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देश में ई समन व्यवस्था लागू करने वाला पहला राज्य बना एमपी, कैबिनेट की हरी झंडी, ये होंगे बदलाव - MP FIRST STATE E SUMMONS SYSTEM

महेश्वर में आयोजित मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में ई समन व्यवस्था लागू करने का फैसला. अमित शाह ने की प्रदेश सरकार की तारीफ.

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एमपी में ई समन व्यवस्था लागू होगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 7:29 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 8:37 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब ई समन व्यवस्था लागू होगी. इसके लिए शुक्रवार को महेश्वर में आयोजित कैबिनेट की बैठक में सैद्धांतिक सहमति मिल गई है. अब जल्द ही सरकारी विभाग इस पर अमल शुरू करेंगे. बता दें कि अभी तक देश के किसी भी राज्य में ई समन व्यवस्था नहीं थी. देश में ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है. ई समन के जरिए अब मध्य प्रदेश में कानूनी नोटिस और समन इलेक्ट्रानिक तरीके से भेजे जाएंगे. जिससे लोगों का समय बचेगा और प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आएगी.

प्रदेश में ई समन व्यवस्था लागू होने से ये बदलाव होंगे

मध्य प्रदेश में ई समन की व्यवस्था शुरू होने से पुलिस बल के समय और संसाधनों की बचत होगी. बंदी जेल में विद्यमान क्यूबिक से ही न्यायालयीन प्रक्रिया में शामिल होंगे. ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उन्हें न्यायालय न जाना पड़े. इसी प्रकार चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से ही बयान दर्ज कराने की व्यवस्था भी की जा रही है. सरकार का दावा है कि इन नवाचारों से पुलिस बल को कई प्रक्रियागत कार्यों में सुविधा मिलेगी और पुलिस के लगभग 30 प्रतिशत कार्य व समय की बचत होगी.

ई समन व्यवस्था की प्रतिमाह होगी समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि "तीन नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के अंतर्गत मध्य प्रदेश ने देश में सबसे पहले ई-समन व्यवस्था लागू की गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में नई दिल्ली में ली गई बैठक में नए कानूनों के क्रियान्वयन की दृष्टि से मध्य प्रदेश की अग्रणी व आदर्श राज्य के रूप में सराहना हुई." सीएम ने कहा कि "राज्य सरकार समय-सीमा में प्राथमिकता से इसे लागू करने के लिए प्रतिमाह बैठक कर प्रगति की समीक्षा भी करेगी."

अब नहीं चलेगा समन नहीं मिलने का बहाना

किसी भी मामले की सुनवाई के लिए यह जरूरी होता है, कि उससे संबंधित सभी कार्रवाई अभियुक्त की उपस्थिति में हो. समन सामान्यतः न्यायालय में चल रही सुनवाई में उपस्थित होने के लिए भेजा जाता है. अब तक पुलिस या कोर्ट के कर्मचारियों द्वारा समन किसी मामले के अभियुक्त या उससे संबंधित अन्य लोगों को पहुंचाया जाता है. जिसमें समय अधिक लगता है. साथ ही पक्षकारों का पता ढूंढना भी मुश्किल होता है. कई बार लोग समन नहीं मिलने का बहाना भी कोर्ट में बनाते हैं. ऐसे में अब ई समन जारी होने से ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी.

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब ई समन व्यवस्था लागू होगी. इसके लिए शुक्रवार को महेश्वर में आयोजित कैबिनेट की बैठक में सैद्धांतिक सहमति मिल गई है. अब जल्द ही सरकारी विभाग इस पर अमल शुरू करेंगे. बता दें कि अभी तक देश के किसी भी राज्य में ई समन व्यवस्था नहीं थी. देश में ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है. ई समन के जरिए अब मध्य प्रदेश में कानूनी नोटिस और समन इलेक्ट्रानिक तरीके से भेजे जाएंगे. जिससे लोगों का समय बचेगा और प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आएगी.

प्रदेश में ई समन व्यवस्था लागू होने से ये बदलाव होंगे

मध्य प्रदेश में ई समन की व्यवस्था शुरू होने से पुलिस बल के समय और संसाधनों की बचत होगी. बंदी जेल में विद्यमान क्यूबिक से ही न्यायालयीन प्रक्रिया में शामिल होंगे. ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उन्हें न्यायालय न जाना पड़े. इसी प्रकार चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से ही बयान दर्ज कराने की व्यवस्था भी की जा रही है. सरकार का दावा है कि इन नवाचारों से पुलिस बल को कई प्रक्रियागत कार्यों में सुविधा मिलेगी और पुलिस के लगभग 30 प्रतिशत कार्य व समय की बचत होगी.

ई समन व्यवस्था की प्रतिमाह होगी समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि "तीन नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के अंतर्गत मध्य प्रदेश ने देश में सबसे पहले ई-समन व्यवस्था लागू की गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में नई दिल्ली में ली गई बैठक में नए कानूनों के क्रियान्वयन की दृष्टि से मध्य प्रदेश की अग्रणी व आदर्श राज्य के रूप में सराहना हुई." सीएम ने कहा कि "राज्य सरकार समय-सीमा में प्राथमिकता से इसे लागू करने के लिए प्रतिमाह बैठक कर प्रगति की समीक्षा भी करेगी."

अब नहीं चलेगा समन नहीं मिलने का बहाना

किसी भी मामले की सुनवाई के लिए यह जरूरी होता है, कि उससे संबंधित सभी कार्रवाई अभियुक्त की उपस्थिति में हो. समन सामान्यतः न्यायालय में चल रही सुनवाई में उपस्थित होने के लिए भेजा जाता है. अब तक पुलिस या कोर्ट के कर्मचारियों द्वारा समन किसी मामले के अभियुक्त या उससे संबंधित अन्य लोगों को पहुंचाया जाता है. जिसमें समय अधिक लगता है. साथ ही पक्षकारों का पता ढूंढना भी मुश्किल होता है. कई बार लोग समन नहीं मिलने का बहाना भी कोर्ट में बनाते हैं. ऐसे में अब ई समन जारी होने से ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी.

Last Updated : Jan 24, 2025, 8:37 PM IST
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