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बैंक घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला, बैंक मैनेजर सहित 4 को सुनाई सजा, 3 रिहा - SHIVPURI COOPERATIVE BANK SCAM CASE

शिवपुरी के कोलारस सहकारी बैंक में हुए 5.31 करोड़ गबन मामले में कोर्ट ने बैंक मैनेजर और प्रभारी कैशियर सहित 4 आरोपियों को सुनाई सजा.

SHIVPURI COOPERATIVE BANK SCAM CASE
4 घोटालेबाजों को कोर्ट ने सुनाई सजा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 9, 2025, 10:04 AM IST

शिवपुरी: कोलारस सहकारी बैंक में हुए घोटाने के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार अधिनियम विवेक शर्मा ने शनिवार को महत्वपूर्ण फैसला दिया. बैंक मैनेजर, प्रभारी कैशियर सहित 4 लोगों को 5-5 साल की सजा सुनाई है, जबकि 3 आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया. घोटला मामले के शेष आरोपित अभी फरार चल रहे हैं.

करोड़ों रुपए के घोटाले का हुआ था खुलासा

लोक अभियोजक सुनील त्रिपाठी ने बताया कि "जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस में जांच के दौरान वर्ष 2020-21 की अवधि के दौरान 5 करोड़ 31 लाख 51 हजार 344 रुपए का घोटाला सामने आया था. तत्कालीन शाखा प्रबन्धक कोलारस जर्नादन सिंह कुशवाह ने इसकी शिकायत कोलारस थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस ने बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक रमेश कुमार राजपूत व प्रभारी कैशियर राकेश पारासर के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.''

पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में किया पेश

जांच के दौरान सामने आया कि घोटाले की राशि पिंकी यादव, पवन यादव, सलीम, रवि रजक और सुनील सेन के खातों में भी अंतरित की गई. इसके अलावा तत्कालीन शाखा प्रबंधक ज्ञानेन्द्र शुक्ला, शिवम पाराशर, चंचल पाराशर, गगन पाराशर, मुकेश पाराशर, भावना कर्ण व रेनू शर्मा की भी संलिप्ता पाई गई थी. पुलिस ने सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. वहीं गिरफ्तार आरोपी रमेश कुमार राजपूत, राकेश पारासर, सलीम, सुनील सेन, रवि रजक, पिंकी यादव व पवन यादव के खिलाफ न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया.

कोर्ट ने घोटालेबाजों को भेजा जेल

घोटाला मामले में फरार चल रहे आरोपी तत्कालीन शाखा प्रबन्धक ज्ञानेन्द्र शुक्ला, शिवम पाराशर, चंचल पाराशर, गगन पाराशर, मुकेश पाराशर, भावना कर्ण व रेनू शर्मा के विरुद्ध अनुसंधान जारी रखते हुए चालान लंबित रखा गया. न्यायालय ने सातों आरोपितों के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू की. इस दौरान सामने आए तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने राकेश पारासर और रमेश कुमार राजपूत को 5-5 साल के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है, जबकि पिंकी यादव व पवन यादव को 3-3 साल के सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं आरोपी सलीम, सुनील सेन और रवि रजक को न्यायालय ने सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया है.

शिवपुरी: कोलारस सहकारी बैंक में हुए घोटाने के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार अधिनियम विवेक शर्मा ने शनिवार को महत्वपूर्ण फैसला दिया. बैंक मैनेजर, प्रभारी कैशियर सहित 4 लोगों को 5-5 साल की सजा सुनाई है, जबकि 3 आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया. घोटला मामले के शेष आरोपित अभी फरार चल रहे हैं.

करोड़ों रुपए के घोटाले का हुआ था खुलासा

लोक अभियोजक सुनील त्रिपाठी ने बताया कि "जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस में जांच के दौरान वर्ष 2020-21 की अवधि के दौरान 5 करोड़ 31 लाख 51 हजार 344 रुपए का घोटाला सामने आया था. तत्कालीन शाखा प्रबन्धक कोलारस जर्नादन सिंह कुशवाह ने इसकी शिकायत कोलारस थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस ने बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक रमेश कुमार राजपूत व प्रभारी कैशियर राकेश पारासर के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.''

पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में किया पेश

जांच के दौरान सामने आया कि घोटाले की राशि पिंकी यादव, पवन यादव, सलीम, रवि रजक और सुनील सेन के खातों में भी अंतरित की गई. इसके अलावा तत्कालीन शाखा प्रबंधक ज्ञानेन्द्र शुक्ला, शिवम पाराशर, चंचल पाराशर, गगन पाराशर, मुकेश पाराशर, भावना कर्ण व रेनू शर्मा की भी संलिप्ता पाई गई थी. पुलिस ने सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. वहीं गिरफ्तार आरोपी रमेश कुमार राजपूत, राकेश पारासर, सलीम, सुनील सेन, रवि रजक, पिंकी यादव व पवन यादव के खिलाफ न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया.

कोर्ट ने घोटालेबाजों को भेजा जेल

घोटाला मामले में फरार चल रहे आरोपी तत्कालीन शाखा प्रबन्धक ज्ञानेन्द्र शुक्ला, शिवम पाराशर, चंचल पाराशर, गगन पाराशर, मुकेश पाराशर, भावना कर्ण व रेनू शर्मा के विरुद्ध अनुसंधान जारी रखते हुए चालान लंबित रखा गया. न्यायालय ने सातों आरोपितों के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू की. इस दौरान सामने आए तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने राकेश पारासर और रमेश कुमार राजपूत को 5-5 साल के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है, जबकि पिंकी यादव व पवन यादव को 3-3 साल के सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. वहीं आरोपी सलीम, सुनील सेन और रवि रजक को न्यायालय ने सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया है.

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