जबलपुर। हाईकोर्ट ने होशंगाबाद नगर पालिका में अवैध तरीके से लगाई गई होर्डिंगस को हटाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामला होशंगाबाद निवासी वैभव सिंह सोलंकी की ओर से दायर किया गया था. जिसमें कहा गया था कि नगर पालिका ने होर्डिंग्स के संबंध में वर्ष 2017 से कोई टेंडर नहीं निकाले हैं. बावजूद इसके पूरे क्षेत्र में बिना अनुमति अवैध होर्डिंग्सों की भरमार है. जिसका न तो कोई शुल्क वसूला जा रहा है और न ही कोई कार्रवाई की जा रहीं है, जो कि एडवरटाईजमेंट रूल्स के खिलाफ है.
प्रशासन ने रिपोर्ट पेश करने के लिए मांगा समय
इस पूरे मामले में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त होशंगाबाद, कलेक्टर होशंगाबाद व सीईओ नगर पालिका को पक्षकार बनाया गया था. उक्त मामले में 5 अक्टूबर 2020 को न्यायालय ने अवैध होर्डिंग्स हटाकर कार्रवाई करने और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये थे. मामले में बुधवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से रिपोर्ट पेश करने का समय मांगा गया, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिये मुलतवीं कर दी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सौरभ कुमार तिवारी ने पक्ष रखा.
कोर्ट ने इंदिरा सागर बांध विस्थापितों के मुआवजे संबंधी मामले में जवाब मांगा
इंदिरा सागर बांध विस्थापितों के मुआवजे संबंधी मामले की मप्र शासन की नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. नर्मदा बचाओं आंदोलन की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार ने सभी को फैक्टर एक के तहत मुआवजा दिये जाने के आदेश कर दिये है. जो राईट टू फेयर कंपन्सैषन को उलंध्धन है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.