जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया का पूर्व बिशप पीसी सिंह अब ईडी के शिकंजे में फंसता दिख रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार सुबह करीब 11 बजे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सिंह के जबलपुर स्थित घर पर छापा मारा. देर रात तक बंद दरवाजे के पीछे अधिकारियों की टीम की कार्रवाई जारी थी. माना जा रहा है कि यह जांच किसी बड़े आर्थिक अपराध के मामले को लेकर की जा रही है. बड़ी आशंका है कि पूर्व बिशप पीसी सिंह को गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
4 गाड़ियों में आए 8 अधिकारी: विवादित बिशप पीसी सिंह के जबलपुर में मिशन कंपाउंड के सामने स्थित बंगले पर बुधवार सुबह ईडी की टीम ने छापा मारा. 4 गाड़ियों में आए 8 अधिकारियों के साथ जबलपुर पुलिस का बड़ा दस्ता बंगले पर पहुंचते ही जांच-पड़ताल में जुट गया. पीसी सिंह के अलावा उसके राजदार सुरेश जैकब के घर पर भी ईडी ने रेड मारी. दोनों जगह अधिकारियों ने पूछताछ के साथ दस्तावेजों की भी जांच की है.
विदेशी पैसे के लेन-देन का मामला: हालांकि, ईडी की टीम ने कोई जानकारी नहीं दी लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि मामला विदेशी फंड के अवैध लेन-देन से जुड़ा है. कहा जा रहा है कि पीसी सिंह के पास विदेशों की कई फंडिंग एजेंसियों का पैसा आता था, जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण और चर्च को चलाने के लिए किया जाता था. पिछले साल जब आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने सिंह के घर छापा डाला था तो उसके परिवार के नाम से 178 बैंक अकाउंट मिले थे. इसके अलावा लगभग 18000 अमेरिकी डॉलर, 118 पाउंड और एक करोड़ 65 लाख रुपए नकद मिले थे. मालूम पड़ा था कि इन सभी बैंक अकाउंट्स में कई बार विदेशों से पैसा आया है. इस लेन-देन की जांच आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ने की थी. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यह मामला पिछले खुलासे से भी बड़ा है क्योंकि सामान्य तौर पर छोटे मामलों में ईडी कार्रवाई नहीं करती है.
करोड़ों का गोलमाल: बिशप पीसी सिंह मध्य भारत क्षेत्र के चर्च के माध्यम से चलने वाली गतिविधियों का प्रमुख था. चर्च की व्यवस्था में बिशप का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. पीसी सिंह ने इस पद का दुरुपयोग करते हुए चर्च की संपत्तियों को करोड़ों रुपए में बेच डाला. इस पैसे को देश और विदेश में कई जगहों पर निवेश किया गया. इस बीच पीसी सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया और वह 3 महीने तक जेल में भी रहा. बीते दिनों उसकी जमानत हुई, तब जाकर पुराने मामलों में उससे दोबारा पूछताछ हो पा रही है. पीसी सिंह के नियंत्रण में कई शैक्षणिक संस्थाएं थीं. इनमें जबलपुर के कई बड़े स्कूल भी शामिल हैं. इन स्कूलों में करोड़ों रुपए की फीस आती थी. आरोप यह भी है कि इस फीस का इस्तेमाल भी पीसी सिंह ने अपने शौक पूरे करने के लिए किया. यह भी पता लगा है कि सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर कई संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन कराया. इन संस्थाओं के खाते में फॉरेन फडिंग जुटाई जाती थी. इन खातों में विदेश से आए पैसों को दूसरे अकाउंट्स में डालकर अय्याशियों पर खर्च किया जाता था. ईडी ने इसको लेकर दो मामले दर्ज किए थे.
भोपाल से जबलपुर रवाना हुए अधिकारी: ईडी की टीम देर रात तक सिंह के घर पर जांच करती रही. इसके चलते आशंका जताई जा रही है कि ईडी उसे गिरफ्तार कर भोपाल ले जा सकती है. यह भी अटकलें हैं कि कुछ बड़े अधिकारी इस मामले में अतिरिक्त जांच करने के लिए भोपाल से जबलपुर के लिए रवाना हुए हैं. ऐसे में बड़ा अंदेशा है कि ईडी को कुछ ऐसा जरूर मिला है, जो आपत्तिजनक है. फिलहाल इस मामले में जबलपुर पुलिस से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है.