जबलपुर। कोरोना की इस लड़ाई में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग दिन रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं जो तारीफ के काबिल हैं. प्रदेश के सभी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है. इस जंग के रियल हीरो सही मायने में डॉक्टर्स हैं जो अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरे की जान बचा रहे हैं.
जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और कोरोना के आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. दीपक बरकड़े कोरोना वायरस से संक्रमितों और संदिग्ध मरीजों के इलाज में जुटे हैं. डॉक्टर दीपक और सहयोगी डॉक्टर साथियों और पैरामेडिकल स्टॉफ की निगरानी में जबलपुर के 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होने के बाद अपने घर चले गए हैं.
डॉ. दीपक बरकड़े की जिम्मेदारी ज्यादा है, साथ ही संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा है. डॉक्टर ने बाताया कि आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के रिश्तेदारों का प्रवेश भी पूरी तरह प्रतिबंधित हैं, उन्होंने बताया कि वो खुद वार्ड में जाने से पहले सावधानी बरतते हैं. पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट हेयर कैप, फेस मास्क और ग्लव्ज पहनकर ही वार्ड में मरीजों को देखने जाते हैं. मरीजों को देखने के बाद सभी जरूरी चीजों को सेनेटाइज करते हैं. ताकि वायरस के संक्रमण से औरों को बचाया जा सके.
डॉ. बरकड़े ने बताया कि वो जब भी घर पहुंचते है तो घर के अंदर जाने से पहले गाड़ी की चाभी, पर्स, ब्लूटूथ, बेल्ट आदि सभी को सेनेटाइज करते हैं. उन्होंने अपने घर के बाहर ही नहाने की व्यवस्था कर रखी है. जहां वो गर्म पानी से नहाने के बाद ही घर में प्रवेश करते हैं. डॉक्टर ने बताया कि इस बिमारी का एक मात्र इलाज है सोशल डिस्टेंसिंग.