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लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की मदद करेगा 'ज्ञानवापी एप' - GYAANVAAPI APP

शुरू में एप को एनएफआर जोन में लागू किया गया है और यदि सफलता मिलती है, तो इसे अन्य रेलवे जोन में पेश किया जाएगा.

Loco pilot and assistant loco pilot of the train
ट्रेन की लोको पायलट व सहायक लोको पायलट (प्रतीकात्मक फोटो-ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 24, 2025, 7:31 PM IST

नई दिल्ली: ट्रेन के लोको पायलटों, सहायक लोको पायलटों और गार्डों के परिचालन कौशल को विकसित करने के लिए डिजिटल ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से रेलवे ने उन्हें नई टेक्नालॉजी के प्रति अपडेट रखने के लिए एक सर्व-समावेशी शैक्षिक मंच 'ज्ञानवापी एप' पेश किया है.

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि शुरुआत में इस एप को एनएफआर जोन में लागू किया गया है और अगर इसे सफलता मिलती है तो एप को अन्य रेलवे जोन में भी पेश किया जाएगा. एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि ज्ञानवापी एप एक ऑल-इन-वन शैक्षिक मंच है जो विशेष रूप से रेलवे पेशेवरों के लिए बनाया गया है.

यह उपयोगकर्ताओं को ज्ञान से सशक्त बनाने, उनके व्यावसायिक विकास को बढ़ाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए संसाधनों का खजाना प्रदान करता है कि वे परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों और विकासों से अवगत रहें. उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी एप को वरिष्ठ सहायक लोको पायलट नितीश शर्मा ने डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर/पावर/तिनसुकिया, सुनील कुमार के साथ मिलकर विकसित किया है.

एप के उपयोग से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए लोको पायलट एमपी चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा कि ज्ञानवापी एप को एनएफआर में लागू किया गया है, लेकिन इसी तरह का एप कर्मयोगी पहले भी कई जोनों में पेश किया जा चुका है. उन्होंने कहा, 'एप-आधारित ज्ञान का उपयोग करना अच्छा है, लेकिन कई मुद्दे हैं जैसे कई कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, जिसकी वजह से वे इस ऑनलाइन प्रशिक्षण का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं." चौधरी ने कहा, "अगर सरकार ऑनलाइन प्रशिक्षण देना चाहती है तो उसे हमें एप संगत डिवाइस उपलब्ध करानी चाहिए."

एक अन्य लोको पायलट असीमा ने ईटीवी भारत को बताया, "हम एक एप का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले मुझे एक अन्य ऑनलाइन एप-आधारित प्रशिक्षण के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि यह पेशेवर ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक अच्छा एप है. मैंने इस प्रशिक्षण में भाग लिया है जिससे मुझे कई तकनीकी बिंदुओं और मालगाड़ियों के स्टेशनों के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिली है.”

असीमा ने कहा, "इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेने से संबंधित मुख्य मुद्दा यह है कि हमें प्रशिक्षण के लिए कोई विशिष्ट समय स्लॉट प्रदान नहीं किया जाता है, इसलिए हम इसे या तो अपने आराम के समय या अपने साप्ताहिक अवकाश के दिनों में देखते हैं."

वहीं एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार ने परिचालन संबंधी ज्ञान-साझाकरण में परिवर्तन लाने तथा रेलवे की व्यावसायिक क्षमताओं को मजबूत बनाने में एप की क्षमता पर जोर दिया. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने सभी डिवीजनों में एप के व्यापक कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

इस बारे में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव व लोको पायलट केसी जेम्स ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे अक्सर ज्ञान के लिए इस प्रकार के ऑनलाइन एप पेश करता है. दक्षिण रेलवे में, ऑनलाइन ज्ञान प्रदान करने के लिए कर्मयोगी एप को लागू किया गया है, लेकिन एलपी और एपीएल के लिए दो प्रमुख मुद्दे हैं, इसमें पहला, उन्हें ड्यूटी पर और शौचालय के बाहर मोबाइल का उपयोग करने की अनुमति नहीं है.दूसरा एलपी और एपीएल को ऑनलाइन नहीं बल्कि वास्तविक समस्याओं से निपटने के लिए व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें- बिना पेमेंट किए बुक करें ट्रेन का टिकट, बाद में करें भुगतान, जानें पूरा प्रोसेस

नई दिल्ली: ट्रेन के लोको पायलटों, सहायक लोको पायलटों और गार्डों के परिचालन कौशल को विकसित करने के लिए डिजिटल ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से रेलवे ने उन्हें नई टेक्नालॉजी के प्रति अपडेट रखने के लिए एक सर्व-समावेशी शैक्षिक मंच 'ज्ञानवापी एप' पेश किया है.

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि शुरुआत में इस एप को एनएफआर जोन में लागू किया गया है और अगर इसे सफलता मिलती है तो एप को अन्य रेलवे जोन में भी पेश किया जाएगा. एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि ज्ञानवापी एप एक ऑल-इन-वन शैक्षिक मंच है जो विशेष रूप से रेलवे पेशेवरों के लिए बनाया गया है.

यह उपयोगकर्ताओं को ज्ञान से सशक्त बनाने, उनके व्यावसायिक विकास को बढ़ाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए संसाधनों का खजाना प्रदान करता है कि वे परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों और विकासों से अवगत रहें. उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी एप को वरिष्ठ सहायक लोको पायलट नितीश शर्मा ने डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर/पावर/तिनसुकिया, सुनील कुमार के साथ मिलकर विकसित किया है.

एप के उपयोग से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए लोको पायलट एमपी चौधरी ने ईटीवी भारत से कहा कि ज्ञानवापी एप को एनएफआर में लागू किया गया है, लेकिन इसी तरह का एप कर्मयोगी पहले भी कई जोनों में पेश किया जा चुका है. उन्होंने कहा, 'एप-आधारित ज्ञान का उपयोग करना अच्छा है, लेकिन कई मुद्दे हैं जैसे कई कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, जिसकी वजह से वे इस ऑनलाइन प्रशिक्षण का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं." चौधरी ने कहा, "अगर सरकार ऑनलाइन प्रशिक्षण देना चाहती है तो उसे हमें एप संगत डिवाइस उपलब्ध करानी चाहिए."

एक अन्य लोको पायलट असीमा ने ईटीवी भारत को बताया, "हम एक एप का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले मुझे एक अन्य ऑनलाइन एप-आधारित प्रशिक्षण के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि यह पेशेवर ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक अच्छा एप है. मैंने इस प्रशिक्षण में भाग लिया है जिससे मुझे कई तकनीकी बिंदुओं और मालगाड़ियों के स्टेशनों के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिली है.”

असीमा ने कहा, "इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेने से संबंधित मुख्य मुद्दा यह है कि हमें प्रशिक्षण के लिए कोई विशिष्ट समय स्लॉट प्रदान नहीं किया जाता है, इसलिए हम इसे या तो अपने आराम के समय या अपने साप्ताहिक अवकाश के दिनों में देखते हैं."

वहीं एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार ने परिचालन संबंधी ज्ञान-साझाकरण में परिवर्तन लाने तथा रेलवे की व्यावसायिक क्षमताओं को मजबूत बनाने में एप की क्षमता पर जोर दिया. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने सभी डिवीजनों में एप के व्यापक कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

इस बारे में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव व लोको पायलट केसी जेम्स ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे अक्सर ज्ञान के लिए इस प्रकार के ऑनलाइन एप पेश करता है. दक्षिण रेलवे में, ऑनलाइन ज्ञान प्रदान करने के लिए कर्मयोगी एप को लागू किया गया है, लेकिन एलपी और एपीएल के लिए दो प्रमुख मुद्दे हैं, इसमें पहला, उन्हें ड्यूटी पर और शौचालय के बाहर मोबाइल का उपयोग करने की अनुमति नहीं है.दूसरा एलपी और एपीएल को ऑनलाइन नहीं बल्कि वास्तविक समस्याओं से निपटने के लिए व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता है.

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