जबलपुर। जिले में एक तरफ कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है वहीं दूसरी तरफ कोरोना से मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं. जबलपुर में बीते 13 दिनों में कोरोना से 19 मरीजों की मौत हो गई है. जिसके बाद अब तक जिले में कोरोना से 48 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसमें बड़ी संख्या में ऐसे मरीजों शामिल हैं, जिनका इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा था.
मिली जानकारी के मुताबिक निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों की ज्यादा तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर किया जाता है और इस में देरी की वजह से भी कई मरीजों की मौत हुई है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साफ निर्देश हैं कि निजी अस्पताल कोरोना के माईल्ड इंफेक्टेड मरीजों का इलाज कर सकते हैं, लेकिन उनकी तबियत गंभीर होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया जाए. फिर भी बिल बढ़ाने की जुगत में निजी अस्पताल गंभीर मरीजों को आखिरी स्टेज पर रेफर कर रहे हैं.
जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने इस पर संज्ञान लिया है. कलेक्टर के मुताबिक निजी अस्पतालों की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कलेक्टर ने सभी निजी अस्पतालों के संचालकों को एक बार फिर दिशा निर्देश देने के लिए बैठक करने की बात की है. कलेक्टर का कहना है कि कोरोना मरीजों को रेफर करने में देर करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी.
निजी अस्पतालों को प्रशासन ने इलाज करने की अनुमति इसलिये दी थी कि जो लोग सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं करवाना चाहते वे अपने हिसाब से इलाज करवा सकते हैं और सरकारी अस्पतालों का बोझ भी कम हो जाएगा.