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राम वन गमन पथ जबलपुर तक बनाने की मांग, संतों का समूह सीएम से करेगा मुलाकात

राम वन गमन पथ को जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर तक बनाए जाने को लेकर संतों का एक समूह जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा.

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राम वन गमन पथ का मार्ग जबलपुर तक बनाया जाए
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Published : Feb 24, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Feb 24, 2020, 9:46 PM IST

जबलपुर। राम वन गमन पथ जोकि चित्रकूट से अमरकंटक तक बनाने की तैयारी राज्य सरकार कर रहा है, उस मार्ग को जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर तक बनाए जाने के लिए संतों का एक समूह जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी कर रहा है. कहा जाता है कि गुप्तेश्वर मंदिर में भगवान राम ने वनवास के दौरान शिवलिंग का निर्माण किया था.

राम वन गमन पथ का मार्ग जबलपुर तक बनाया जाए

24 फरवरी से 3 मार्च तक होने वाले संत समागम के दौरान संत राज्य सरकार से चर्चा करेंगे कि गुप्तेश्वर मंदिर तक राम वन गमन पथ बनवाया जाए. बताया जाता है कि पुराणों में चित्रकूट तक भगवान के आने का उल्लेख मिलता है, महर्षि जबाली के चलते भगवान राम जबलपुर आए थे. संत बताते हैं कि भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता के साथ वनवास के दौरान महर्षि सुतीक्ष्ण के आश्रम आए थे जो वर्तमान में सतना जिले के जैतवार स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर स्थित है.

आश्रम में उस समय महर्षि जबाली थे, जब भगवान राम उनसे मिलने चित्रकूट से जबलपुर पहुंचे, तब महर्षि जबाली साधना में लीन थे, इसलिए भगवान राम ने उनका ध्यान भंग नहीं किया और गुफा के अंदर प्रवाहित नर्मदा धारा से शिवलिंग का निर्माण किया, जोकि आज गुप्तेश्वर मंदिर में स्थित है.

गुप्तेश्वर मंदिर पीठाधीश्वर महाराज डॉ. स्वामी मुकुंद दास महाराज की माने तो भगवान राम वनवास के दौरान नर्मदा तट पर 10 साल रहे और गुप्तेश्वर शिवलिंग की स्थापना की. इसे रामेश्वरम का उपलिंग भी कहा जाता है. राम वन गमन पथ में उन स्थानों को शामिल किया गया है, जहां भगवान राम वनवास के दौरान गए थे. प्रदेश सरकार में अभी चित्रकूट से अमरकंटक तक का मार्ग शामिल है, जिसे जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर तक करने की संतों ने राज्य सरकार से मांग की है.

जबलपुर। राम वन गमन पथ जोकि चित्रकूट से अमरकंटक तक बनाने की तैयारी राज्य सरकार कर रहा है, उस मार्ग को जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर तक बनाए जाने के लिए संतों का एक समूह जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी कर रहा है. कहा जाता है कि गुप्तेश्वर मंदिर में भगवान राम ने वनवास के दौरान शिवलिंग का निर्माण किया था.

राम वन गमन पथ का मार्ग जबलपुर तक बनाया जाए

24 फरवरी से 3 मार्च तक होने वाले संत समागम के दौरान संत राज्य सरकार से चर्चा करेंगे कि गुप्तेश्वर मंदिर तक राम वन गमन पथ बनवाया जाए. बताया जाता है कि पुराणों में चित्रकूट तक भगवान के आने का उल्लेख मिलता है, महर्षि जबाली के चलते भगवान राम जबलपुर आए थे. संत बताते हैं कि भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता के साथ वनवास के दौरान महर्षि सुतीक्ष्ण के आश्रम आए थे जो वर्तमान में सतना जिले के जैतवार स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर स्थित है.

आश्रम में उस समय महर्षि जबाली थे, जब भगवान राम उनसे मिलने चित्रकूट से जबलपुर पहुंचे, तब महर्षि जबाली साधना में लीन थे, इसलिए भगवान राम ने उनका ध्यान भंग नहीं किया और गुफा के अंदर प्रवाहित नर्मदा धारा से शिवलिंग का निर्माण किया, जोकि आज गुप्तेश्वर मंदिर में स्थित है.

गुप्तेश्वर मंदिर पीठाधीश्वर महाराज डॉ. स्वामी मुकुंद दास महाराज की माने तो भगवान राम वनवास के दौरान नर्मदा तट पर 10 साल रहे और गुप्तेश्वर शिवलिंग की स्थापना की. इसे रामेश्वरम का उपलिंग भी कहा जाता है. राम वन गमन पथ में उन स्थानों को शामिल किया गया है, जहां भगवान राम वनवास के दौरान गए थे. प्रदेश सरकार में अभी चित्रकूट से अमरकंटक तक का मार्ग शामिल है, जिसे जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर तक करने की संतों ने राज्य सरकार से मांग की है.

Last Updated : Feb 24, 2020, 9:46 PM IST
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