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MP में डॉक्टर्स की हड़ताल जारी, सरकार की लंबी तैयारी, निजी अस्पतालों से जानें क्या है गुजारिश

वेतन और प्रमोशन संबंधी मांगों को लेकर डॉक्टर हड़ताल हैं. प्रदेश भर में डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जबलपुर में ऑपरेशन करवाने आए मरीज बिना इलाज करवाए ही वापस लौट गए. जिला प्रशासन ने रिटायर्ड डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों और गेस्ट डॉक्टर्स की ड्यूटी सरकारी अस्पतालों में लगाई गई है.

doctors strike in mp
एमपी में डॉक्टरों की हड़ताल
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Published : May 3, 2023, 5:18 PM IST

एमपी में डॉक्टरों की हड़ताल

जबलपुर। प्रदेश भर में बुधवार को सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. जबलपुर जिला चिकित्सालय में भी डॉक्टर्स ने धरना दिया. डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. जबलपुर के अधारताल में रहने वाले सोहेल अहमद का हर्निया का ऑपरेशन होना था वे इसी उम्मीद में बुधवार को जबलपुर जिला अस्पताल पहुंचे थे लेकिन यहां पर डॉक्टरों को हड़ताल पर बैठा देख वे मायूस हो गए. डॉक्टरों ने उन्हें देखने तक से मना कर दिया और अस्पताल में जो डॉक्टर्स बैठे थे उनके ऊपर काम का इतना अधिक बोझ था कि बे ऑपरेशन करने की स्थिति में नहीं थे. सोहेल अहमद को दवाई लेकर अपने घर वापस जाना पड़ा. सोहेल को अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया है कि फिलहाल उनका ऑपरेशन संभव नहीं हैं और वे दो-चार दिन बाद आए.

निजी अस्पतालों से सरकार की गुजारिश: जबलपुर के स्वास्थ्य संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और मेडिकल कॉलेज में 32 पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों की ड्यूटी सरकारी अस्पतालों में लगाई गई है. इसके साथ ही 30 रिटायर डॉक्टर्स को भी सेवाएं देने के लिए बुलाया गया है. वहीं सरकारी अस्पतालों में 6 विजिटिंग डॉक्टर को भी कॉल किया जाता है. डॉ. मिश्रा का कहना है कि उन्हें भी ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके बाद भी यदि कोई गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचता है तो जबलपुर शहर के कई निजी चिकित्सालय से यह गुजारिश की गई है कि गंभीर मरीजों को अपने यहां भर्ती कर लें.

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लंबे संघर्ष की तैयारी: निजी अस्पतालों में 600 से ज्यादा मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था बनाई गई है. सरकार की ओर से निजी अस्पतालों को यह भी कहा गया है कि मरीजों से बहुत ज्यादा फीस न वसूले क्योंकि इस समय हड़ताल चल रही है और मरीज परेशानी में है. समाचार माध्यमों के जरिए लोगों को भी इस बात की जानकारी हो गई थी कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं इसलिए सरकारी अस्पतालों में मरीजों की ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली. डॉक्टर के चैंबर्स खाली थे और जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उनमें से कम गंभीर मरीजों ने छुट्टी करवाकर घर पर ही इलाज करने का फैसला किया है. जिस तरीके के इंतजाम प्रशासन ने किए हैं उससे लगता है कि सरकार और डॉक्टरों के बीच का संघर्ष लंबा चलने वाला है.

एमपी में डॉक्टरों की हड़ताल

जबलपुर। प्रदेश भर में बुधवार को सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. जबलपुर जिला चिकित्सालय में भी डॉक्टर्स ने धरना दिया. डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. जबलपुर के अधारताल में रहने वाले सोहेल अहमद का हर्निया का ऑपरेशन होना था वे इसी उम्मीद में बुधवार को जबलपुर जिला अस्पताल पहुंचे थे लेकिन यहां पर डॉक्टरों को हड़ताल पर बैठा देख वे मायूस हो गए. डॉक्टरों ने उन्हें देखने तक से मना कर दिया और अस्पताल में जो डॉक्टर्स बैठे थे उनके ऊपर काम का इतना अधिक बोझ था कि बे ऑपरेशन करने की स्थिति में नहीं थे. सोहेल अहमद को दवाई लेकर अपने घर वापस जाना पड़ा. सोहेल को अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया है कि फिलहाल उनका ऑपरेशन संभव नहीं हैं और वे दो-चार दिन बाद आए.

निजी अस्पतालों से सरकार की गुजारिश: जबलपुर के स्वास्थ्य संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और मेडिकल कॉलेज में 32 पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों की ड्यूटी सरकारी अस्पतालों में लगाई गई है. इसके साथ ही 30 रिटायर डॉक्टर्स को भी सेवाएं देने के लिए बुलाया गया है. वहीं सरकारी अस्पतालों में 6 विजिटिंग डॉक्टर को भी कॉल किया जाता है. डॉ. मिश्रा का कहना है कि उन्हें भी ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके बाद भी यदि कोई गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचता है तो जबलपुर शहर के कई निजी चिकित्सालय से यह गुजारिश की गई है कि गंभीर मरीजों को अपने यहां भर्ती कर लें.

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