जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने घास से बिजली बनाने का प्रयोग किया है. वैज्ञानिकों का दावा है की घास की जड़ों में चय-उपाचय की प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रान रिलीज होते हैं, जिन्हें तार के जरिए बैटरी तक पहुंचा दी जाए तो बिजली बनाई जा सकती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक उन्होंने अपना प्रयोग पेटेंट के लिए भेज दिया है. पेटेंट होने के बाद रिसर्च पेपर जारी कर वो अपनी खोज पूरी दुनिया के सामने लाएंगे. इस प्रोजेक्ट के हेड डॉक्टर सिंधु का कहना है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को सरकार को सौंप दिया जाएगा
बायो डिजाइन इनोवेशन सेंटर भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आता है. तीन शोधकर्ता छात्र घास के जरिए बिजली बनाने के इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इन शोधकर्ता छात्रों ने ना सिर्फ इस छोटे से प्रोजेक्ट के जरिए बिजली बनाकर दिखाया बल्कि इस्तेमाल घास में पानी देने के लिए करके भी दिखाया. वैज्ञानिकों का दावा है कि सिर्फ घास ही नहीं बल्कि किसी भी किस्म के पौधे से बिजली बनाई जा सकती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक वो दिन दूर नहीं जब किसान अपने इस्तेमाल के अलावा बेचने के लिए बिजली का उत्पादन नहीं कर पाएंगे.
देश में अगर पेड़ पौधों से बिजली बनने लगे तो पेट्रोल और डीजल पर खर्च होने वाली मुद्रा की बचत होगी और वो दिन दूर नहीं होगा जब हम विकसित देशों की कतार में खड़ें हों.