तहत पहले गढ़ा फिर पुरवा, रामपुर, ग्वारीघाट और गोरखपुर क्षेत्र में नजूल की जमीन का सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें गोरखपुर में 26 हेक्टेयर, ग्वारीघाट में दो हेक्टेयर, पुरवा में 13 हेक्टेयर, गढ़ा में 39 हेक्टेयर नजूल की जमीन है, जहां सर्वे किया जाना है. ये सर्वे नगर निगम के आगामी चुनाव के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

जबलपुर। शहर में नजूल की जमीन पर रह रहे हजारों परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उच्च न्यायालय के नौ जनवरी 2013 को दिए आदेश पर की जा रही कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों को कई लाभ होंगे और शासन को भी राजस्व मिल सकेगा. फिलहाल शहर की बड़ी आबादी नजूल की जमीन पर काबिज है. इस श्रेणी की भूमि पर बने मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसी प्रकार भूमि के बदले बैंकों से लोन तक नहीं मिलता. लेकिन भूमि स्वामी अधिकार मिलने के बाद यह सारी सुविधाएं उन्हें मिलने लगेंगी.

परिवारों की बढ़ीं मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें


यदि आंकड़ों की बात की जाए तो शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब 60 हेक्टेयर नजूल की जमीन पर लगभग 60 हजार परिवार रह रहे हैं, लेकिन उनके पास मालिकाना हक नहीं है. कलेक्टर द्वारा इसके सर्वे के लिए टीमें बना दी हैं, जिसमें प्रथम चरण में गढ़ा क्षेत्र में सर्वे का काम शुरू किया गया है.


गांवों नजूल की जमीन का सर्वेक्षण और पूर्वेक्षण टीएसएम मशीन से होगा. डिजिटल नक्शा बनाने के साथ अलग-अलग गांवों की नजूल की जमीनों का नंबरवार सर्वे कर नक्शा बनाया जाएगा. पूर्व में भी एक एजेंसी ने गढ़ा और पुरवा क्षेत्र में आबादी का सर्वे किया था. लेकिन, सर्वे रिपोर्ट गोरखपुर तहसील तक अटक कर रह गई. उसे शासन को नहीं भेजा गया.

जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई योजना के तहत पहले गढ़ा फिर पुरवा, रामपुर, ग्वारीघाट और गोरखपुर क्षेत्र में नजूल की जमीन का सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें गोरखपुर में 26 हेक्टेयर, ग्वारीघाट में दो हेक्टेयर, पुरवा में 13 हेक्टेयर, गढ़ा में 39 हेक्टेयर नजूल की जमीन है, जहां सर्वे किया जाना है. ये सर्वे नगर निगम के आगामी चुनाव के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Intro:जबलपुर में नजूल की जमीन पर रह रहे हजारों परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। Body:उच्च न्यायालय के 9 जनवरी 2013 के आदेश पर की जा रही इस कार्यवाही से क्षेत्र के लोगों को कई प्रकार के लाभ होंगे वहीं शासन को भी राजस्व मिल सकेगा। अभी शहर की बड़ी आबादी नजूल भूमि पर काबिज है। इस श्रेणी की भूमि पर बने मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसी प्रकार भूमि के बदले बैंकों से लोन तक नहीं मिलता। लेकिन भूमि स्वामी अधिकार मिलने के बाद यह सारी सुविधाएं उन्हें मिलने लगेंगी। यदि आंकड़ों की बात की जाए तो शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब 60 हेक्टेयर नजूल भूमि पर लगभग 60 हजार परिवार रह रहे हैं लेकिन उनके पास मालिकाना हक नहीं है। कलेक्टर द्वारा इसके सर्वे के लिए टीमें बना दी हैं जिसमें प्रथम चरण में गढ़ा क्षेत्र में सर्वे का काम शुरू किया गया है। नजूल ग्राम की भूमि का सर्वेक्षण और पूर्वेक्षण टीएसएम मशीन से होगा। डिजिटल नक्शा बनाने के साथ अलग-अलग गांवों की नजूल भूमियों का नम्बरवार सर्वे कर नक्शा बनाया जाएगा। पूर्व में भी एक एजेंसी ने गढ़ा और पुरवा क्षेत्र का आबादी सर्वे किया था। लेकिन, सर्वे रिपोर्ट गोरखपुर तहसील तक अटक कर रह गई। उसे शासन को नहीं भेजा गया

बाइट- भरत यादव, कलेक्टरConclusion:जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई योजना के तहत पहले गढ़ा फिर पुरवा, रामपुर, ग्वारीघाट और गोरखपुर क्षेत्र में नजूल भूमि का सर्वे कराया जा रहा है। जिसमें गोरखपुर में 26 हेक्टेयर, ग्वारीघाट में 02 हेक्टेयर, पुरवा में 13 हेक्टेयर, गढ़ा में 39 हेक्टेयर नजूल भूमि है। जहां सर्वे किया जाना है। यह सर्वे नगर निगम के आगामी चुनाव के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Last Updated : Feb 8, 2020, 3:27 AM IST
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