राजौरी: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के बुधाल गांव में एक रहस्यमयी बीमारी ने कोहराम मचा दिया है. अब तक 17 लोगों की मौत के बाद गांव के लोग लगातार डर और अनिश्चितता से जूझ रहे हैं. वहीं प्रभावित परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है. गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा चुका है. वहीं, 25 साल की रुबीना कौसर ने अपने परिवार के तीन लोगों को इस संदिग्ध बीमारी की वजह से खो दिया. वह अभी तक डर के साये में जी रही है.
रुबीना कौसर के चेहरे पर गहरी खामोशी
रुबीना कौसर घर की दहलीज पर उदास बैठी हुई है. उनके चेहरे पर एक खामोशी सी छाई हुई है. उन्होंने कहा कि, वह यहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं. उनके मन में इतना ज्यादा डर बैठ गया है कि, वह अपने बच्चों के साथ अब खाना खाने और पानी पीने के लिए दो किलोमीटर दूर अपने माता-पिता के घर चली जाती हैं. वह यहां अपने घर का खाना-पीना छोड़ दिया है. रुबीना कौसर ने कहा कि, उन्हें यहां बुधाल गांव से जाने के लिए किसी ने नहीं कहा, लेकिन उनके परिवार के साथ जो हादसा हुआ, उसके बाद वह यहां कैसे रह सकती हैं.
राजौरी में लोग डरे हुए हैं! प्राकृतिक झरने से पानी पीने पर प्रतिबंध
राजौरी जिले के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी को लेकर लोग काफी डरे हुए नजर आ रहे हैं. 34 साल के मोहम्मद अफाक लंबी कतार में हाथ में कंटेनर लेकर पानी लेने के लिए लंबी कतार में खड़े हैं. यहां गांव के प्राकृतिक झरने और जल श्रोत में मीठा पानी आता है. हालांकि, मामले को देखते हुए प्रशासन ने इसे बंद कर दिया है. अब ग्रामीण जल शक्ति विभाग की तरफ से भेजे जाने वाले पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं. अफाक ने कहा कि, अब उन्हें अपने यहां के पानी पर भी भरोसा नहीं रहा. उनके गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में वे अब बाहर भी नहीं जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि, बच्चे बाहर जाने से डरते हैं. यहां स्कूल बंद कर दिए गए हैं. शादियां कैंसिल कर दी गई है. उन्होंने कहा कि, इस समय गांव अभिशप्त महसूस कर रहा है.
गांव कंटेनमेंट जोन घोषित
बुधाल गांव में 17 लोगों के संदिग्ध बीमारी से मरने के बाद प्रशासन रहस्यमयी बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए गांव को तीन जोन में विभाजित किया है. इतना ही नहीं संबंधित अधिकारियों ने मृतकों के घरों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. साथ ही मृतक पीड़ितों के संपर्क में आए परिवारों की भी लगातार निगरानी की जा रही है. गांव में माहौल तनावपूर्ण है. सुरक्षा बल के जवान सील किए गए पानी के झरने सहित प्रमुख स्थानों पर पहरा दे रहे हैं.
वहीं, गांव के प्राथमिक जल स्रोत को सील करने से लोगों में दहशत और बढ़ गई है. 18 जनवरी को, अधिकारियों द्वारा पानी के नमूनों में जहरीले पदार्थों के पॉजिटीव टेस्ट आने के बाद झरने को सील कर दिया गया. तारिक हुसैन नाम के एक ड्राइवर ने गांव की स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, झरना बंद कर दिया गया है. यहां डर बहुत ज्यादा है.
लोगों को गांव में झरने से पानी लेने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. हालांकि, उन्होंने इससे भी इनकार नहीं किया कि, कुछ लोग चोरी-छिपे झरने का पानी पीने का प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि, गांव में रहस्यमयी बीमारी से लोगों की मौत ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को हैरान और परेशान कर दिया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बैक्टीरिया, वायरल या जूनोटिक बीमारियों से इनकार किया है.
कहां से आई यह रहस्यमयी बीमारी?
वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ. शुजा कादरी ने कहा, "हमारी जांच के आधार पर, इसका कारण संभवतः विषाक्त पदार्थ हैं. ऐसा हो सकता है कि, भोजन या पानी के माध्यम से लोगों ने जहरीले खाद्य पदार्थ का सेवन किया हो. निगले गए हैं. यह आकस्मिक है या जानबूझकर किया गया है, इसकी अभी भी जांच चल रही है. इस रहस्य को सुलझाने के लिए, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 11 सदस्यीय विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया है. केंद्र की एक उच्च-स्तरीय टीम भी क्षेत्र की स्थिति की जांच कर रही है. इस बीच, मृतक के करीबी रिश्तेदारों और उच्च जोखिम वाले लोगों को राजौरी चिकित्सा सुविधाओं में ले जाया गया है.
बुधाल के निवासियों के लिए, जीवन ठहर सा गया है. अफाक ने कहा, "हम लगातार डर में रहते हैं. हमें नहीं पता कि अगला शिकार कौन बनेगा." इसी तरह, रुबीना को भी उम्मीद बनाए रखना मुश्किल लगता है.
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