जबलपुर। प्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कारपोरेट ने कानून ड्राफ्ट करके सरकार को दे दिया था. सरकार ने उसे ही लागू कर दिया है. 18 लाख करोड़ के बाजार पर कारपोरेट के दबाव में कृषि कानून बनाया गया. खुद कमल पटेल के रिश्तेदार के साथ नए कानून के तहत हुई धोखाधड़ी हुई है.
कृषि मंत्री के रिश्तेदार का पैसा लेकर भागा व्यापारी
दिग्विजय सिंह का कहना है कि नए कानून के आने के बाद कोई भी किसानी माल की खरीदी कर सकता है. वहीं 3 दिन बाद उसको किसानों को भुगतान देना होगा. उन्होंने खातेगांव में एक घटना की जानकारी देते हुए कहा कि खातेगांव के एक व्यापारी ने लगभग 5 करोड़ रुपए के मूल्य का अनाज किसानों से नए कानून के तहत खरीदा. इसमें केवल पैन कार्ड और आधार कार्ड के आधार पर इस फर्म ने 5 करोड़ का अनाज किसानों से खरीद लिया था और व्यापारी इसके बाद फरार हो गया. इसमें कृषि मंत्री कमल पटेल के सगे रिश्तेदार का 75,000,00 रुपए का माल भी शामिल था. अब नए कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कौन व्यापारी कितना माल खरीद सकता है, ना ही उसकी कोई बैंक गारंटी है. अब यह किसानों का पैसा कैसे वसूला जाएगा किसी को कोई जानकारी नहीं.
कोर्ट के रास्ते बंद
दिग्विजय सिंह का कहना है कि नए कानून ने किसानों के लिए कोर्ट के रास्ते भी बंद कर दिए हैं. अब किसान अपने साथ हुए धोखे के खिलाफ अदालत भी नहीं जा सकता. ऐसे में आखिर किसानों को न्याय कैसे मिलेगा.
राज्यसभा में भी नहीं सुनी गई
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी अपनी आपत्ति दर्ज करवाई थी और वोट करवाने की मांग की थी. लेकिन संवैधानिक परंपरा के विपरीत उनकी बात नहीं सुनी गई और मनमाने तरीके से या कानून लागू कर दिया गया. अब दिग्विजय सिंह का कहना है कि यदि सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश के 50,000 किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे.